March 2020 ने हम सबकी Life को पूरी तरह बदल दिया।
Coronavirus के बढ़ते Cases के कारण अचानक Lockdown लग गया और इसी के साथ पूरी दुनिया मानो थम सी गई।
सभी दुकानें और फैक्ट्रियां बंद हो गईं और Offices बंद हो गए, और इसी के साथ बंद हुई लोगों की Income. लेकिन, मैंने देखा कि इन सबके बावजूद Online Deliveries तो हम तक पहुंच ही रही थी।
यही नहीं, जिन्होंने Online Business Set Up किया हुआ था, उनके Business पर इसका कुछ खास Impact नहीं पड़ा, बल्कि उन्होंने अपना Business Grow कर लिया, और कई Offline Business Operators को तो अपना Business ही बंद करना पड़ा।
मैं, खुद साड़ियों का व्यापारी हूं।
मुझपर 250 Employees और उनकी Families निर्भर हैं।
इस Pandemic ने मुझे बहुत जल्दी सिखा दिया की खुद को Upgrade करना ही इस समय Survival का एकमात्र तरीका है।
जब मैंने खुद को Upgrade करने का Decision लिया, तो सबसे पहले अपना बिज़नेस ऑनलाइन ले जाने की ठानी।
अपने साड़ियों के Business को ऑनलाइन ले जाने के लिए मैंने डिजिटल मार्केटिंग सीखना शुरू किया।
डिजिटल मार्केटिंग सीखने के दौरान मुझे इसमें एक Opportunity दिखाई दी, जो थी Digital Marketing की Knowledge को हर आम आदमी तक लेकर जाना, ताकि Covid जैसा Pandemic उन्हें Financially परेशान न कर सके।
आज के इस डिजिटल दौर में डिजिटल मार्केटिंग एक ऐसा लाइफ स्किल है जो हर किसी को सीखना आवश्यक है।
Businessman होने के साथ साथ, मुझे 9th Standard से ही सिखाने का शौक है। पेशे से मैं भले ही एक Businessman हूं, पर आज, मेरे सिखाने के इस शौक ने मुझे इस मकाम पर पहुंचा दिया है।
जन जन को डिजिटल मार्केटिंग का Knowledge देने के लिए मैंने Digital Azadi का निर्माण किया।
Digital Azadi, ये नाम आया Digital Marketing और Financial Freedom को जोड़कर।
Digital Azadi,
एक Mission है, जहां मैं कम से कम 10 लाख लोगों की मदद करना चाहता हूँ और चाहता हूँ कि वे इस ज्ञान को मुझसे प्राप्त करें और अपने जीवन के हर तरह के Problems को दूर करें।
एक School है, जहां मैं आज की Latest Digital Marketing Strategies & Tools सिखाता हूँ।
एक Tribe या Community है, जहां मैं सभी Students को एक साथ Digital Azadi के साथ Connected रखता हूँ ताकि हम सब मिलकर इस Mission को पूरा कर सकें।
एक Service है, जहां मैं सिखाता हूँ कि क्यों आपको अपनी Earnings में से कम से कम 10% पैसा ज़रूरतमंद लोगों में बाँटना चाहिए।
एक Shop है, जहां Students अपने प्रोडक्ट्स बनाकर Digital Azadi Community में Share कर सकते हैं और एक साथ Collaborate करके किसी नए प्रोडक्ट या सर्विस की शुरुआत कर सकते हैं।
Digital Azadi के अपने इस प्रयत्न से मैं हर आम आदमी तक पहुंचना चाहता हूँ और उन्हें इस Digitalisation के दौर में आगे बढ़ने के लिए ज़रूरी सभी Digital Marketing Techniques & Tools का ज्ञान देना चाहता हूँ।
Digital Azadi के Motto – Learn, Implement, Earn से मैं अब तक 10 हज़ार से भी ज़्यादा Students की जिंदगी को प्रभावित कर चुका हूँ।
अपनी इस Guide – ‘Digital Ecosystem – 100% Digital Marketing Success Formula’ के ज़रिये मैंने 10 लाख लोगों तक पहुँचने के अपने मिशन को सफल बनाने की दिशा में अपना अगला कदम बढ़ाया है। इस Mission को Successful बनाने के लिए मैं आप सभी Readers का स्वागत करता हूँ।
इंसान लगातार Evolve हो रहे हैं और खुद के जीवन को सरल बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। आज हमारे पास अपने जीवन को सरल बनाने के लिए कई चीज़ें उपलब्ध हैं जिन्हें हम Effectively अपनी दिनचर्या में शामिल कर रहे हैं।
इन सभी चीज़ों में सबसे बड़ा नाम आता है इंटरनेट का, जिसका आज से कुछ 20 – 25 साल पहले तक नामोनिशान भी नहीं था। भारत जैसे बड़े देश में भी इसकी लोकप्रियता बढ़ने में कई साल लग गए। किसी ने इंटरनेट जैसी चीज़ के बारे में नहीं सुना था और न ही कभी कल्पना की थी कि एक दिन यह इंसान की निजी ज़िंदगी में अपनी एक महत्वपूर्ण जगह बना लेगा।
इसी प्रकार दूसरे सबसे महत्वपूर्ण आविष्कार में नाम आता है कंप्यूटर का, जिसका इस्तेमाल 90’s में जाकर शुरू हुआ वो भी केवल कुछ बड़ी कंपनियों द्वारा। लेकिन, धीरे-धीरे कंप्यूटर भी लोगों की ज़रूरत बनता गया और रोज़मर्रा के कार्यों को आसान बनाने लगा।
मानव जीवन में आज इंटरनेट और कंप्यूटर के इस Digital Combination ने डिजिटल क्रांति ला दी है, जिस कारण इस युग को डिजिटल युग कहा जाने लगा है। Statista की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में Internet Users की संख्या में बहुत ज़बरदस्त इज़ाफ़ा देखा गया है। वर्ष 2010 में जहाँ केवल 9 करोड़ लोग ही इंटरनेट इस्तेमाल करते थे, आज यह आंकड़ा 10 से 11 गुना तक बढ़ गया है और यह संख्या 100 करोड़ के पार पहुँचने वाली है।
Globally, दुनिया की 800 करोड़ की Population में 500 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने इंटरनेट को अपना लिया है जहां हर रोज़ एक Internet User औसतन 7 घंटे इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहा है।
इसे ही डिजिटल क्रांति का नाम दिया जा रहा है जो लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने का कार्य कर रही है और उनके जीवन को सरल बना रही है। इस क्रांति ने आज रोज़गार के अनगिनत अवसर पैदा कर दिए हैं।
आज हर छोटी से बड़ी कंपनी खुद को Digitize कर रही है और ऐसे लोगों की तलाश कर रही है जिन्हें डिजिटल तकनीक का भरपूर ज्ञान हो और वो कंपनी की ग्रोथ में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।
ऐसे में इंटरनेट का सही इस्तेमाल सीखकर और खुद को डिजिटल ज्ञान देकर इन कंपनियों की मदद की जा सकती है और अच्छा पैसा कमाया जा सकता है।
कुछ इसी प्रकार इंटरनेट ने उन लोगों को भी रोज़गार देने में मदद की है जो घर से निकल पाने में सक्षम नहीं है, जैसे कि घरेलु महिलाएं, बुजुर्ग, दिव्यांगजन, इत्यादि। इंटरनेट और कंप्यूटर इन्हें Employers से कनेक्ट करने में मदद कर रहा है जहां बिना Physical Presence के भी सभी कार्य हो रहे हैं।
अच्छा करियर और अच्छी नौकरी उपलब्ध कराने के साथ-साथ इंटरनेट और कंप्यूटर की मदद से आज अपने कारोबार को बढ़ाना भी काफी आसान हो गया है। आज कारोबारी या व्यापारी अपने Offline Products को कम समय में सही ग्राहक को बेच पाने में सक्षम हो गया है। आज उसे अपने ग्राहक के आने का इंतज़ार नहीं करना पड़ता, वो Google जैसे सर्च इंजन पर अपने बिज़नेस की Details डालता है और वेबसाइट और सोशल मीडिया के ज़रिये अपने संभावित ग्राहकों तक पहुँच जाता है।
इंटरनेट पूरे मानव जाति के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर उभरा है जिसके सही इस्तेमाल से लोग Covid जैसी महामारी में भी अपना व्यापार सफलतापूर्वक चला पा रहे थे।
हमें आज ऐसी कई Brands देखने को मिल जाती हैं जो इंटरनेट के दम पर ही Establish हुई हैं। ऐसे ही एक Brand का नाम है ‘BoAt’, जो Headphones, Speakers, Trimmers And Other Electronic Gadgets का व्यापार करती है।
इंटरनेट नहीं होता और Amazon & Flipkart जैसे Online Marketplaces नहीं होते तो शायद ही यह कंपनी इतनी चर्चित हो पाती। उन्होंने Digitization के अनुसार खुद को बदला और Result हम सबके सामने है।
दूसरी ओर, ऐसे भी कई Businesses हैं जिन्होंने Digitization को अपने बिज़नेस में पूर्ण रूप से Implement नहीं किया, जिस वजह से वे अपने Online Customers तक नहीं पहुंच सके और Ultimately उन्हें अपना बिज़नेस बंद करना पड़ा।
ऐसे में यहां सबसे बड़ा सवाल आता है कि क्या Digitization के अनुसार खुद को बदलना इतना ज़्यादा मुश्किल है?
क्या Digitization या Digital Technology इतना ज़्यादा Costly है कि इसका इस्तेमाल केवल बड़ी कंपनियां ही कर सकती हैं?
क्या कोई व्यक्ति अपने बिज़नेस को Grow करने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता?
दरअसल, इंटरनेट की घर-घर उपलब्धता होने की वजह से Digital Technology को Implement करना बहुत आसान हो गया है। आज यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरह से Digital Promotion करना चाहते हैं – Free या Paid.
Digital Marketing Technology का Use करके आप खुद की और अन्य Businesses की Branding कर सकते हैं और Digital Presence Create कर सकते हैं।
एक Businessman, Housewife, Student, Service Provider, Salaried Employee – सभी को अपनी ज़िंदगी में कुछ न कुछ हासिल करना होता है, अच्छा पैसा कमाना होता है और खुद को एवं अपने परिवार को वो लाइफ देनी होती है जिसके वो हक़दार हैं। इंटरनेट का सदुपयोग करने से यह काम आसान हो जाता है।
एक Businessman के लिए कस्टमर तक पहुंचना, Housewife के लिए घर बैठे पैसा कमाना, Student के लिए अच्छा करियर बनाना, Service Provider के लिए अपनी Services Sell करना – सब कुछ इंटरनेट और कंप्यूटर के ज़रिये मुमकिन है।
इंटरनेट का सदुपयोग करके यह सब हासिल करने के लिए ज़रूरत होती है एक ऐसे Ecosystem को बनाने की जहां डिजिटल युग की Latest Digital Techniques का इस्तेमाल हो। इसे हम Digital Ecosystem कहते हैं।
Digital Ecosystem, एक Businessman के सभी Marketing Goals, Student के Career Goals, Homemaker के पैसे कमाने के Goals, Salaried Employees के Additional Income के Goals को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इन Goals को पूरा करने के लिए कुछ बेहद महत्वपूर्ण Digital Components का ज्ञान होना ज़रूरी है जिन्हें आप इस किताब के अगले कुछ अध्यायों में जानेंगे। इन अध्यायों में हमने बारीकी से इन Components को समझा है और जाना है कि किन Elements को कब और क्यों इस्तेमाल करना चाहिए।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि Digital Ecosystem को पूर्णतः बनाने के लिए केवल Digital Components ही काफी नहीं हैं, इसे सुचारु रूप से चलाने के लिए मार्केटिंग की ज़रूरत होती है। आज के इस Competitive दौर में यह एक बहुत बड़ी ज़रूरत बन गई है जो एक बिज़नेस को उसके Target Customer तक सफलतापूर्वक पहुँचाने में सक्षम है।
मार्केटिंग के ज़रिये Digital Transformation आसान हो जाती है और एक छोटा व्यापारी भी अपने प्रोडक्ट्स को देश-दुनिया के किसी भी कोने में बैठे शख्स को बेच सकता है।
छोटी कंपनियों के लिए यह कुछ साल पहले तक एक सपने जैसा होता था। हालाँकि, बड़ी कंपनियां TV, Radio, Newspaper में अपने Ads देकर और बड़े-बड़े Banners & Hoardings लगाकर मार्केटिंग (इस Method को Traditional Marketing कहते हैं) करती थीं, छोटी कंपनियां कम बजट की वजह से जल्दी Grow नहीं कर पाती थीं।
लेकिन, आज के समय में Digital Strategies के ज़रिये यह मुमकिन है, जहां TV & Radio Ads पर अधिक पैसे Invest करने की बजाय Online Marketing को अपनाया जाता है और देश-दुनिया में बैठे अपने Target Customer तक पहुँचा जाता है।
तो चलिए, Marketing को विस्तार पूर्वक समझने से शुरुआत करते हैं जिसके बाद हम Digital & Traditional Marketing के बीच अंतर भी जानेंगे और Digital Ecosystem को पूर्णतः समझने का प्रयास करेंगे।
Marketing एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में अक्सर तरह-तरह की बातें सुनने को मिलती हैं लेकिन कई लोगों को इसका सही मतलब नहीं पता होता।
मैं जब भी अपनी डिजिटल आज़ादी कम्युनिटी के Newly Joined Students से इसका अर्थ पूछता हूँ तो मुझे कई तरह के जवाब सुनने को मिलते हैं।
कोई इसे Selling (बेचना) कहता है, कोई कहता है कि Marketing का मतलब Advertise करना है, कोई इसे कस्टमर बनाने से जोड़ता है और किसी को लगता है कि Marketing का सीधा सा मतलब है Promote करना।
इस तरह की अन्य कई Definitions लोगों से सुनने को मिलती हैं।
हालांकि, Selling, Advertising, Promotion, Creating A Customer Base – Marketing के Important Components हैं,
लेकिन, सिर्फ ये कहना कि Marketing का मतलब Selling या Advertising या Promotion या Customer बनाना है, उचित नहीं होगा।
ऐसे में Marketing का Actual Meaning जानना बहुत ज़रूरी है जो आपको Digital Transformation के अगले स्टेज पर पहुँचाने और अपना Digital Ecosystem बनाने में मदद करता है।
Hubspot के मुताबिक, Marketing उन Set Of Actions को कहा जाता है जिनकी मदद से एक Company अपनी Target Audience को अपने Products & Services की तरफ आकर्षित करती है।
इन Set Of Actions की मदद से किसी भी Product को सही कस्टमर तक सही समय और सही जगह पर दिखाया जाता है।
इन Set Of Actions को Strategically Implement करके Business Grow करना ही Marketing का Ultimate Goal होता है।
Business भी तभी Grow होगा जब Existing Customers आपके साथ बने रहेंगे, New Products & Services Buy करते रहेंगे और साथ में New Customers भी जुड़ते रहेंगे।
हर Company का गोल होता है बेचना, अब चाहे कोई Physical Product हो, Digital Product हो या कोई Service. Companies इस गोल को Achieve करने के लिए मार्केटिंग की विभिन्न रणनीतियों का उपयोग करती हैं। इन रणनीतियों में मुख्य रूप से शामिल हैं – Website बनाना, Content Planning & Marketing करना, Email Marketing, Social Media का इस्तेमाल, Search Engine Optimization, Paid Ad Campaigns चलाना, Influencer Marketing की मदद लेना और अन्य Digital Platforms का इस्तेमाल करना।
इन सभी रणनीतियों को हम Organic & Inorganic Marketing Activities में भी बाँट सकते हैं, जहां Organic का मतलब होता है बिना पैसा खर्च किये, ज़्यादा Time Invest करके अपने Potential Customers तक पहुंचना और Inorganic का मतलब है पैसा Invest करके Quickly अपने Customers की नज़रों में आना।
उदाहरण के लिए, वेबसाइट बनाना, उसे Google, Bing जैसे Search Engines के लिए Optimize करना, कंटेंट मार्केटिंग करना, सोशल मीडिया Platforms के लिए कंटेंट क्रिएट करना – सब Organic Marketing Strategy में आता है जहां मुख्यतः Valuable Content Creation और उसके Distribution पर अधिक फोकस किया जाता है।
वहीं Google & YouTube पर Ads Run करना, Instagram & Facebook जैसे बड़े Social Media Platforms पर अपने Ad Campaigns चलाना, Influencer Marketing की मदद लेना – Effective Inorganic Marketing का हिस्सा होते हैं।
Organic या Inorganic Marketing Strategy Implement करते वक्त अपनी Target Audience को ध्यान में रखना बहुत ज़रूरी है और ये समझना भी कि जो भी Message आप दे रहे हैं उससे आपकी Audience कनेक्ट कर पा रही है या नहीं।
एक बार Audience को आपका मैसेज समझ आने लगेगा, आपके लिए अपना प्रोडक्ट या सर्विस Pitch करना आसान हो जायेगा।
लेकिन, अक्सर ऐसा देखा गया है कि इन Marketing Techniques को जानने के बावजूद लोग कुछ Areas को नज़रअंदाज़ कर देते हैं जिससे उन्हें Desired Result नहीं मिल पाता।
तो एक नज़र इन Neglected Areas पर भी ड़ाल लेते हैं।
Marketing Areas जो अक्सर Neglect कर दिए जाते हैं:
1. पुराने ग्राहक (Existing Customers) :
पैसे कमाने के दो मुख्य तरीके होते हैं : पहला, आपके पास कोई Product हो और दूसरा, आप कोई Service Offer कर रहे हों।
दोनों ही तरीकों में आपको Interested लोगों तक पहुंचना होता है जिन्हें आप अपना Customer या Client बनाना चाहते हैं।
लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता है कि अधिकतर नए Organizations का ध्यान केवल नए कस्टमर बनाने पर होता है।
उन्हें लगता है कि जितने ज़्यादा लोगों को अपने साथ जोड़ेंगे उतना ही हमारी Company का Revenue बढ़ेगा और हम Grow करेंगे।
लोगों को अपने साथ जोड़ना और अपना Customer Base बढ़ाना गलत चीज़ नहीं है, लेकिन, हमेशा केवल नए कस्टमर बनाने के बारे में सोचना कहीं न कहीं सही Decision नहीं है। Existing Customers के साथ Interaction भी उतना ही ज़रूरी है जितना नए कस्टमर बनाने के बारे में सोचना।
लेकिन अक्सर नई कंपनियां इसे नज़रअंदाज़ कर देती हैं या ज़्यादा महत्व नहीं देती जिससे उनके Existing Customers को वो Support नहीं मिल पाता जिसके वो हक़दार हैं।
उनके Problems का Solution देना, Queries को Resolve करना, अच्छा Support देना सब एक Company की Credibility, Authority And Trust बढ़ाने में कारगर होता है।
इससे कंपनी को Positive Reviews & Ratings मिलने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है जो Ultimately कंपनी के Marketing Game को Strong बनाने के लिए ज़रूरी हैं।
2. Website Optimization :
डिजिटल दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण Digital Asset एक Website है।
यही वो जगह है जहाँ पर आपके Potential Buyers या Customers आते हैं, आपके Business को समझते हैं, Products & Services को देखते हैं, आपके बारे में पढ़ते हैं और Decision लेते हैं कि उन्हें आपका कस्टमर बनना चाहिए या नहीं।
लेकिन क्या सिर्फ Website बना देना एक सही Marketing Strategy है? क्या Website पर Multiple Pages बनाकर Products Or Services लिस्ट कर देना और अपने Organization के बारे में Information ड़ाल देने भर से ही Customers बनने लगते हैं?
शायद नहीं ! इसे अधूरी मार्केटिंग कहा जाएगा।
Website बना देना और अपने Organization की Core Values, Brand Statement, Mission, Vision जैसे बड़े-बड़े शब्दों को Use करने भर से आपके पास Customers नहीं आने वाले।
इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण Factor है Optimization.
Optimization से मतलब है ऐसा Content, Structure Or Strategy Follow करना जिससे आपकी Website User And Search Engines दोनों के लिए Optimize हो जाए।
अब सवाल आता है कि Optimization कैसे करते हैं और कैसे Customers को अपनी Website पर आकर्षित करते हैं?
Website Optimization के दौरान आपको खुद से बहुत से सवालों का जवाब देना होता है जैसे,
इसी तरह अन्य कई सवालों के जवाब ढूंढने से आप अपनी Website को काफी हद तक Optimize कर पाते हैं।
Optimized Website, User Experience को बेहतर बनाती है और उन्हें वो सब Information मिल जाती है जिसके लिए उन्होंने आपकी Website पर Visit किया था। ये बहुत बड़ा Factor है जो उन Visitors को Customers में Convert करने का दम रखता है।
इसी तरह, Search Engines के लिए Optimize करने से Website की Ranking पर Positive Impact पड़ता है और आप Search Engine के First Page पर दिखने लगते हो।
जब भी कोई व्यक्ति आपके Business, Products व Services से Related कुछ सर्च करता है और उसे आपकी Website सबसे पहले दिखती है तो वो आपकी Website पर क्लिक करता है और आपके पास ऐसा Traffic आ जाता है जो आपके Products & Services में Interested है।
यहां आपको ध्यान रखना है कि Website को Mobile User Friendly बनाना ना भूलें और इसे Voice Search के लिए भी Optimize करना ना भूलें।
आज दुनिया में लगभग 7.26 Billion लोग Mobile Phones Use करते हैं जो World Population का 83% से भी ज़्यादा है।
ऐसे में Mobile Friendly Website ना होने से आप अपने लिए नए कस्टमर बनाने की Opportunity खो सकते हैं।
इसी तरह आज Voice Search ने भी अपना स्थान लेना शुरू कर दिया है। आज लोग लिखने या Type करने की बजाय बोलकर सर्च करने में ज़्यादा Comfortable महसूस करते हैं।
इसी चीज़ को मद्देनज़र रखते हुए कई Companies ने Voice Search के लिए अपनी Website को Optimize करना शुरु कर दिया है।
लेकिन, कई पुरानी कंपनियां आज भी कहीं न कहीं इस Trend को Adapt करने में थोड़ी पीछे हैं।
3. Local SEO :
आज हर कोई बड़ा Game खेलना चाहता है। एक छोटे व्यापारी से लेकर बड़ी Company, हर कोई चाहता है कि वो अलग-अलग शहर और देश के लोगों को Target करें और उन तक अपना Product Or Service पहुंचाए।
हालांकि, इस Strategy में मेरी कोई दो राय नहीं हैं, लेकिन क्या केवल दूर बैठे लोगों तक ही Business पहुँचाना सही है?
मैं मानता हूँ कि आपके Business की Local Presence भी बहुत मायने रखती है।
इससे आप एक Specific Area में पहचाने जाने लगते हैं और आपका Influence बढ़ने लगता है और लोग जब चाहे तब Online सर्च करके आप तक पहुंच सकते हैं।
लेकिन आखिर ये Local Presence बनती कैसे है?
क्या इसके लिए Pamphlets Distribution, Banners, Posters, Hoarding, जैसे Marketing Means का Use किया जाता है या कोई और Strategy Implement करनी पड़ती है?
वैसे तो उपरोक्त Mentioned Techniques आपके Area में चलते-फिरते राहगीरों का ध्यान ज़रुर खींच सकती हैं, लेकिन उन लोगों का क्या जो Online Search करके आपके Business तक पहुंचना चाहते हैं? आप उन्हें कैसे Target करेंगे और उन तक अपने बिज़नेस को कैसे पहुंचाएंगे?
उदाहरण के लिए, सासवड, पुणे में मेरी साड़ियों की दुकान है। Banners, Posters, Hoardings लगाकर मैं ज़रूर कुछ लोगों को Attract कर सकता हूँ, लेकिन जो लोग Online ‘Best Saree Shop In Saswad’ Search कर रहे हैं, उन तक मैं कैसे पहुंचु?
इसके लिए मुझे ज़रूरत होगी अपनी दुकान का Local SEO करने की। Local SEO में मुझे Google My Business पर अपनी दुकान का एक Account Create करना पड़ेगा और सभी ज़रूरी Details Fill करनी पड़ेगी जैसे दुकान का नाम, पता, Contact No., Opening & Closing Hours, इत्यादि।
इसके साथ ही मुझे अपनी दुकान का Description लिखते समय और Tagging के समय कुछ Most Relevant Keywords Use करने होंगे, जैसे – Best Saree Shop In Saswad, Saree Shop Near Me, Best Wholesale Saree Shop In Saswad, Paithani Saree Shop Near Me, Etc.
इन सभी Keywords को मुझे Intelligently अपनी Google My Business की Profile And Website पर Use करना होगा।
इसके अलावा मुझे कुछ Local Listing Platforms पर अपनी दुकान की Details डालनी होगी ताकि Search Engine को लगे कि मेरी दुकान की Local Presence बहुत ज़्यादा है।
इस तरह अपनी Well Optimized Website, Google My Business Details और Local Listing की मदद से अब मेरी दुकान Local Search में Show होने लगेगी।
अब जब भी कोई व्यक्ति Pune या Saswad में रहकर ‘Best Saree Shop In Saswad’, ‘Best Wholesale Saree Shop Near Me’ जैसे Keywords सर्च करेगा तो उसे मेरी Business Profile पहले Page पर दिखाई देगी और उस पर क्लिक करके वो मेरे साथ Interact कर सकेगा।
अपनी Google My Business Profile में अक्सर लोग Reviews & Ratings को Ignore कर देते हैं और ध्यान नहीं देते कि Customers उन्हें Rate करते समय क्या लिख रहे हैं।
कई बार Google My Business Profile Optimize होने के बावजूद उनके Negative Reviews अधिक होते हैं और Ratings भी अच्छी नहीं होती।
ऐसे में जल्दी से कोई नया कस्टमर उनके Business Profile पर क्लिक करने से भी कतराता है और किसी अन्य Agency या Company से Service लेना Prefer करता है।
इसलिए Local SEO को कम आंकना सरासर गलत है क्योंकि ये Local Audience तक पहुँचने का एक रामबाण उपाय है।
4. Text Or WhatsApp Messaging :
आज इंटरनेट का युग है जहां करोड़ों लोग अपने Smartphones पर अलग-अलग Social Media का Use करते हैं।
कोई Facebook का शौक़ीन है, किसी को Instagram पसंद और कई लोग Twitter & LinkedIn जैसे Platforms पर Time Spend करते हैं।
बल्कि, आज बड़े Businesses भी Social Media का भरपूर उपयोग कर रहे हैं और उनकी मदद से अपने Potential Customers तक पहुँच रहे हैं।
लेकिन, सवाल ये आता है कि क्या हमें इन Popular Social Media Platforms के बीच Texts & Messaging Technique को भूल जाना चाहिए?
शायद नहीं!
Texts & Messages की आज भी उतनी ही Authority है जितनी पहले हुआ करती थी। बस फर्क इतना सा है कि आज लोग इनका इस्तेमाल आपस में बात करने या सन्देश पहुँचाने के लिए करते हैं, लेकिन Business Growth में इन्हें Intelligently Use करना आज भी कई लोगों के लिए टेढ़ी खीर से कम नहीं है या वो इसे Ignore करते हैं।
आपका चाहे Online Business हो या Local Business आपकी Website या Physical Store पर आने वाले Visitors को Track करना बेहद ज़रूरी है।
उनकी Contact Details लेकर आप Texts या WhatsApp Messages के माध्यम से उनके साथ Interact कर सकते हैं और अपने New Offers, Deals, Discounts इत्यादि के बारे में उन्हें बता सकते हैं।
इसे एक उदाहरण से समझते हैं – Rajmandir Hyper Market एक Startup है जो कुछ साल पहले ही Launch हुआ है। ये Startup, Groceries में डील करता है और आज दिल्ली और मुंबई जैसे कई बड़े शहरों में इनके Stores हैं।
मैंने भी इनसे कई बार कुछ Groceries मंगवाई हैं जिसके लिए इन्हें अपनी Contact Details Share करनी होती है।
अब इनकी SMS Marketing Technique को ध्यान से समझते हैं।
Groceries Deliver होने के कुछ दिनों बाद से ही मेरे पास इनकी तरफ से Texts & WhatsApp Messages आने लगे जहाँ ये लोग अपने अलग-अलग Products पर Deals, Offers & Discounts के बारे में बताने लगे जो केवल एक Specific Time Period के लिए Applicable थे।
अब ऐसे में किसी व्यक्ति को अगर कुछ Groceries की ज़रूरत होगी तो वो उसी दिन जाकर उनके Store से खरीद लेगा।
इसी Marketing Strategy को Online Business में भी Use किया जा सकता है, लेकिन लोग केवल Ads, E-Commerce, Social Media के पीछे ही भागते रहते हैं और इसे Ignore कर देते हैं।
ये Marketing Strategy देखने में भले ही छोटी लगती हो लेकिन Effectiveness के मामले में बहुत आगे होती है।
5. Unplanned Content Publishing :
आज के दौर में जब इंटरनेट की ग्रोथ हो रही है, सोशल मीडिया यूजर भी बढ़ने लगे हैं। Companies अब सोशल मीडिया पर समय व्यतीत करने वाले Target Audience तक पहुँच रही हैं और प्रोडक्ट और सर्विसेज़ को मार्केट कर रही है।
लेकिन, इस बीच एक Small Area को काफी हद तक Ignore किया जा रहा है जो है Content Planning And Scheduling.
ऐसा देखा गया है कि Businesses, सोशल मीडिया पर कंटेंट पोस्ट तो कर रहे हैं लेकिन बिना Planning & Scheduling के।
एक पोस्ट आज पब्लिश किया जा रहा है तो दूसरा चार दिन बाद और तीसरा उसके दो दिन बाद। Publishing का कोई Schedule नहीं है और ना ही पोस्ट में Quality आ पा रही है।
Consistency ना होने से आप लोगों की नज़रों में नहीं आ सकेंगे और आपकी Reach बढ़ने में परेशानी आएगी। साथ ही जो नए लोग हैं और हाल ही में आप से जुड़ें हैं उन्हें समझ नहीं आएगा कि चल क्या रहा है।
Proper Planning के साथ Post Scheduling में निरंतरता रखने पर आपके Followers, Subscribers और चाहने वाले इंतज़ार करते हैं कि कब आपका कोई Post या Video आए और वो उसे पढ़कर या देखकर नई चीज़ें सीख सकें।
Planning से लेकर Schedule करना और फिर उसे पोस्ट करने तक का सारा काम आपके ही हाथों में होता है, इसलिए इसे Proper Planning के साथ करना उचित माना जाता है।
ये सभी Marketing के वो Areas हैं जिन्हें अक्सर एक Individual या Small Business Owner Ignore कर देता है।
लेकिन, यहां पर ध्यान रखने वाली बात ये है कि सभी Marketing Strategies हर किसी बिज़नेस पर Apply नहीं की जा सकती।
Business Models के हिसाब से Marketing Strategies भी Change होती रहती हैं और केवल उन ही Strategies को Select किया जाता है जिन से Profitable Results मिलने की उम्मीद हो।
उदाहरण के लिए, एक Coaching Institute की Marketing करने और नए Students को जोड़ने के लिए आप Regular Text Or WhatsApp Messages नहीं कर सकते। क्योंकि यहां आपके पास ऐसा कोई Products Or Service नहीं है जिसके लिए रोज़ Message करने की आवश्यकता पड़े।
इसलिए ज़रूरी है कि Business Model को समझकर, उसकी Target Audience को समझकर और उनकी Problems को जानकर ही सही Marketing Strategies का चयन किया जाए।
मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का सही चयन आपके Next Steps के लिए एक Strong Foundation तैयार करता है, इसलिए इसे संक्षेप में समझना ज़रूरी है।
आइये जानते हैं 7 Ps Of Marketing Concept के बारे में जो Marketing की दुनिया में काफी प्रचलित है और Top Level Marketers द्वारा अक्सर Use किया जाता है।
7 Ps Of Marketing
Marketing की दुनिया में अलग-अलग Strategies को Use किया जाता है जिनके लिए कुछ Factors को आधार बनाया गया है।
इन Factors के इर्द-गिर्द ही एक Small Business से लेकर बड़े आर्गेनाइजेशन, सभी अपनी Marketing Tactics को Mould करते हैं।
इन Factors में Most Important 7 Ps शामिल हैं जिन्हें दुनिया के जाने-माने Marketing Professors में शुमार E. Jerome Mccarthy ने अपनी Book ‘Basic Marketing : A Managerial Approach’ में Mention किया है।
आज ये Most Marketing Strategists द्वारा Prefer किए जाते हैं। ये 7 Ps, Foundation Stone की तरह काम करते हैं जिनके आधार पर एक Newly Established Business को भी Growing Business में Convert किया जा सकता है।
आइये इन 7 Ps के बारे में विस्तार से समझते हैं।
1. Product :
दुनिया के हर एक बिज़नेस के पास कोई न कोई Product या Service होता है जिसे वो Sell करता है और Revenue Generate करता है।
Product किसी भी Form में हो सकता है Either Physical Or Digital.
लेकिन ध्यान रखें कि Product की कोई भी Form हो, वह हमेशा आपके Customers की Problems को हल करने वाला होना चाहिए।
आपका Product ऐसा होना चाहिए कि वो आपके Target Audience के Problems के साथ Connect करता हो और उन्हें कोई Solution Provide करता हो।
इसके साथ ही Product Create करते समय यह भी ध्यान रखना ज़रूरी है कि उसकी USP (Unique Selling Preposition) क्या है जो उसे अन्य Similar Products से अलग बनाती है।
2. People :
सही Product Create करने के बाद ज़रूरी है सही लोगों को चयन, जिन्हें Marketing Terms में Target Audience, Potential Buyers या Potential Customers के नाम से भी जाना जाता है।
ये वही लोग होते हैं जिन्हें आपके Product या Service में Interest तो होता है, लेकिन वो कुछ ऐसा ढूंढ रहे होते हैं जो अन्य लोग या आपके Competitors उन्हें Provide नहीं कर रहे होते।
ऐसे में एक सवाल आता है कि यह कैसे पता किया जाए कि हमारे Target Audience को क्या पसंद है और वो क्या ढूंढ रहे हैं?
इसके लिए बहुत से Tools & Strategies का Use किया जाता है और लोगों की Geographical Location, Financial Condition, Passion, Interest, Problems, इत्यादि के आधार पर उन्हें अलग-अलग Categories में बांट दिया जाता है।
इसके साथ ही Competitor Research किया जाता है और समझा जाता
है कि आपके Competitors किस तरह की Marketing Strategy का Use कर रहे हैं, अपने Content में किन Words का Use कर रहे हैं और ऐसा क्या Provide कर रहे हैं कि लोग उनके साथ जुड़ते ही चले जा रहे हैं।
इस डाटा के आधार पर जिस भी Category को आपका Product Serve कर रहा होता है वो आपके Target Audience की Category होती है।
इस तरह आप सही Strategy की मदद से सही लोगों तक सही प्रोडक्ट पहुंचा सकते हैं।
3. Place :
किसी भी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी को सफल बनाने के लिए Target Audience की Geographical Location और उनकी Online Location बहुत मायने रखती है।
Geographical Location से ये पता लगता है कि आपके Potential Buyers किस जगह रहते हैं, उस जगह के लोगों का Spending Pattern कैसा है, Buying Power कैसी है और Financial Condition कैसी है।
इसी तरह आपको ये भी देखना होता है कि आपके Potential Customers किन Platforms पर अपना अधिकतर समय बिताते हैं।
इन Details के आधार पर आपको Suitable Marketing Strategy Plan करनी होती है जिससे आपको Profitable Result मिल सके।
4. Price :
Pricing एक ऐसा Factor होता है जो आपके Customer के Buying Decision को Impact करता है।
Product की सही Pricing तय करने के लिए मुख्यतः तीन Factors को Consider किया जाता है : आपकी कुल लागत, Competitors Pricing Range, Customer की Buying Power.
कुल लागत तय करती है कि आप अपने Products पर कितना Margin रख सकते हैं।
वहीं, Competitors Pricing Range से आपको बेहतर Idea लग जाता है कि Similar Products की Market Demand कितनी है और क्या Average Pricing Range है।
Similarly, Customer की Buying Power को समझने से आपको अपनी Pricing Optimize करने में मदद मिलती है और आप Best Price के साथ अपना प्रोडक्ट मार्केट में लांच कर सकते हैं।
5. Promotion :
Product Decide करने और Target Customers के बारे में सही जानकारी एकत्रित करने के बाद का स्टेप होता है Product Promotion.
इस Stage पर पहुंचकर आपको Product Promotion की Strategy Define करनी पड़ती है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा Selling की जा सके और Revenue Generate किया जा सके।
आपको अपने Product Promotion Strategy की Clarity होनी चाहिए जिसके लिए सोचना पड़ता है कि,
खुद से इस तरह के सवालों के जवाब पूछकर और Self Analysis की मदद से आप एक Firm Decision पर पहुँच सकते हैं और अपने Products को Promote करने के लिए कुछ बेहतर Marketing Strategies Plan कर सकते हैं।
6. Packaging :
एक Organisation में जितना ज़रूरी Product Decide करना है उतना ही ज़रूरी है उसके Packaging को बेहतर बनाना।
जब भी आपका प्रोडक्ट एक कस्टमर तक पहुँचता है तो सबसे पहले वो आपके Packaging Style को ही नोटिस करता है।
ये ध्यान रखना ज़रुरी है कि लोग जैसे ही आपका कोई प्रोडक्ट देखते हैं, 30 सेकण्ड्स के अंदर ही उनके मन में आपकी कंपनी के लिए First Impression बन जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि “First Impression Is The Last Impression”, इसलिए ज़रूरी है कि Product Packaging के साथ-साथ आप अपने Office, Interior, Employees सब को Well Managed रखें। Visitors इन सभी चीज़ों को देखते हैं और अपने अंदर आपकी Company की एक छवि बना लेते हैं जिसके आधार पर वो Decide करते हैं कि उन्हें Future में आपके साथ जुड़ना है या नहीं।
इसलिए चाहे आपका कोई Product हो, आपके Employees हों या आप खुद हो, Best Packaging & Presentation बहुत ज़रूरी है।
इसका सबसे सटीक उदाहरण IBM ने पेश किया था जो दुनिया की सबसे बड़ी Technology Sector की Companies में Listed है।
जब IBM अपने शुरूआती फेज़ में थी तब IBM CEO Thomas John Watson Sr. ने ऑफिस में Circular निकाला कि जब भी किसी कस्टमर का कंपनी के साथ Visual Contact होगा, लगभग 99% Contact में IBM के Experienced Salespeople शामिल होंगे।
वो चाहते थे कि Customers के साथ First Contact या Meeting में कंपनी के अनुभवी Salespeople ही शामिल हों ताकि कस्टमर्स के Mind में एक Positive Impression बन सके और कंपनी की Credibility And Authority Show हो सके।
इसके लिए उन्होंने Sales Executives के लिए Proper Dress And Grooming Code Define किया ताकि वो हर तरह से एक Professional की तरह दिख सकें।
7. Positioning :
आज कई Successful Businesses, जो पिछले कई सालों से Operate कर रहे हैं, ने लोगों के बीच अपनी एक Unique Identity या Positioning बनाई है।
आज Customers उन्हें उनके Products, Services, Facility, Excellence, Quality इत्यादि से जानते हैं और यही Factors उन्हें एक अलग पहचान दिलाते हैं।
आपको भी अपना बिज़नेस शुरू करने के दौरान सोचना पड़ता है कि आप अपने Customers के दिल और दिमाग में खुद को कैसे Position करेंगे?
आप क्या चाहते हैं कि लोग मार्केट में आपकी कंपनी के बारे में सोचें और उसे कैसे Describe करें?
आपको इन Factors को सोचने में थोड़ा समय देना पड़ता है और समझना पड़ता है कि हर Customer Interaction के समय आपको ऐसा क्या करना होगा जिससे उनके अंदर आपकी कंपनी की एक Positive Image बने।
ये 7 Ps हर Marketing Strategy की Foundation होते हैं जिनकी मदद से Marketing Objectives Set करना, Market Analyse करना, Competitors Analysis जैसे कार्य कुशलता के साथ किए जा सकते हैं।
Marketing Basics समझने के बाद भी कई लोगों के मन में इसे लेकर कुछ Myths होते हैं, जिन्हें उन्होंने अन्य लोगों से सुना होता है या कहीं पढ़ा होता है।
कई Myths तो ऐसे भी होते हैं जो थोड़े-बहुत पॉपुलर होते हैं और लोग इन्हें आधार मान कर इन पर अपने Marketing Goals Set कर लेते हैं।
ऐसे में इन्हें Bust करना और इनके पीछे की सच्चाई जानना ज़रूरी है। आइये मैं आपको कुछ Marketing Myths से रूबरू कराता हूँ और उनके पीछे की सच्चाई भी बताता हूँ।
Myth #1 Marketing Is All About Acquiring New Customers
इस बात पर हम पहले भी चर्चा कर चुके हैं कि Marketing केवल New Customers बनाने तक ही सीमित नहीं है। नए कस्टमर बनाना तो आधी जंग जीतने जैसा है।
लेकिन अगर पूरी जंग को जीतना है तो आपको Customer Retention को समझना पड़ेगा जिसके लिए आपको अपनी Strategies में भी फेरबदल करने की ज़रूरत पड़ सकती है।
Customer Retention से मेरा मतलब है जो भी Customers एक बात आपके साथ जुड़ गए उन्हें हमेशा अपने साथ जोड़े रखना, उन्हें समय-समय पर Value Provide करते रहना और अच्छी Support Provide करना ताकि वो आपको छोड़कर कोई और रास्ता न चुन लें।
लेकिन, अगर आपका सारा ध्यान New Clients Acquire करने पर रहेगा और आपकी सभी Marketing Strategies भी उसी के हिसाब से Designed होंगी तो आप अपने Existing Clients पर ध्यान नहीं दे पाएंगे।
इससे होगा ये कि जितनी तेज़ी से आपके पास नया कस्टमर आया था उतनी ही तेज़ी से वो आपको छोड़कर दूसरे के पास चला जाएगा।
इसलिए ये ज़रूरी है कि आप समय-समय पर अपने Existing Customers के साथ भी Interact करते रहें, उनकी Problems का समाधान करते रहें और उन्हें Retain करने पर अधिक फोकस करें।
Myth #2 Acquiring Customers Is Proportional To The Money I Spend On Marketing Campaigns
जितना अधिक पैसा डालोगे उतना ही अच्छा रिज़ल्ट मिलेगा – इस Philosophy को अक्सर कई जगह Use किया जाता है।
लेकिन मेरे हिसाब से ये Statement अधूरी है। इसमें ये नहीं बताया जाता कि पैसे को कहाँ और कैसे डालना है।
ऐसे में अक्सर ये देखने को मिलता है कि लोग अपने Marketing Campaigns में अंधाधुंध पैसा लगाते रहते हैं लेकिन उम्मीद के हिसाब से उन्हें रिजल्ट नहीं मिलता।
Marketing के लिए पैसा लगाना गलत बात नहीं है लेकिन जब तक सही Target Audience की पहचान नहीं होगी तब तक हमें हाथ रोक कर चलना चाहिए।
वैसे भी, Marketing Campaigns Run करने से आपके पास Leads Generate ज़रूर हो जाती है। ऐसे में आपको Quality Leads के बारे में सोचना चाहिए ना कि Quantity Of Leads के बारे में।
इसलिए इस Myth को भूलकर अपने Marketing Campaigns के लिए Ideal Customers Find करने की कोशिश कीजिए, जिससे आपके पास Quality Leads Generate हो सके और आपकी Sales भी बढ़ सके।
Myth #3 Online Marketing Is All I Need To Become Successful
ऐसा माना जाता है कि Online Marketing Is Way More Powerful Than Traditional Media Marketing, जो काफी हद तक सच भी है।
बल्कि, अगर आपकी Target Audience में Young People ज़्यादा हैं तो आप कम बजट में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को Target कर सकते हैं और तब Online Marketing को एक बेहतर विकल्प कहा जा सकता है।
लेकिन, इन सबके बीच हम TV Ads, Radio Ads, Newspaper Ads, Attractive Brochure, Magazines, जैसे Traditional Media Marketing Methods को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।
अगर Creatively Implement किया जाए तो Traditional Marketing के माध्यम से भी हम Impressive Result लेकर आ सकते हैं।
दूसरा, कौन सा Method ज़्यादा Useful & Profitable होगा, ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपका Business Model कौन सा है।
For e.g. एक Coaching Institute के लिए, जो केवल Offline Classes करता है और 2-5 Km के दायरे में रहने वाले Students को ही Cater करता है, Online की बजाय Traditional Marketing Best Option साबित हो सकती है।
यहां Institute को आस-पास के इलाके में अपने Pamphlets Distribute करने और जगह-जगह Banners लगवाने से ज़्यादा अच्छा रिजल्ट मिलेगा।
लेकिन, वहीं अगर Institute Online Classes भी देता है या उसकी अलग-अलग Branches हैं, तो Digital Marketing से बेहतर शायद ही कोई विकल्प होगा जो उसे ज़्यादा Students तक पहुंचाने में मदद कर सके।
जितनी ज़्यादा बार आप Traditional Marketing के Mediums की मदद लेंगे, उतना अधिक ही आपको लोग नोटिस करने लगेंगे और आपके पास Enquiries आने लगेंगी।
इसलिए ये कहना कि केवल Online Marketing से ही सफलता मिल सकती है एक Myth के अलावा और कुछ नहीं है।
Myth #4 If I Have Good Following On Social Media, I Don’t Need Website For Marketing
Social Media Platforms जैसे Facebook, Instagram, Twitter, LinkedIn को Use करने वालों की संख्या हर दिन बढ़ रही है।
एक Report के मुताबिक, वर्ष 2022 में Social Media Use करने वालों की संख्या 4.59 Billion तक पहुँच गई है जो बताता है कि इन Platforms का आम जनता में कितना Craze है।
इन्हीं सब Stats को ध्यान में रखते हुए कई Organizations अपनी Brand Promotion के लिए इन Platforms का इस्तेमाल करते हैं।
लेकिन, ये कहना कि सिर्फ सोशल मीडिया के इस्तेमाल से मार्केटिंग करने से काम चल जाएगा कुछ पचता नहीं है।
आपको ये बात ध्यान रखने की ज़रूरत है कि Social Media Platforms Are Not Our Property.
सोशल मीडिया Platforms उन दोस्तों की तरह होते हैं जो आपको अपने घर पर फ्री में रुकने देते हैं लेकिन अगर आपको ज़्यादा Facilities चाहिए तो उसके लिए आप से पैसे मांगते हैं और कभी भी धक्का मारकर बाहर निकाल सकते हैं।
ऐसे में आपको पता नहीं होता कि कब उनका मूड बिगड़ जाए और वो आपको बाहर का रास्ता दिखा दें।
दूसरे शब्दों में कहें तो आपकी इन Platforms पर कोई Ownership नहीं होती। ऐसे में ड़र बना रहता है कि कोई Rule Change हुआ नहीं और आपका Account इन्होने Close कर देना है।
लेकिन, Website आपकी अपनी होती है जो आपकी Digital Presence बनाने में मदद करती है और जिस पर आपका पूरा अधिकार होता है। बल्कि, लोग आपके साथ जुड़ने से पहले आपकी Website को देखना ही पसंद करते हैं।
इसलिए Marketing के लिए Website होना बहुत ज़रूरी होता है , केवल Social Media पर अच्छी Following होने भर से काम नहीं चलता।
Myth #5 Marketing & Advertising Are The Same
Marketing & Advertising, दोनों Terms कहीं न कहीं Similarity Possess करते हैं, लेकिन दोनों Strategies को Implement करने का Process थोड़ा अलग होता है। बल्कि Advertising को Marketing का Subpart कहा जा सकता है।
Advertising करने का मतलब है अपने Product Or Service को किसी Particular Space पर Promote करने के लिए पैसे खर्च करना।
ये Space कहीं पर भी हो सकता है, जैसे एक Website के किसी Page पर, YouTube Video पर, किसी भी Social Media Platform पर, TV पर, News Paper पर इत्यादि।
Advertising का Ultimate Goal होता है ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचना जो आपके Promoted Products & Services खरीद सकें।
वहीं दूसरी ओर, Marketing एक बड़े Picture होती है, जहां ना सिर्फ आपको लोगों तक पहुंचना होता है बल्कि सही लोगों तक पहुंचना होता है और उनकी Problems के हिसाब से उन तक Right Product या Service पहुंचानी होती है ताकि वो दोबारा आप के पास ही आएं और आपके कस्टमर बने रहें।
इसलिए हम Advertising & Marketing को Same नहीं कह सकते बल्कि अपने गोल के हिसाब से सही Strategy Select करके आगे बढ़ सकते हैं।
Covid 19 Pandemic से पहले की बात है जब मैं अपने एक दोस्त के साथ कई दिनों बाद मिला।
हमारे बीच एक Conversation हुई जिसका छोटा सा हिस्सा मैं आपके साथ Share कर रहा हूँ :
‘संदीप, मैं काफी दिनों से देख रहा हूँ तुम Facebook पर नई-नई Videos डाले जा रहे हो… ‘
‘वहां कुछ तुम डिजिटल मार्केटिंग की बाते कर रहे हो, वेबसाइट की बातें कर रहे हो।’
‘आखिर ये क्या नया धंधा शुरू कर दिया है तुमने?’ ‘अब क्या करने का इरादा है भाई?’
मेरे दोस्त ने Conversation के दौरान अचानक मुझसे ये सवाल पूछे।
अब क्योंकि मैं डिजिटल मार्केटिंग सीख रहा था और मैंने लोगों को भी फ्री में सिखाना शुरू कर दिया था, मैंने उसे समझाया कि मैं क्या कर रहा हूँ और क्यों कर रहा हूँ।
मैंने उसे डिजिटल मार्केटिंग के बारे में विस्तार से समझाया और बताया कि ये क्यों ये आज के समय की सबसे Important Skills में शुमार है, कैसे इसके माध्यम से एक बिज़नेस की Growth को कई गुना तक बढ़ाया जा सकता है और क्यों आज हर Business Owner या Individual को इसे सीखना चाहिए।
आइये अब मैं आपको भी बताता हूँ कि मैंने अपने उस दोस्त को डिजिटल मार्केटिंग के बारे में क्या समझाया।
True Meaning Of Digital Marketing
Digital Marketing उस Technique का नाम है जिसके अंतर्गत Internet, Mobile, Computer, Social Media, Search Engines And Other Digital Channels की मदद से Customers तक पहुंचा जाता है या उन्हें अपने Products & Services तक लाया जाता है।
1990 के दशक में सबसे पहले डिजिटल मार्केटिंग शब्द Use किया गया था। ये वही समय था जब इंटरनेट ने दस्तक देनी शुरू करी थी और लोग कंप्यूटर चलाना सीख रहे थे।
जैसे-जैसे Internet के बारे में लोगों को पता चलता गया, डिजिटल मार्केटिंग इंडस्ट्री की शुरुआत होती गई। देखते ही देखते आज वर्ष 2022 में ये इंडस्ट्री इतनी पॉपुलर हो गई है कि आज हर नया बिज़नेस Grow करने के लिए सबसे पहले Digital Marketing की तरफ देखता है।
अगर केवल भारत की बात करें तो वर्ष 2016 में इस Industry की Worth 6200 करोड़ थी जो 2021 में 343% की Growth के साथ 21,300 करोड़ पर पहुँच गई है।
इसकी सबसे बड़ी खासियतों में शामिल है इसका किफायती होना, जिसके अंतर्गत आप एक जगह बैठकर अपने Products & Services को दुनिया के अलग-अलग कोने तक पहुँचा सकते हैं और अपने Customers की आवश्यकताओं और उनकी गतिविधियों को समझकर उन्हें Personalised Experience दे सकते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग के इतने ज़्यादा फायदे हैं कि अगर मैं इनके बारे में बताने लगा तो उन पर एक पूरी किताब लिखी जा सकती है।
खैर, मैंने कुछ Important Benefits लिस्ट किए हैं जिनकी वजह से यह Technique आज बहुत ज़्यादा Popularity हासिल करती जा रही है।
Digital Marketing Benefits And Related Stats
आज Digitization का दौर है जहां एक बच्चे से लेकर बुजुर्ग, सब लोग Mobile & Internet का Use कर रहे हैं और अपने जीवन जीने के तरीके को बदल रहे हैं।
इस युग में आज घर बैठे ही सब सुविधाओं का आनंद लिया जा सकता है, जैसे बिल पेमेंट, फ़ोन रिचार्ज, टिकट बुकिंग, फल-सब्जी और घर के राशन की डिलीवरी, दवाइयों की डिलीवरी, इत्यादि।
इन सब सुविधाओं को घर-घर तक पहुँचाने में डिजिटल मार्केटिंग का बहुत बड़ा योगदान है। आइये इसके कुछ Benefits पर नज़र डालें और देखें कि एक Business की Growth में ये कितनी Helpful है।
1. Precise Targeting :
किसी बिज़नेस की सफलता के पीछे Customers का बहुत बड़ा हाथ होता है। अगर कस्टमर आपके प्रोडक्ट या सर्विस से खुश है तो हमेशा आपके साथ जुड़ा रहेगा और अन्य लोगों को भी आपके बारे में बताएगा।
लेकिन बिज़नेस को अधिक Profitable बनाने के लिए सही कस्टमर तक पहुंचना बहुत ज़रूरी है, जिसमे Online Marketing आपकी Help करती है।
इस तकनीक की मदद से लोगों के Problems, Passion, Interest, Place इत्यादि के आधार पर Precise Targeting की जा सकती है।
Online Marketing की विभिन्न Strategies जैसे Content Marketing, Email Marketing, Search Engine Optimization, Social Media Marketing की मदद से Awareness Create की जाती है और Reach बढ़ाई जाती है।
बल्कि, आज Content Consumption बहुत ज़्यादा बढ़ गया है। ऐसे में Content Marketing को एक Most Effective Digital Marketing Technique के रूप में देखा जाने लगा है।
2. Increases Online Presence :
आज के Digitization के दौर में बिज़नेस की Online Presence बहुत ज़रूरी हो गई है। आज कोई भी व्यक्ति सामान खरीदने से पहले उसके बारे में ऑनलाइन रिसर्च करता है और तब जाकर अपना Decision लेता है।
अपनी Digital Presence Create करने से आप अपने बिज़नेस को उन लोगों के सामने ला सकते हो जो आपके Business Relevant चीज़ें सर्च कर रहे होते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आप एक Homebaker हो और Cakes & Pastries बनाना जानती हो तो आप घर से ही डिजिटल मार्केटिंग की मदद से अपना Influence Create कर सकती हो और अपने लोकल एरिया को टारगेट करके अपने कस्टमर्स तक केक डिलीवर कर सकती हो।
यहां Influence बनाने का मतलब है अपने बिज़नेस में Authority बनाना और लोगों का विश्वास जीतना ताकि लोग अन्य किसी Individual, Brand या Business की तुलना में आप पर अधिक भरोसा करें और आपके Products & Services को खरीदें।
3. Helps In Personalized Marketing :
Digital Marketing, Target Audience को Personalized Experience देने में मदद करती है जिससे उनके आपके बिज़नेस के साथ जुड़ने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है।
Forbes की रिपोर्ट भी यही कहती है कि 80% Consumers उन Brands के साथ Transact करना पसंद करते हैं जो उन्हें Personalized Experience देते हैं।
Audience को Analyse करके अपने Advertising Message में Personalized Human Touch देना और सही Audience को सही समय पर सही Message देना Personalized Marketing का एक अहम हिस्सा है।
ऑनलाइन मार्केटिंग से लोगों के Navigation को Track करना आसान हो जाता है जिससे समझ आ जाता है कि Actual में लोग क्या ढूंढ रहे हैं।
इससे उन लोगों के साथ Communication करना और उनकी Problems को Analyse करके सही Solution Provide करना आसान हो जाता है।
4. Easy Tracking Of Customer Journey :
एक कस्टमर अपना Final Decision लेने से पहले कई बार सोचता है, कई Websites पर Visit करता है, Similar Products को Compare करता है, Reviews & Ratings पढ़ता है और तब जाकर Decide करता है कि उसे आपके साथ जुड़ना चाहिए या नहीं।
लेकिन, अगर आपको उस कस्टमर के Pain Points, Problems, Interest, Hobbies, Financial Condition पहले से पता होती है तो आप उसके Buying Decision को काफी हद तक Impact कर सकते हैं।
उसे अपने Funnel में लेकर आप उसकी Journey खुद तय कर सकते हैं और समय-समय पर Interact करके उसके साथ Trust Build सकते हैं।
Online Marketing के अलावा अन्य किसी भी Marketing Strategy में ये सब मुमकिन नहीं होता जिससे Customer Conversion Rate बहुत कम हो जाता है।
बल्कि, अब तो भारत जैसे देश में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ गई है जो Internet Use करते हैं और सोशल मीडिया या अन्य किसी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपना समय बिताते हैं।
पिछले 10 वर्षों में ही यह आंकड़ा 9.2 करोड़ से 95 करोड़ को टच कर गया है। ऐसे में इन लोगों के Interest, Likes/Dislikes, Problems And Pain Points को समझना थोड़ा आसान हो गया है और Targeting थोड़ी Easy हो गई है।
5. Cost Effective With No Geographical Restriction :
डिजिटल मार्केटिंग करने के लिए एक अच्छे Internet Connection & Computer के अलावा किसी दूसरी चीज़ की ज़रूरत नहीं होती।
इसके लिए शुरुआत में आपको ना तो कोई Fancy Office चाहिए और ना ही एक बहुत बड़ी टीम।
ये सभी चीज़ें मिलकर इसे एक Affordable & Cost Effective Marketing Strategy बनाती है, जहां Potential Buyers तक पहुँचने के लिए भी ज़्यादा पैसा नहीं खर्चना होता।
एक Email Marketing Campaign या Paid Ad Campaign की मदद से आप अपने घर पर बैठकर ही अलग-अलग देशों के लोगों को टारगेट कर सकते हैं और अपने Products या Services को उन तक पहुँचा सकते हैं।
यही नहीं, डिजिटल मार्केटिंग को Effectively Use करके मार्केटिंग प्रोसेस को Automate भी किया जा सकता है जिससे आप अपने अन्य कार्य भी साथ-साथ कर सकते हैं।
Automation Process की Success को समझने के लिए कुछ लोगों पर रिसर्च की गई जिसमें पाया गया कि इसे Implement करने से 30% लोगों को Time Save करने में मदद मिली है और वहीं 22% ने बताया कि इससे उन्हें Quality Lead Generation में मदद मिली है। जबकि 68.5% लोगों का ऐसा मानना था कि इससे उनकी Customer Targeting बेहतर हुई है।
ये सभी Benefits मिलकर Online Marketing को Most Important Technique For Business Growth का दर्ज़ा देते हैं।
लेकिन, यहां सवाल आता है कि क्या हर बिज़नेस को डिजिटल मार्केटिंग अपना लेना चाहिए?
क्या Traditional Marketing खत्म हो चुकी है और इसका कोई रोल नहीं रहा?
क्या Newspaper में Ad देना, Pamphlets बांटना, जगह-जगह Posters & Banners लगाना, सब बेकार है और उनका कोई महत्व नहीं है?
Well, मेरा हमेशा की तरह एक ही जवाब होता है कि इन सबका आज भी महत्व है। ट्रेडिशनल मार्केटिंग का अपना अलग महत्व है, जिसे Implement करना या ना करना आपके Business Model, Goal, Budget इत्यादि पर निर्भर करता है।
Digital Marketing Industry के Boom होने की वजह से अक्सर Traditional Marketing पर ज़्यादा बात नहीं की जाती और कहा जाता है कि इसकी Reach Limited है और अब ये किसी काम की नहीं रही।
लेकिन, इतने सालों से चली आ रही इस Marketing Strategy को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। बेशक आज इंटरनेट और कंप्यूटर के आने से लोगों तक Online Mediums के माध्यम से पहुंचना आसान हो गया हो, लेकिन Traditional Media Marketing आज भी Effective है।
आइये इन दोनों के बीच के अंतर को समझने का प्रयास करते हैं।
Traditional Marketing :
Traditional Marketing उस Marketing Strategy को कहते हैं जिसमे Promotion, Advertisement, Selling, Awareness इत्यादि Create करने के लिए Broadcast, Print, Direct Mail, Billboards, Banners, Posters, Radio, TV, Newspaper, इत्यादि का Use किया जाता है।
यह एक ऐसी Marketing Technique है जो सदियों से चली आ रही है और जिससे Business Owners को काफी Profit भी हुआ है।
ये Marketing Strategy आमतौर पर Generic Products के लिए Use की जाती है और अच्छे Returns देती है।
For e.g. आप बिस्किट, आटा, चावल, कोलगेट, जैसे कई Generic Items बेचने के लिए इस मार्केटिंग स्ट्रेटेजी पर भरोसा कर सकते हैं।
Traditional Media Marketing की एक सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसकी Reach Unlimited है। अर्थात अगर हम केवल भारत की बात करें तो आप TV, Radio, Newspaper या Magazines में Ads देकर देश के हर घर तक पहुँच सकते हैं।
इस मार्केटिंग स्ट्रेटेजी में Precise Targeting Possible नहीं हो पाती और आपका कोई Control नहीं होता।
For e.g. TV या Newspaper में आने वाला Ad हर व्यक्ति देखता है, जिसमे वो लोग भी शामिल होते हैं जिन्हें आपके Product या Service में कोई Interest नहीं होता। ऐसे में Customer Conversion Rate बढ़ नहीं पाता और आपका Expense उससे कहीं ज़्यादा हो जाता है।
यह एक Costly Marketing Strategy है जहां Advertisement करने में लाखों रूपये खर्च करने पड़ते हैं। इसलिए इसमें Customer Acquisition Cost (CAC) काफी बढ़ जाता है।
Traditional Marketing में अपने Advertisement Setup करने के बाद उन्हें Change या Modify करना लगभग ना के बराबर होता है और उसके लिए भी बहुत Planning करनी पड़ती है।
ट्रेडिशनल मीडिया मार्केटिंग एक One Way Communication होता है जिसमे आप लोगों से बात नहीं कर पाते, उनके Problems नहीं सुन पाते और उन्हें Personalized Experience नहीं दे पाते।
इस मार्केटिंग स्ट्रेटेजी में आप अपने Marketing Process को Track नहीं कर सकते। आप यह पता नहीं कर सकते कि कितने लोगों ने आपका Ad देखा और उस पर क्या Response किया।
यह एक Time Taking Process है। अगर आपको TV Ad लगानी है, या एक बड़े Hoarding लगाना है, Pamphlets Print करानी है, इन सब में समय लगता है जिसके लिए Proper Planning की ज़रूरत होती है।
Digital Marketing :
Digital Marketing वो मार्केटिंग स्ट्रेटेजी है जिसमे Customer तक पहुँचने के लिए Internet, Computer, Mobile Device, Search Engines, Email & Other Digital Mediums को Use किया जाता है।
Digital Marketing 1990 के दशक से ही चर्चा में आई है, लेकिन ये बहुत तेज़ी से Grow कर रही है और लोगों के लिए नई-नई Opportunities Provide कर रही है। ताजा आंकड़ों की माने तो यह Industry वर्ष 2025 तक Rs. 50,000 करोड़ के Market Size को पार कर जाएगी।
डिजिटल मार्केटिंग की खूबसूरती है कि इसमें Used लगभग सभी Strategies & Steps पर आपका Proper Control रहता है, कौन-सा Ad किसे और कब दिखाना है, सब कुछ Track किया जा सकता है।
डिजिटल मार्केटिंग में आप Precise Targeting कर सकते हैं और केवल Interested लोगों तक Ads & Other Digital Mediums द्वारा पहुँच सकते हो।
Digital Marketing की Reach Limited है। Latest Data के अनुसार भारत में केवल 68% लोगों तक ही Internet पहुँच पाया है। ऐसे में सभी Customers तक पहुंचना आज के समय में मुश्किल है।
ऑनलाइन मार्केटिंग में कम संसाधनों की ज़रूरत होती है और कुछ Advanced Tools की मदद से Affordable Cost & Quick Time में आप अपने Target Audience तक पहुँच जाते हैं।
डिजिटल मीडिया मार्केटिंग सुविधा देता है जिसमे आप Quickly अपने Ad Campaign Run कर सकते हैं, उन्हें Track कर सकते हैं और डाटा के आधार पर Tweak भी कर सकते हैं।
मैं अक्सर अपनी Community में शामिल Students से बात करता रहता हूँ और उनके प्रश्नों के जवाब देता रहता हूँ। एक रोज़ Student Interaction के दौरान मुझसे एक Student ने सवाल किया…
‘सर, मैंने आपके कहे अनुसार Website बना ली है और Social Media पर अपनी Profile भी Create कर ली है। ये स्टेप लिए मुझे करीब दो महीने हो गए हैं, लेकिन, ना तो मेरी Website पर ट्रैफिक आ रहा है और ना ही सोशल मीडिया पर मेरे Followers बढ़ रहे हैं। Please कुछ बताइये मुझे क्या करना चाहिए।’
मेरे पास अक्सर ऐसे कई सवाल आते रहते हैं जिनका मैं समय-समय पर जवाब देता रहता हूँ। जो भी Students मेरे द्वारा बताए गए Tips Follow करते हैं और Action लेते हैं उन्हें Result ज़रूर मिलता है।
Digital Marketing को Use करके अपनी Target Audience तक पहुँचने में कुछ समय तो ज़रूर लगता है, लेकिन कई बार लोग कुछ Common Reasons की वजह से इसके Effectiveness का फायदा नहीं उठा पाते और उन्हें Expected Result नहीं मिल पाता।
इस Section में हम ऐसी ही कुछ Case Studies के बारे में चर्चा करने वाले हैं जहां लोगों ने Digital Marketing का बखूबी इस्तेमाल तो किया है लेकिन कुछ कारणों की वजह से वो अपने गोल तक नहीं पहुँच पाए।
Case Study #1 Supriya Raj’s Website
सुप्रिया एक Content Manager हैं जो एक Marketing Agency में Work करती हैं। इन्होने अपना एक Personal Blog Create किया था जिस पर वो अपनी Life से जुड़ी Information Share करती थीं।
उनकी वेबसाइट किस बारे में थी?
उनकी Website उनके Life Events के बारे में थी जहां वो Content & Self Clicked Photographs के माध्यम से अपनी Life में मिल रही छोटी-छोटी खुशियों को Share करती थीं। Website पर उन्होंने एक Call To Action भी दिया हुआ था जिसमें उन्होंने लोगों को उनसे Contact करने के लिए एक Contact Form लगाया हुआ था। जिन लोगों को उनकी Writing, Photography या Copywriting Impressive लगती थी, वे लोग Supriya को Contact कर सकते थे।
उनकी Target Audience में कौन शामिल थे?
Target Audience में वही लोग शामिल थे जो उनकी Blog Writing Skill, Copywriting Skill & Photography Skill को देखकर उन्हें कोई Opportunity Offer कर सकें।
Website Create करने का उनका मकसद क्या था?
जो लोग Best Writer, Copywriter या Photographer को सर्च कर रहे थे उन तक पहुंचना ही Supriya का मकसद था।
उनके Challenges क्या थे?
Procrastination उनके लिए सबसे बड़ा Challenge था जो उन्हें Consistently Blogs Publish करने से रोक रहा था।
क्या गलत हुआ?
उन्होंने कभी Proper Research करके अपने Blogs नहीं लिखे, बस जो भी उनके Life के Incidents थे, छोटे-मोटे ख़ुशी के पल थे, उन्हीं के ऊपर लिखा। इसके अलावा उन्होंने नहीं सोचा कि वो अपने Blog Content को Repurpose करके Instagram, Facebook, YouTube जैसे Platforms के लिए Informative Posts & Videos Create कर सकती हैं और अपनी Online Presence बढ़ा सकती हैं।
इन सभी Reasons की वजह से उनकी Site पर Traffic नहीं आ रहा था और केवल Friends या Family Members ही उनके Blogs पढ़ रहे थे और Photographs देख रहे थे।
Case Study #2 Isha Chopra’s Instagram Store
Isha एक College Student हैं जो कुछ समय पहले तक पढ़ाई के साथ-साथ अपना Instagram Store भी Run करती थीं। इस Store पर वो Clothes बेचा करती थीं। परन्तु कुछ Common Mistakes की वजह से वो इस Store को Grow नहीं कर सकीं।
उनका Instagram Store किस बारे में था?
उनके Instagram Store पर Thrifted Clothes Sell किए जाते थे। जो कपड़े पुराने हो जाते हैं और First Owner द्वारा Retire कर दिए जाते हैं, उन्हें वो Market से या अन्य किसी Platform से Buy करती थीं और अपने Store पर Sell करती थीं।
उनकी Target Audience में कौन शामिल थे?
उनकी एक Well Defined Target Audience थी जिसमें 20 से 25 वर्षीय Girls को Target किया जा रहा था।
Insta Store Create करने का उनका मकसद क्या था?
अपनी पढ़ाई के साथ-साथ Income Earn करना ही उनका Ultimate Goal था।
The Selling Process
Market से कपड़े लाना या किसी अन्य Platform से खरीदकर उन्हें अपने Store पर Upload करना उनके Regular Routine में शामिल था।
इन कपड़ों को Promote करने और अपनी Target Audience को Show करने के लिए वो Reels, Instagram Stories, Short Videos, Photos इत्यादि का सहारा लेती थीं।
क्या गलत हुआ?
उनका मानना था कि केवल Instagram पर Sell करने से उनका Selling Business Grow हो जाएगा। परन्तु ऐसा नहीं था। वो केवल Organically अपने Products को Promote कर रही थीं और ज़्यादा से ज़्यादा Customers तक पहुँचने के लिए Paid Advertisements का सहारा नहीं ले रही थीं।
इसके अलावा उनके पास Customers की कोई Detail (Email Id, Phone No.) नहीं थी, क्योंकि जितनी भी Sale हो रही थी वो केवल Instagram Messages, DMs की वजह से हो रही थी।
Customers की Details न होने से उन्हें Re-target करना मुमकिन नहीं था। साथ ही उनकी किसी अन्य Social Media Platform पर Presence नहीं थी जिससे कि लोग उनके बारे में जान पाएं और कुछ खरीद पाएं। इसके अलावा भी ऐसे कई Factors थे जिनकी वजह से उन्हें अपने Online Business में Expected Growth नहीं मिल पा रही थी।
Case Study #3 Manoj Sharma’s YouTube Channel
अगली Story Manoj Sharma Ji की है जो एक Policy Agent हैं और लोगों को Different Policies & Insurance बेचते हैं।
उनका एक YouTube Channel है जिस पर वो Policy, Insurance And Term Plans से Related Information Share करते हैं।
उनका यूट्यूब चैनल किस बारे में है?
उनका Channel Insurance & Policy के ऊपर Based है।
उनकी Target Audience में कौन शामिल हैं?
उनकी कोई Well Defined Target Audience नहीं है, पर फिर भी वो Newly Married Couple को ध्यान में रखकर Term Insurance, Health Insurance, LIC Policies इत्यादि की जानकारी अपने YouTube Channel के माध्यम से देते हैं।
Channel Create का उनका मकसद क्या था?
लोगों को सही Policy & Insurance के बारे में जागरूक करना ताकि Emergency के समय उन्हें और उनके परिवार को पैसों की तकलीफ ना उठानी पड़े।
उनके Problems & Challenges क्या थे?
YouTube Videos Create करने के बाद भी उनके Subscribers नहीं बढ़ रहे थे और ज़्यादा से ज़्यादा Policies बेचने का गोल भी पूरा नहीं हो रहा था।
क्या गलत हुआ?
Sharma Ji कुछ वर्ष पहले ही Policy Business में आए थे, लेकिन वो Verified Policy Agent नहीं हैं। वो अपने Policies को इस आधार पर Promote करते थे कि किस Company की Policy या Insurance में उन्हें ज़्यादा Commission मिल रहा है। साथ ही उनकी YouTube Videos के आखिर में कोई Powerful Call To Action भी नहीं होता था, और वो अपने Comment Section में Active भी नहीं थे।
इन्हीं सब Mistakes की वजह से उनके साथ लोग Connect नहीं हो पा रहे थे और उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे थे। Customer Interaction किसी भी Business को Grow करने की Primary Need होती है जिसमे वो असफल हो गए थे।
Case Study #4 S.K Dubey’s Facebook Marketplace Selling Kurti But No Sales
Dubey जी अपनी एक दुकान चलाते हैं जहां वो Ladies Kurti Sell करते हैं। Physical दुकान चलाने के अलावा उन्होंने Facebook Marketplace पर भी अपनी Profile बनाई हुई है जहां वो इन कुर्तियों को Online बेचते हैं।
Digital के नाम पर उन्हें केवल ये ही पता है कि Facebook पर भी अपने Products को Sell किया जा सकता है, इसलिए उन्होंने अलग-अलग Varieties की Kurtis की Photos Click करके और Description लिखकर Facebook Marketplace पर डाला हुआ है।
उनका Facebook Marketplace किस बारे में है?
दुबे जी Facebook Marketplace पर Ladies Kurtis Sell करते हैं जो अलग-अलग Print, Design, Size, Color आदि में उपलब्ध होती हैं।
उनकी Target Audience में कौन शामिल हैं?
वो सभी महिलाएं जिनकी उम्र 22 से 40 वर्ष के बीच है और अक्सर Facebook पर Time Spend करती हैं।
Facebook Marketplace पर आने का उनका मकसद क्या था?Sale बढ़ाना और Online Medium के ज़रिये ज़्यादा से ज़्यादा ग्राहकों तक पहुंचना।
उनके Challenges क्या थे?
दुबे जी के Facebook Shop पर Impressions तो आ रहे थे पर उनकी Kurtis पर उतने Clicks नहीं आ रहे थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि गलती कहाँ हो रही है। न तो लोग कुर्ती की Photo पर क्लिक कर रहे और न उतनी Sale हो रही थी।
क्या गलत हुआ?
एक Business Owner को कभी भी सिर्फ एक Online Platform के भरोसे नहीं टिका रहना चाहिए, अलग-अलग Platforms पर अपनी Presence बनानी चाहिए और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को Cater करना चाहिए।
दुबे जी ने सबसे पहली गलती यही करी कि वो केवल Facebook Marketplace के भरोसे ही रहे और उन्होंने अपने Products को Amazon, Flipkart, Meesho जैसे Platforms पर List नहीं किया।
इसके साथ ही वो डिजिटल मार्केटिंग को पूर्णतः Implement नहीं कर पा रहे थे, अपनी Target Audience तक पहुँचने के लिए Ads Run नहीं कर रहे थे, SMS, WhatsApp, Telegram जैसे Platforms की Services को Intelligently Use नहीं कर रहे थे। उनका आधा-अधूरा Digitalization Process ही उनके Failure का कारण बना।
Why Did They Fail – ये सभी लोग फेल क्यों हुए?
किसी भी बिज़नेस में Failure के पीछे कई कारण होते हैं और कई बार अधूरा ज्ञान भी ले डूबता है।
इन सभी Case Studies में कुछ ऐसे Secrets शामिल हैं जिनकी वजह से इन लोगों को Desired Results नहीं मिल सका।
इन सभी Secrets को जानना और समझना बहुत ज़रूरी है। अगर Supriya, Isha, Manoj Sharma And Dubey Ji जैसे Individuals को उस समय ये Secrets पता होते तो आज वे अपने Milestones Achieve कर पाते और लोगों की ज़िंदगी में कुछ Value Add कर पाते।
तो क्या हैं ये Secrets, जानने के लिए पढ़िए हमारा अगला Section – The Success Formula For Achieving Desired Results!
Digital Ecosystem!
Digital Ecosystem वो Formula है जिससे आप Multiple Income Sources, Financial Freedom, Financial Stability हासिल कर सकते हैं और खुद की एक Unique Identity, Followers And Customer Base बना सकते हैं।
Digital Ecosystem का इस्तेमाल आज लगभग हर Successful Start-Up कर रहा है और अपने Potential Customers तक पहुँच रहा है। बल्कि, आज कई Traditional Businesses अपना ईकोसिस्टम बनाकर Customers को अपनी ओर आकर्षित कर पा रहे हैं।
तो आइये इस Powerful Weapon के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं और समझते हैं कि इसे कैसे Create किया जाता है।
What Is A Digital Ecosystem?
Digital Ecosystem को अलग-अलग Definitions से परिभाषित किया जाता है, जिन्हें समझना ज़रूरी है।
Definition #1
Digital Ecosystem उन सभी Digital Strategies का Combination होता है जो एक Offline Business को Online के जाने के लिए ज़रूरी होती हैं।
Definition #2
एक बिज़नेस को डिजिटल रूप देकर उसके Products & Services को Millions Of Interested Audience तक पहुंचाने के लिए जिन Strategies का Use किया जाता है, उनका Collection Digital Ecosystem कहलाता है।
Definition #3
एक Self Employed Person (Like Doctor, CA, Lawyer), Small Business Owner (Like Shopkeeper, Manufacturer, Distributor), Working Professional (Like Policy Agent, Real Estate Agent, Finance Advisor), इत्यादि को अपनी Online Presence बनाने के लिए जिन भी Digital Process & Techniques की ज़रूरत होती है उन Techniques का Collection, Digital Ecosystem कहलाता है।
डिजिटल ईकोसिस्टम में सामान्यतः दो तरह के Components या Techniques शामिल होती हैं – Free (Organic) Strategy And Paid (Inorganic) Strategy.
Free Strategy के तहत बिना पैसा खर्च किए Potential Customers को अपने बिज़नेस या Website पर Attract किया जाता हैं। वहीं, Paid Strategy के अंतर्गत अपनी Target Audience तक पहुँचने के लिए Ads का सहारा लेना पड़ता है।
Digital Ecosystem को विस्तार से समझने से पहले यह जानना भी ज़रूरी है कि आखिर इसकी ज़रूरत क्यों है।
Digital Ecosystem को उस टूल की तरह समझा जा सकता है जो एक बिज़नेस को उसके Customers तक पहुंचाने या Customers को उस बिज़नेस तक लाने के लिए ज़रूरी होता है।
परन्तु, अगर इसके बारे में गहराई से विचार किया जाए तो कुछ बेहतरीन बिंदु निकल कर आते हैं जो Digital Ecosystem Creation की Importance बताते हैं।
आज का युग एक डिजिटल युग है। जब से Internet ने भारत में दस्तक दी है और Digital India Program शुरू हुआ है तब से इंटरनेट एक बड़े शहर से लेकर छोटे कस्बे तक पहुँच गया है।
Businesses पर भी इसका प्रभाव देखने को मिला है। Businesses के लिए अब अधिक Profit पर अपना माल बेचना काफी आसान हो गया है। इंटरनेट युग से पहले की बात करें तो एक Product जो Manufacturer द्वारा बनाया गया है, अलग-अलग Mediators के मध्य से होता हुआ Customer तक पहुंचता था।
कुछ ऐसा Pattern या Cycle होती थी और सभी Mediators अपना कुछ Profit Margin बीच में रखते थे, जिससे Customer तक पहुँचने तक उस Product की Cost काफी बढ़ जाती थी।
लेकिन, आज Technology की मदद से या Digital Marketing की मदद से एक Manufacturer अपने माल को Direct Customer तक बीच पा रहा है और खुद भी अच्छा Profit कमा रहा है और कस्टमर को भी कम कीमत पर Product मिल जा रहा है।
आज Tehnological Advancements हो रहे हैं, Evolution हो रहा है और ऐसे Products या Services Develop किये जा रहे हैं जो लोगों के जीवन को और ज़्यादा आसान बना सकें।
लेकिन, Evolution का मतलब ये बिलकुल भी नहीं है कि पुरानी चीज़ें खराब हैं या अब काम नहीं करेंगी, ऐसा होता तो शायद उन्हें लम्बे समय तक इस्तेमाल ही नहीं किया गया होता।
Typewriter का ही उदाहरण ले लेते हैं। जब से Computer आया है Typewriter का नामोनिशान मिट गया है। आज इसे कोई नहीं पूछता, क्योंकि Computer काफी सुविधाजनक है और कई प्रकार के कार्य करने में सक्षम है।
Digital Ecosystem बनाकर अपने Business को Online ले जाना काफी सुविधाजनक या Convenient है। आपको न किसी Rented Space की ज़रूरत है और न ही भारी-भरकम Investment की।
एक जगह बैठकर Computer & Internet की मदद से आप जब चाहें तब और जिस जगह चाहें उस जगह अपने Products या Services Sell कर सकते हैं।
For e.g. अगर आपका Product Selling का बिज़नेस है तो आप Website बनाकर उस पर अपने Products List कर सकते हैं। आपकी Website आपके लिए 24 x 7 x 365 Days काम करेगी और आपकी उपस्थिति के बिना भी आपके लिए Revenue Generate करती रहेगी।
Covid-19 Pandemic ने आज हमें बहुत बड़ी सीख दी है। Pandemic के दौरान लोगों पर क्या बीती थी ये हम सभी को मालूम है।
दुकान-धंधा सब चौपट हो गए थे। कभी दुकान दिन में एक घंटे खुलती थी तो कभी दो घंटे। लोगों की Salaries काटी जा रही थी और कइयों की तो नौकरी से ही छुट्टी कर दी गई थी।
आप सोचिये, ऐसे में उस व्यक्ति पर क्या बीती होगी जिसकी पत्नी, बच्चा या माता-पिता हॉस्पिटल में ज़िंदगी की जंग लड़ रहे थे। लोगों की नौकरियाँ चली गई थी, दुकाने बंद हो गई थीं, और जो पैसा था वो दवाइयों पर लगातार खर्च हो रहा था। ऐसे में लोग कैसे अपने सगे-संबंधियों का इलाज करा पाते और उन्हें सही सलामत घर वापस ला पाते।
इस Pandemic से सबसे बड़ी सीख यही मिली कि जिसने डिजिटल अपना लिया वो बच गया और अपना काम चलाता रहा। जिसने Digital Ecosystem बनाकर अपने साथ Customers जोड़ लिए उसे इस Pandemic ने परेशान नहीं किया।
पर क्या डिजिटल ईकोसिस्टम बनाने का मतलब सिर्फ Website बनाने से है या YouTube & Instagram जैसे Platforms पर Content Share करने से है?
नहीं, इसे Digital Ecosystem नहीं कहते। Digital Ecosystem उस System को कहा जाता है जिसमे आपके बिज़नेस की Proper Website होती है, Instagram, Facebook, YouTube, Twitter, LinkedIn जैसे Social Media Platforms पर Optimized Profile होती है और इन सभी Platforms पर आप Active होते हैं।
Active होने से मतलब है आप अपनी Website पर Products Update कर रहे होते हैं, अपनी Industry Related Blogs लिख रहे होते हैं, अपने Visitors के सवालों का जवाब दे रहे होते हैं, Social Media Platforms पर Content Create कर रहे होते हैं और अपने Followers & Subscribers के साथ Engage हो रहे होते हैं।
ये सब कैसे होता है और एक Digital Ecosystem कैसे काम करता है इसे समझने के लिए आगे पढ़ना जारी रखिये।
अपने बिज़नेस को Successfully Establish करने और Profitable बनाने के लिए अक्सर कई तरह की Planning की जाती है और Digital Strategies बनाई जाती है।
लेकिन, इन Digital Strategies का Sequence & Approach बहुत ज़्यादा Matter करता है, जिसकी समझ होनी ज़रूरी है। आपको पता होना चाहिए कि कौन सी Strategy कब Use करनी है और किस प्रकार से Use करनी है। ये पता होने से आपको रुकावटों का सामना नहीं करना पड़ता और गोल तक पहुँचने में आसानी होती है।
Digital Ecosystem Formula उन सभी Sequences & Approaches के बारे में बताता है जिन्हें हम 5 Steps में Cover कर सकते हैं।
Step #1 Create A Product Or Service For Selling :
हर Business का Ultimate Goal होता है Profit Earn करना। अब
चाहे वो Product Based Business हो, Service Based Business हो, Franchise Model हो या अन्य कोई भी Model.
Business Owner चाहता है कि हर महीने उसकी कुछ न कुछ Savings होती रहे जिसे वो अपने सुविधानुसार Use कर सके और अपना घर चला सके।
क्या आप बता सकते हैं इसके लिए सबसे ज़रूरी क्या है?
Sales ! जी हाँ, इसके लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है Sales Conversion.
जितनी ज़्यादा Sales Conversions होंगी उतनी अधिक ही Profitability की सम्भावना होगी और अच्छा पैसा बनेगा।
Sales Conversion करने के लिए आपको Growth Hacking की ज़रूरत पड़ेगी, Brand Build करनी पड़ेगी, अपना Influence Build करना पड़ेगा और New Leads Generate करनी पड़ेगी।
आपको अपने Products & Services Create करने पड़ेंगे जिन्हें आप Sell करेंगे और Revenue Generate करेंगे।
And Ultimately, उन Products & Services को लिस्ट करने के लिए आपको एक ऐसा Platform चाहिए होगा जिस पर लोग Visit कर सकें और आपके Products & Services को Check Out कर सकें।
इसके लिए आपको ज़रूरत होगी एक Website की।
Step #2 Create Your Website :
Website आपकी दुकान, Office, Store, Clinic इत्यादि का Digital Version होती है, जिसे अक्सर Digital Office, Digital दुकान, Digital Asset का नाम भी दे दिया जाता है। ये एक ऐसा प्लेटफार्म होता है जहां पर लोग आपके बारे में, आपके बिज़नेस के बारे में, Products & Services इत्यादि के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
इसके साथ ही आप वेबसाइट पर अपने Satisfied Customers के Reviews & Testimonials भी डाल सकते हैं, जो Video या Text Form में हो सकते हैं। ऐसा करने से आपके Prospects या Target Customers का आप पर Trust बनता है और आपकी Credibility & Authority बढ़ती है।
आज के समय में Website बनाने के लिये आपको Coding की भी आवश्यकता नहीं होती। आपको एक Content Management System (CMS) चाहिए होता है जिस पर Drag & Drop करके आप बड़ी ही आसानी से एक Professional Website बना सकते हैं।
लेकिन सिर्फ वेबसाइट बना देने भर से काम नहीं चलता, उसे Optimize करना होता है और लोगों को उस पर लेकर आना होता है, जिसे Traffic Generation कहते हैं।
आइये समझते हैं Traffic Generation के कुछ Methods, जो आपको Free में आपके Target Customers तक पहुंचा सकते हैं।
Step #3 Free Marketing Strategy For Traffic Generation :
अगर आपके पास अच्छा बजट है और आप कम समय में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचना चाह रहे हैं तो आपके Objective को पूरा करने के लिए Paid Ads सबसे बेहतर और Fast तरीका है।
लेकिन, अगर आप चाहते हैं कि बिना पैसा लगाए ही आपके पास लोग आने लगे, आपकी Website Visit करने लगे और आपके साथ Transaction करने लगें तो उसके लिए अक्सर दो Techniques का Use किया जाता है : Search Engine Optimization (SEO) And Social Media Optimization (SMO)
Search Engine Optimization या SEO उस Technique को कहा जाता है जिसकी मदद से Website को Search Engines (Like Google, Bing, Baidu, Etc.) पर Rank किया जाता है।
क्योंकि Google सबसे बड़ा सर्च इंजन है जिसका 92% Market Share है, SEO की सभी Strategies को Implement करते वक्त Google पर ही फोकस किया जाता है।
SEO Strategies को Effectively Implement करने पर आपकी Website Google के First Page पर दिखने लगती है। ऐसे में जब भी कोई व्यक्ति आपके Business से Relevant Query Google पर सर्च करता है तो सबसे ऊपर उसे आपकी वेबसाइट दिखती है। वेबसाइट पर क्लिक करके वो आपके बारे में जानकारी लेता है, उस पर Listed Products & Services के बारे में पढ़ता है, समझता है और अंत के आपके साथ Transact करता है।
वहीं दूसरी ओर, Social Media Optimization या SMO में आपको Social Media Platforms Like Facebook, Instagram, Twitter, LinkedIn इत्यादि पर Well Optimized Profile Create करके Consistently Content Create करना होता है और उसके माध्यम से लोगों को अपने Business या अपने Profession के बारे में बताना होता है।
आपका Content देखकर ही लोग आपको जानने लगते हैं, पहचानने लगते हैं और उनमे उत्सुकता बढ़ने लगती है और वो आकर्षित होकर आपकी Website पर Visit करते हैं या Direct आपसे Interact करते हैं।
ध्यान रहे कि आपका Content कुछ इस प्रकार का होना चाहिए कि लोग उन्हें देखकर आकर्षित हों, आपके बारे में जानना चाहें, समझना चाहें और Ultimately आप तक पहुंचना चाहें।
उन Posts के अंदर आप Strong Call To Action दे सकते हैं और लोगों को बता सकते हैं कि अगर उन्हें आपके Products, Services या आपके बारे में और अधिक जानना है तो वो आपकी Website Visit करें।
इस तरह, इन दोनों Free Strategies की मदद से आप Interested लोगों को Attract कर सकते हैं और अपना Customer Base बढ़ा सकते हैं।
Step #4 Paid Ads For Generating Instant Traffic :
Paid Ads, एक बेहतरीन तरीका होता है अपनी Target Audience के पास पहुँचने का, उन्हें Attract करने का, और उनके साथ Transact करने का।
जब भी किसी बिज़नेस की शुरुआत होती है तो उसके अलग-अलग Goals हो सकते हैं, जैसे कि – Awareness Create करना, Business की Reach बढ़ाना, Lead Generate करना या Sell करना।
इन सभी Goals या Objectives के अनुसार अपने Target Audience को Define करके आप अलग-अलग Ad Campaigns चला सकते हैं। ये Process इतना Fast होता है कि आप केवल आधे से एक घंटे में अपने Ad Campaigns Set कर सकते हैं और उन्हें Run कर सकते हैं।
इन Ad Campaigns में आपके पास Multiple Filters Use करने की सुविधा होती है जिसके तहत आप Age, Gender, Interest, Geographical Location इत्यादि के आधार पर केवल उन्हीं लोगों को अपना Ad दिखा सकते हैं जिन तक आप पहुंचना चाहते हैं।
आइये अब इनके Classification को समझते हैं।
Paid Ads को सामान्यतः दो Categories में बांटा जाता है – Search Engine Marketing And Social Media Marketing.
Search Engine Marketing या SEM के अंतर्गत Google & YouTube पर Ad Campaigns चलाकर Target Audience तक पहुंचा जाता है।
इन्हें Pay Per Click Advertisement भी कहा जाता है जिसका मतलब है आपको अपने Ad पर हर एक क्लिक के बदले Google को कुछ पैसे देने पड़ते हैं।
Similarly, Social Media Marketing के लिए प्रमुख Social Media Platforms Like Facebook, Instagram, LinkedIn & Twitter पर Ad Campaigns Run किए जाते हैं।
आपको अपने Objective के अनुसार Ads Setup करने होते हैं और Target Audience Define करके प्रतिदिन का बजट Decide करना होता है। आपको Decide करना होता है कि प्रति क्लिक पर आप कितना पैसा खर्च कर सकते हैं। इसे Cost Per Click कहा जाता है।
जब भी कोई Interested Individual आपके Ad पर क्लिक करता है तो आपके Defined Budget में से हर क्लिक का पैसा कटने लगता है।
Free & Paid Strategies का Use करके आप दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति तक पहुँच सकते हैं और उसे अपना Customer बना सकते हैं।
लेकिन, क्या आप नहीं चाहते कि जब भी कोई व्यक्ति आपको आपके Business Name से सर्च करे तो उसे आपके Business की सभी Details First Page पर Show हो जाए?
Of Course, आप ये चाहेंगे। इससे आपकी Local Presence बढ़ेगी और आपके Local Area के लोग भी आपके Products के बारे में Enquire करने लगेंगे और आपकी Services लेने लगेंगे।
इस Complete Process को Local SEO कहा जाता है।
आइये इसके बारे में भी विस्तार से चर्चा करते हैं।
Step #5 Submit Business Details On Google My Business :
Website बनाने के बाद अपनी Local Presence बनाने के लिए आपको अपने बिज़नेस की Details Google My Business (GMB) पर डालनी होती है।
Google My Business एक Free Tool या Platform है जो Businesses को Online List करने के लिए ही बना है।
वहां आपको बताना होता है कि आपका बिज़नेस किस बारे में है, उसका Address क्या है, Opening & Closing Hours क्या हैं, Contact Details क्या हैं, इत्यादि।
ये Information इसलिए ज़रूरी होती है ताकि अगर कोई व्यक्ति आपके बारे में Direct Google पर सर्च करता है तो आपका Listed Business उसे दिख सके, आपको Contact कर सके और आपसे आपके Products या Services के बारे में Enquire कर सके।
Mostly, GMB पर अपनी Details डालने से आप Local Audience को Attract करते हैं जो आपके बारे में ही सर्च कर रहे होते हैं।
इन सभी Steps को Follow करके किसी भी Profession में Success हासिल की जा सकती है और एक अच्छा Income Source Create किया जा सकता है।
आइये अब Digital Ecosystem के सभी Components को बारीकी से समझते हैं। ये सभी Components इतने Powerful हैं कि आज जो भी नई Companies आ रही हैं, Start-ups Launch हो रहे हैं, वो सब इन्हीं को Use & Implement करके अपने Customers तक पहुँच रहे हैं और अपना Business Grow कर रहे हैं।
Understanding Digital Ecosystem Components In & Out :
Digital Ecosystem उन सभी Components का Collection होता है जिनका इस्तेमाल Lead Generation, Lead Conversion, Brand Building जैसे Objectives के लिए किया जाता है।
ये सभी Components हर तरह के Business के लिए Important है। चाहे आप Manufacturing Business में हैं, Franchise Business Model Operate करते हैं, Wholesaler & Retailer हैं, या अपनी कोई Service Provide करते हैं, आपको इन सभी Components को ध्यान से समझने की ज़रूरत है।
1. Content Management System :
CMS या Content Management System उस Software, Tool Or System को कहा जाता है जहां आप अपने Content को Create, Manage, Update & Edit कर सकते हैं।
Content से मेरा मतलब उस Knowledge से है जो आप Texts, Videos, Photos, Infographics, Audio इत्यादि के माध्यम से देते हैं।
एक Website पर Published Blog, YouTube पर Posted Video, Instagram पर Shared Post या Reel, Twitter पर किया गया Tweet, सब एक Content के ही Part होते हैं।
Content Management System को एक ऐसे Store या Platform की तरह देखा जा सकता है जहां आप अपने Business से जुड़ी Information, Products & Services की Detail, अपनी Contact Details वगैरह रख सकते हैं।
CMS के दो Main Components होते हैं : Front End (As Content Management Application) And Back End (As Content Delivery Application)
Front End में बिना Coding की मदद लिए लगभग सभी कार्य कर सकते हैं जैसे – Pages Design करना, Content लिखना और Edit करना, Blog Posts Publish करना, Different Button, Forms And Links Embed करना और अन्य समान कार्य।
वहीं Back End में Content Add & Edit करने के लिए या किसी भी तरह के कार्य को करने के लिए Coding की ज़रूरत होती है।
कुछ Popular Content Management Systems की बात करें तो उनमे शामिल हैं – WordPress.org, Joomla, Drupal, Magneto, Etc.
इन सभी Content Management Systems का इस्तेमाल Website को Host करने के लिए किया जाता है।
WordPress.org को Most Preferred And Popular CMS में गिना जाता है जिस पर आज लगभग 455 Million Websites Hosted हैं।
Website आपकी Brand Identity होती है जिस पर आप अपने Product & Service Related Information, Social Proofs, Testimonials, Contact Details, Call To Action Share करते हैं।
ये सभी Information आपके Visitors को आपके और आपके बिज़नेस के बारे में सब कुछ बता देती है। साथ ही ये आपके Brand Building, Influence Building, Lead Generation And Sales Conversion के लिए भी एक Powerful Platform है।
अगर आप कोई भी बिज़नेस करते हैं तो वेबसाइट ही आपके Prospects के लिए First Point Of Contact होता है, इसलिए इसे Optimize बनाना ज़रूरी है।
2. Traffic Generation :
किसी भी बिज़नेस को Successfully Run करने के लिए ज़रूरी है Customers या Retaining Customers.
Retaining Customers उन Customers को कहा जाता है जो एक बार आपके साथ जुड़ने पर आपके ही होकर रह जाते हैं। वो केवल आपसे ही Products खरीदते हैं, आपकी Services बार-बार लेते हैं और अपने साथियों को भी आपका नाम Recommend करते हैं।
Customer बनाना या Retaining Customer बनाना उतना आसान नहीं जितना कि देखने में लगता है।
एक Interested Person को Customer में Convert करने के लिए बहुत से Processes से होकर गुजरना पड़ता है।
एक Online Business में सबसे पहले ज़रूरत होती है Traffic Generate करने की या उन लोगों तक पहुँचने की जो आपके बिज़नेस से जुडी चीज़ो को Online ढूंढ रहे हैं या उन्हें आपके Products या Service से जुडी कुछ Information चाहिए।
दूसरे शब्दों में कहें तो आपको ऐसे लोग चाहिए होते हैं जिन्हें आप अपना Product या Service बेचना चाहते हैं।
ऐसे लोग आपको दो तरह से मिल सकते हैं : Organic And Inorganic Methods.
Organic का मतलब होता है फ्री या बिना पैसा खर्च किए Traffic Generate करना।
इसके लिए सामान्यतः तीन Strategies का Use किया जाता है, जिनका नाम है – Search Engine Optimization (SEO), Social Media Optimization (SMO) And Content Marketing (CM)
a. Search Engine Optimization : जैसा कि हम पहले भी बात कर चुके हैं, SEO के अंदर वो सभी Strategies & Tactics शामिल होती हैं जो एक Website को Search Engine यानि कि Google पर Rank कराने के लिए ज़रूरी है।
Rank कराने के लिए केवल Google ही नहीं बल्कि Users के लिए भी Website को Optimize करना होता है और उन्हें एक अच्छा User Experience देना होता है।
Search Engine Like Google के लिए Optimize करने के लिए सबसे पहले Google की Algorithms को समझना ज़रूरी होता है। हमें ये पता होना चाहिए कि Google कैसे Work करता है, वो करोड़ों Websites को कैसे Analyse करता है और कैसे Decide करता है कि किस Website को ऊपर रैंक किया जाए और किसे नीचे।
वहीं, User के लिए Optimize करने या Website को User Friendly बनाने के लिए Website Structure, Navigation, Website Loading Speed, Broken Links इत्यादि को Analyse करने की ज़रूरत होती है।
SEO के बारे में हम अपने आने वाले Chapters में विस्तार से चर्चा करेंगे।
b. Social Media Optimization : SMO में वो सभी Steps And Processes शामिल होते हैं जिनका इस्तेमाल Social Media Platforms Like Facebook, Instagram, LinkedIn, Twitter, Quora को Optimize करने के लिए किया जाता है।
इन Platforms पर Profile Creation से लेकर Content Creation & Posting शामिल होता है जिसे Optimize Way में पूरा करना पड़ता है।
c. Content Marketing : “Content Is King” ये तो सब जानते हैं, लेकिन उस Content को Optimize करके सही Audience तक पहुँचाना भी उतना ही ज़रूरी है जितना एक Content तैयार करना।
Content Create करना, उसे Distribute करना और सही लोगों तक Promote करना ही Content Marketing कहलाता है।
Content Marketing के लिए अक्सर Blogs, YouTube Videos, Social Media Posts, Newsletters इत्यादि का Use किया जाता है
Blogs, YouTube Videos & Social Media Posts के माध्यम से अपने Business Relevant Information Share करना और अपने Audience की Problems & Pain Points को Target करते हुए Content Create & Post करना, सब कुछ एक Successful Content Marketing Strategy का हिस्सा होते हैं।
Inorganic Method Of Traffic Generation :
पैसा खर्च करके Traffic Generate करना, Leads Generate करना और अपनी Target Audience तक पहुंचना Inorganic या Paid Marketing Method के अंदर आता है।
इस Method में दो तरह की Strategies को Use किया जाता है : Search Engine Marketing (SEM) And Social Media Marketing (SMM).
a. Search Engine Marketing (SEM) : Search Engines की श्रेणी में अक्सर Google का नाम सबसे पहले आता है। हालांकि Google के अलावा भी अन्य कई Search Engines हैं जैसे Bing, Yahoo, Baidu, Yandex, जिनका अलग-अलग Countries में Use किया जाता है।
लेकिन Google की Popularity की वजह से अधिकतर Marketers Google पर ही Ads Run करना सही समझते हैं।
लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से YouTube भी Social Media Platform से Search Engine की तरफ शिफ्ट होता जा रहा है। हालाँकि, इसके पास अभी Social Media Platform का दर्ज़ा है लेकिन, धीरे-धीरे लोगों ने इस पर भी अपने सवालों के जवाब ढूंढने शुरू कर दिए हैं।
लोग आज YouTube पर ‘How To Queries’, ‘When To Queries’, ‘What To Queries’, जैसे Queries सर्च कर रहे हैं और Free में Right Education ले रहे हैं।
इस वजह से YouTube Users की संख्या काफी बढ़ गई है और Marketers ने YouTube पर भी Ad Run करने शुरू कर दिए हैं।
Google & YouTube पर Ads Campaign चलाकर सही लोगों तक पहुंचना ही Search Engine Marketing कहलाता है।
b. Social Media Marketing (SMM) : आज भारत में 75 करोड़ से भी ज़्यादा Social Media Users हैं। पांच साल पहले की बात करें तो ये आंकड़ा 19 करोड़ के आसपास था। इतने कम समय में इतनी बढ़ोत्तरी केवल Internet & Smartphones के पहुँचने से ही हो पाई है।
इतने ज़्यादा लोगों द्वारा इन Platforms को Use करना एक Businessman के लिए नए अवसर लेकर आता है। इन Audience में Mostly 18 से 50 साल के लोग शामिल होते हैं। ऐसे में एक बिज़नेस जो केवल इसी Age Bracket की Audience को Target करता है, अपना Quick & Fast Promotion करने के लिए Paid Ads का सहारा लेता है।
आमतौर पर, Paid Social Media Ads में केवल Facebook & Instagram को ही Prefer किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये दोनों Platforms बहुत ज़्यादा Popular हैं, इनके Users बहुत ज़्यादा हैं, ऐसे में इन दोनों Platforms के माध्यम से Target Audience तक पहुँचने की सम्भावना सबसे अधिक होती है।
Ads Setup करते वक्त आपको बहुत से Filters Use करने होते हैं और अपनी Target Audience Define करनी होती है। इसके बाद आप प्रत्येक दिन के हिसाब से अपना एक बजट Decide करते हैं जिसमे Per Click के अनुसार आप एक Cost तय करते हैं। जब भी कोई Interested Prospects आपके Ad पर क्लिक करता है तो आपके बजट में से वो Cost कट जाती है।
जब किसी User को आपका कोई Ad दिखता है तो वह आपके Call तो Action पर क्लिक करके एक नए Page पर चला जाता है, अधिकतर Cases में लोग Website पर भेजना ज़्यादा Prefer करते हैं।
जो भी लोग आपके Ad के ज़रिये आपकी Website पर आते हैं उन्हें Paid Traffic कहा जाता है। इस Traffic को Lead में कन्वर्ट करने के लिए आपको उनकी Contact Details & Email Id लेनी पड़ती है।
एक बार ये सभी Steps Follow करने के बाद आप उन्हें लगातार Value Provide करते हैं जिसके लिए एक Complete Email Marketing System तैयार करना होता है।
इस System का मकसद होता है इन सभी Leads को Customer में Convert करना। इसमें Emails Send करना, Free E-Books Share करना, और लगातार Value देकर अपने Webinar पर Invite करना शामिल होता है।
Lead To Customer Conversion आप केवल Emails के माध्यम से नहीं करते, आप अपने Ad Campaigns Run करते हैं और Display Ad, Photo & Video Ad के माध्यम से बार-बार अपने Prospects के सामने आते हैं।
Marketing की दुनिया में ऐसा माना जाता है कि अगर आप अपने Prospect के सामने 7 बार अलग-अलग Platforms पर दिखते हैं तो उनके आपके साथ Transact करने की Probability बहुत बढ़ जाती है।
लेकिन, ये तभी Possible होगा जब Lead को लगेगा कि आपके साथ जुड़कर उन्हें कुछ Extra Value मिलने वाली है और उनकी Problems का Solution भी मिलने वाला है।
3. Lead Management System :
Leads उन लोगों को कहा जाता है जिन्हें आपके बिज़नेस, प्रोडक्ट्स और सर्विस में रुचि तो होती है लेकिन कहीं न कहीं मन में ये Doubt रहता है कि क्या आप उनके Problems Solve कर पाएंगे, क्या आपके Products लेने से उन्हें कुछ फायदा होगा।
जब आप Free या Paid Marketing Techniques की मदद से अपनी Website पर Traffic लाते हैं और Interested लोगों की Contact Details & Email Id लेकर उन्हें बदले में कुछ देते हैं तो इस Process को Lead Generation कहा जाता है।
अब अगर आपके Ads पर ज़्यादा Clicks आ रहे होंगे या Website पर भी Visitors पहुंच रहे होंगे तो Lead Generate होने की Probability उतनी ज़्यादा ही बढ़ जाएगी।
ऐसे में जितनी अधिक Leads Generate होंगी उनकी Details आपकी Website पर Save होती रहेगी जिससे Website पर Load बढ़ने लगेगा।
ऐसे में आपको एक Proper Lead Management System चाहिए होगा जिसकी मदद से सभी Leads की Details एक Specific Location पर Save की जा सके और उन्हें Trace करना भी आसान हो।
Leads किसी भी बिज़नेस के लिए उस खजाने की तरह होती है जिसे हमेशा संभाल कर रखना होता है। ऐसे में एक Powerful Lead Management System आपकी Leads को Manage करने में मदद कर सकता है।
Leads Manage करने के लिए अक्सर बहुत से Online Tools इस्तेमाल किए जाते हैं, जिनमे मुख्य रूप से शामिल हैं – ConvertKit, GetResponse, MailChimp, Etc.
ये सभी Tools आज Top Marketers द्वारा Use किए जाते हैं और Lead Management में काफी Effective हैं।
लेकिन क्या सिर्फ Leads को Manage करना ही काफी है, क्या सिर्फ उन्हें Manage करने भर से वो हमारे Products या Services के लिए Sign Up कर लेंगे?
नहीं, केवल Management के ज़रिये उन्हें कस्टमर में कन्वर्ट करना मुश्किल है। यहां एक और Technique को Use करना होता है जिसे Lead Nurturing के नाम से जाना जाता है।
Lead Nurturing का मतलब होता है अपनी Leads या Prospects को लगातार अपने बिज़नेस और प्रोडक्ट्स या सर्विसेज के बारे में जानकारी देते रहना, उन्हें High Value Provide करते रहना, उनके Business संबंधी Problems के बारे में चर्चा करना और बताना कि आपके Products या Services कैसे उनके Problems को Solve कर सकते हैं।
इस Entire Process को बहुत ही Professional तरीके से अंजाम देना पड़ता है जिसके लिए अक्सर Email Marketing को Prefer किया जाता है। Email के ज़रिये अपने Prospects या Leads के साथ Interaction करने से आप उन्हें नए-नए Updates, Offers, Deals, इत्यादि की जानकारी आसानी से दे सकते हैं और हर Email में एक Strong Call To Action देकर अपने कस्टमर में Convert करने की कोशिश कर सकते हैं।
Email के अलावा Lead Nurturing के लिए अक्सर SMS & WhatsApp Messages का भी Use किया जाता है जिससे Probability बढ़ जाती है कि Lead को आपके बारे में पता रहे, वो आपके Messages पढ़ता रहे और ज़रूरत पड़ने पर आपसे Further Information ले सके।
4. Conversion Mechanism And Retargeting :
एक नया कस्टमर बनाना जितना मुश्किल काम है उतना ही मुश्किल है उसे Maintain करना और अपने साथ हमेशा जोड़े रखना।
आज हर किसी बिज़नेस का कोई न कोई Competitor ज़रूर होता है जिससे Competition काफी बढ़ जाता है। आपका Existing Customer कब दूसरे के पास चला जाए ये कहा नहीं जा सकता। ऐसे में Existing Customer को Full Support & Value देने में बिलकुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
उनके साथ समय-समय पर Interact करना, उनके Doubts Solve करना, परेशानियां सुनना और सही समाधान देना, उन्हें अपने साथ बनाए रखने के लिए ज़रूरी होता है।
Customers को अपने साथ जोड़े रखने के लिए ही Retargeting & Remarketing Technique को अंजाम दिया जाता है।
जब भी कोई नया प्रोडक्ट या सर्विस लांच होता है उसे अपने Existing Customers तक पहुँचाना ज़रूरी होता है जिसके लिए Retargeting & Remarketing का इस्तेमाल किया जाता है।
इन Strategies में फिर से Customer को Social Media के ज़रिये Engage करना, उसे अपने New Products की खूबियों के बारे में बताना, Website पर लेकर जाना, अलग-अलग Platforms पर Ads दिखाना शामिल होता है।
इन सभी रणनीतियों की मदद से कस्टमर को बार-बार टारगेट किया जाता है, Value Provide की जाती है और नई-नई जानकारी Share की जाती है ताकि वो कहीं दूसरी जगह जाने के बजाय आपके साथ ही जुड़ा रहे।
जैसे-जैसे New Product की छवि कस्टमर के सामने आती रहती है उसके दिमाग में एक Perception बनने लगता है और अगर उसे वो Product Valuable लगता है वो आपके साथ दोबारा Transaction कर लेता है।
इस तरह सिर्फ एक बार कस्टमर बनाकर छोड़ देने की बजाय आप उसे बार-बार Target करते हैं और अपने New Products Sell करते हैं। एक कस्टमर आपके साथ कितने रूपये का Transaction कर सकता है या उस कस्टमर से आपका कितना Revenue Generate हो सकता है ये Plan करना ज़रूरी है। इसे ही Customer Life Time Value या CLV कहा जाता है।
इसे एक उदाहरण के ज़रिये भी समझ लेते हैं।
मान लेते हैं कि आपके पास 1000 Customers हैं और आप अलग-अलग तरह के Products Sell कर रहे हैं।
अब मान लेते हैं कि 300 Customers आपके साथ हर वर्ष 500 Rs. की Transaction करते हैं, 400 Customer आपके साथ हर वर्ष 300 Rs. की Transaction करते हैं और 300 Customers आपके साथ हर वर्ष 150 Rs. की Transaction करते हैं।
इसका अर्थ है कि हर वर्ष आपका कस्टमर औसतन 315 Rs. का Transaction करेगा। लेकिन, अगर कस्टमर आपके साथ औसतन तीन वर्षों तक भी जुड़ा रहता है तो वह आपके साथ 315 x 3 = 945 Rs. का Transaction करेगा।
CLV पता होने से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि आपका Cost Per Lead (CPL) And Cost Per Customer Acquisition (CPA) कितना होना चाहिए।
एक डिजिटल ईकोसिस्टम बनाना जितना ज़रूरी है उतना ही ज़रूरी है उन Points को याद रखना जिन्हें अक्सर नए लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
ज़्यादातर लोग इसके विभिन्न Components को अपने-अपने Businesses के हिसाब से Use करने का प्रयत्न करते हैं और सभी Strategies की बजाय केवल कुछ ही Strategies अपनाते हैं।
लेकिन, डिजिटल ईकोसिस्टम गाड़ी के उन चार पहियों की तरह हैं जहां एक भी पहिया न होने से गाड़ी आगे नहीं खिसक पाती। इसी तरह आपको ध्यान रखना है कि ये सिस्टम हमेशा Full में ही Operate किया जाए, अगर आप इसका एक भी Part या Component Miss करते हैं तो आपको Business Grow करने में तकलीफ आ सकती है और Expected Results मिलने में भी काफी समय लग सकता है।
For e.g. अगर आप Traffic Generation के लिए Ads Run कर रहे हैं तो आपको Website पर Blogs भी Publish करने होंगे, YouTube पर Relevant Videos भी Post करनी होंगी और Social Media पर Regular Posting भी करनी होगी।
Digital Ecosystem के Components को बेहतर तरीके से उपयोग में लाने के लिए Consistency Maintain करना बहुत ज़रूरी है।
हर किसी Business Owner को अपनी Content Marketing, Email Marketing, Free & Paid Ad Traffic Generation Strategy में निरंतरता रखनी ज़रूरी होती है।
ऐसा नहीं होना चाहिए कि चार दिन Content पर काम किया और फिर छुट्टी पर चले गए। इससे आपके Leads & Customers की Seriousness खत्म हो जाती है और वो आपके पास आने की बजाय किसी अन्य Business के साथ जुड़ जाते हैं।
Ecosystem Create करते वक्त बहुत से Platforms, Components & Strategies को Use करना होता है। लेकिन, सिर्फ Use करना ही काफी नहीं है, उनका Backend पर Data Analyse करना भी बेहद ज़रूरी है।
Data Analysis करने से आपके द्वारा Implemented Strategy की पूरी Picture सामने आ जाती है। इसके आधार पर आप बेहतर Decision ले सकते हैं और अपनी Strategy में Change या Tweak करके उसे Problem Focused बना सकते हैं।
Content Marketing के दौरान Content Repurposing को लोग अक्सर भूल जाते हैं और हर बार नए सिरे से Content तैयार करते हैं। Content Repurposing में आप एक ही Content को अलग-अलग तरह से Present कर सकते हैं।
For e.g. एक Blog Post को YouTube Video में Convert करना, Instagram & Facebook पर अलग-अलग Posts बनाकर डालना, Blog Post में से अलग-अलग Sections उठाकर Reels या Shorts बनाकर डालना, इत्यादि।
ये सभी तरकीबें Time & Efforts Save करने में मददगार होती हैं जिससे आप अपना फोकस अन्य कार्यों पर भी कर सकते हैं।
Customers बनने के बाद उनके साथ दोबारा Interact न करना, उन्हें कम Preference देना, हमेशा नए Customers जोड़ने में लगे रहना, उनसे Reviews & Ratings न लेना जैसे कई Incidents हैं जो अक्सर कई Businesses में देखे जाते हैं।
ऐसा करने से आपके Existing Customers पर तो Negative Impact पड़ता ही हो, वो आगे भी किसी को आपका नाम Recommend नहीं करते। Word Of Mouth Marketing से आज भी कई Businesses अपने साथ नए Customers जोड़ रहे हैं, लेकिन आपके इस बर्ताव की वजह से आपके बिज़नेस की Word Of Mouth Marketing नहीं हो पाती, जिससे Ultimately आपको ही नुकसान होता है।
जब भी हम किसी दुकान या स्टोर में जाते हैं तो वहां तरह-तरह के Items देखते हैं – कोई सस्ता होता है तो कोई महंगा, कोई बच्चों के लिए होता है तो कोई बड़ों के लिए। पसंद आने पर उन Items को खरीदने के लिए Counter पर बैठे शख्स को पैसे देने पड़ते हैं जिससे वो सामान अपना हो जाता है।
ठीक इसी तरह Website भी काम करती है जिस पर अलग-अलग Pages बनाए जाते हैं, उन पर Category के अनुसार Products रखे जाते हैं ताकि जो लोग भी Website पर Visit करें वो उन Products को देख सके, Enquire कर सके और पसंद आने पर खरीद सकें।
जिस तरह अपनी दुकान या स्टोर में Multiple Audience को Target किया जाता है ठीक उसी तरह Website पर भी आप अलग-अलग Audience को Cater कर सकते हैं।
अगर आपको एक Successful Business बनाना है तो उसमे Website को Professional Touch देना पड़ेगा क्योंकि तभी आप इसकी मदद से अपने Objectives Solve कर पाएंगे।
अक्सर देखा गया है कि एक Website बनाने के पीछे 3 बड़े Objectives होते हैं :
किसी भी Website को Design करने के पीछे ये तीन Basic Reasons होते हैं। हर Business Owner Interested लोगों को Attract करके उन्हें अपने Products & Services के बारे में Inform करना चाहता है और उनकी Contact Details लेकर उनके साथ Interaction शुरू करना चाहता है और Selling करना चाहता है।
इतना सब कुछ करना Website के अलावा किसी दूसरे Platform पर मुमकिन नहीं है और इसलिए आज Offline से Online Business पर Shift करने के लिए Website को Primary And Mandatory Requirement के रूप में देखा जाता है।
Website के बारे में गहराई से समझने से पहले ये जानना ज़रूरी है कि इसकी शुरुआत कैसे हुई।
www जिसे World Wide Web के नाम से भी जाना जाता है की शुरुआत वर्ष 1989 में एक British Scientist Tim-Berners-Lee ने की थी। वो उस समय CERN (एक Nuclear Energy Research Centre) में कार्यरत थे।
वो अलग-अलग Universities & Institutions में बैठे Scientists के लिए Communication को Easy करना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने एक Automated Information Sharing Platform बनाने का सोचा।
उनका www Project का First Draft वर्ष 1989 में बनकर तैयार हुआ और वर्ष 1990 में उन्होंने System Engineer Robert Cailliau के साथ मिलकर अपना Document Share किया जिसे ‘hypertext project’ या ‘world wide web’ के नाम से जाना जाने लगा।
इसके बाद Worldwideweb में नए-नए Advancements आते गए जो इसे Optimize करने के लिए ज़रूरी थे। वर्ष 2002 तक एक Website को Design करने के लिए Coding Skills की ज़रूरत होती थी, जिसके बिना वेबसाइट बना पाना असंभव था।
ऐसे में Non-Coders के लिए Website Design करना असंभव था। इसी Problem का Solution निकालने के लिए वर्ष 2003 में Developers Mat Mullenweg And Mike Little ने WordPress को Invent किया।
WordPress को आज एक Popular Content Management System के रूप में जाना जाता है जिस पर Plugins Architecture, Themes, Templates, Media, Content Publishing जैसे Features उपलब्ध हैं।
WordPress को Originally एक Blog Publishing System की तरह Create किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे इसमें कई Updates किए गए और आज ये लगभग हर तरह के Web Content को Support करता है।
आज WordPress पर दुनिया की 35% से भी ज़्यादा Websites Hosted है। इसका Easy To Use Interface, Design, Editing Facility ने Non-Coders के लिए भी Professional Website Design करना आसान बना दिया है ।
आइये अब थोड़ा विस्तार से समझते हैं कि आखिर एक Website किसे कहा जाता है।
Website एक ऐसा Platform या Space होता है जिस पर Products, Services, Company, Organization, Business, And Even Personal Information Share की जाती है।
Technical Terms में बात करें तो Website बहुत सारे Web Pages का Collection होती है जिसका एक Domain Name होता है जिसे Web Server पर Host किया गया होता है।
Domain तक पहुँचने के लिए एक URL (Uniform Resource Locator) का Use किया जाता है जिस पर Click करते ही User को आपकी Website पर Direct कर दिया जाता है।
Website आपके Digital Ecosystem का Centre Point होती है जिसके Around सारी Marketing Strategies & Techniques होती हैं जिन्हे Implement करके Traffic Drive किया जाता है।
Website को और Detail में जानने से पहले ये समझना ज़रूरी है कि इसे इतनी अधिक Importance क्यों दी जाती है? क्या इसके बिना काम नहीं चल सकता?
नीचे कुछ Major Facts बताए गए हैं जो इसकी Importance & Benefits को बताते हैं।
1. Brand And Influence Building :
एक Small Business को Brand में Convert करने के लिए Digital Ecosystem Create करना पड़ता है और उसके सभी Components को Intelligently Use करना पड़ता है।
क्योंकि Website आपके डिजिटल ईकोसिस्टम का एक Critical Component होती है, इसे Ignore करना या Optimized नहीं करना, कई बार Failure का कारण भी बन सकता है।
जो भी आपके नए और पुराने Customers होते हैं वो जानकारी के लिए आपकी Website पर ही Visit करते हैं। इस तरह धीरे-धीरे लोग आपके बिज़नेस को आपकी Website के नाम से जानने लगते हैं।
एक Brand बनने के लिए High Quality Products Or Services, Customer के साथ Regular Interaction, उनके Problems के Solution, Proper Communication, Consistency & Hard Work, सब कुछ ज़रूरी होता है जो Website के बिना संभव नहीं।
जैसे-जैसे लोग आपको जानने लगते हैं और आपके Products या Service से उनके Problems का Solution निकलने लगता है, वो आपके Permanent Customer बन जाते हैं और अन्य लोगों को भी आपके बारे में बताने लगते हैं।
इस तरह आपका नाम बढ़ता रहता है और अपनी Industry में आपका Influence Grow होता रहता है।
2. Increase The Credibility Of Your Business :
आज के समय जैसे ही कोई एक नया बिज़नेस शुरू करता है, कुछ ही समय बाद उसके Competitors भी आ जाते हैं। ऐसे में आपके Business का एक USP (Unique Selling Preposition) होना ज़रुरी है जिससे आपका बिज़नेस अन्य Similar Businesses से अलग लगे और उसकी Credibility बन सके।
एक Professional & Well Optimized Website आपको Competition से Stand Out होने में मदद करती है। आपके Product & Service Related Information, Clear Mission, Vision & Goal Statements से Visitors के मन में आपके बिज़नेस की एक अलग Credibility बनती है।
Website आपके बिज़नेस का वो Professional Version होती है जो Visitors के Mind में First Impression बनाती है और उनमे विश्वास पैदा करती है।
3. Always Stays With You :
जिस तरह अपनी दुकान को अपने Area में लंबे समय तक चलाने के लिए उसे खरीदना होता है ठीक उसी तरह अपनी डिजिटल दुकान यानि कि Website Design करने के लिए भी आपको Domain & Hosting खरीदने में कुछ पैसा Invest करना होता है।
ऐसे में जब भी कोई चीज़ आप पैसे देकर खरीदते हैं तो वो हमेशा के लिए आपकी हो जाती है और उस पर किसी और का अधिकार नहीं होता।
Website के साथ भी ऐसा ही होता है। ये आपकी अपनी Property होती है जहां अपनी Website का नाम भी आप खुद ही देते हैं और उसे Host करने के लिए Best Hosting Provider भी खुद ही Select करते हैं।
यही नहीं, आप Content लिखने से लेकर उसे Edit करना, Photos या Videos Embed करना, Different Types Of Buttons Use करना, Color, Font Size & Shape, सब कुछ Change कर सकते हैं।
ये सभी Social Media के किसी भी Platform पर उपलब्ध नहीं होती। वो किसी और की Property होती है जिस पर आप अपनी Profile Create करते हैं और लोगों के साथ Information Share करते हैं। लेकिन कब इनकी Policies Change हो जाए या ये Platforms खुद ही बंद हो जाएं, कहा नहीं जा सकता।
4. 24 x 7 x 365 Days Marketing Platform :
आज एक Normal Human की Working Capacity 8 से 12 घंटे की है। लेकिन, कई लोग 13 घंटे या 14 घंटे भी काम करते हैं, इससे ज़्यादा देर काम करने से कई तरह की बीमारियां घेरना शुरू कर देती हैं।
Website उस Super Human की तरह है जो 24 x 7 x 365 Days आपकी Marketing करता रहता है। ये न सोता है न थकता है और हमेशा Active रहता है।
जब तक आपकी Website Search Engine पर Live रहती है इस पर Visitors आते रहते हैं और आपके Content को पढ़ते हैं, Business को समझते हैं, और Listed Products & Services को समझकर Transaction करते हैं।
5. Lead Generation And Sales Conversion :
Lead Generation के लिए One Of The Best Ways है Building A Professional Website.
जब भी लोग Online Search करते हुए आप तक पहुँचते हैं तो सबसे पहले वो आपकी Website पर Visit करते हैं जहां से वो आपके Products & Services के बारे में जानकारी लेते हैं।
एक Professional & Easy To Navigate Website होने से वो लोग आपके Business को अच्छे से समझ पाते हैं और अधिक जानकारी हासिल करने के लिए आपसे Contact भी करते हैं।
लेकिन, अगर आपको उनकी Details लेनी है तो उसके लिए Website पर एक Form Embed करना होता है जिसमे उनकी Details के बदले में आपको उन्हें कुछ देना पड़ता है।
ये कोई Free EBook हो सकती है, किसी Event का Free Pass हो सकता है, किसी Product पर Additional Offer हो सकता है, इत्यादि।
इस तरह आपके पास Lead Generate होती रहती हैं जिन्हें आप लगातार Nurture करके Valuable Information Share करते हुए Customers में Convert करते हैं।
How To Build A Website – Essentials Required
आज से कुछ वर्ष पहले तक Website Design करने का मतलब होता था Coding सीखना जिसके लिए HTML, CSS, Java जैसी Computer Programming Languages को सीखना और समझना होता था।
लेकिन, जब से WordPress, Joomla, Drupal जैसे Content Management Systems आए हैं, Website Design करना काफी आसान हो गया है।
इन सभी Content Management Systems में Most Popular CMS है WordPress, जिस पर दुनिया की 35% से भी ज़्यादा Websites Designed हैं।
WordPress अपने System पर Multiple Softwares Install करने की सुविधा देता है जिन्हें Plugins कहते हैं। ये Plugins, Website को Optimize करने और उसे Professional & Powerful Look देने में मदद करते हैं।
आइये अब विस्तार से समझते हैं कि एक Professional Website Design करने के लिए किन Elements की ज़रूरत होती है।
Basically, Website Design में केवल तीन Elements की Need होती है – Domain, Hosting, And Content Management System (CMS).
1. Domain :
Domain एक Website का वो Unique Name होता है जो उसकी पहचान को दर्शाता है या जिससे एक बिज़नेस को जाना जाता है। Domain Name से Website की Location का पता चलता है जिसके माध्यम से लोग Online Search करके बिज़नेस तक पहुँच सकते हैं।
Domain Name अक्सर .com, .in, .net, .org, इत्यादि से End होता है जिन्हें Extensions कहा जाता है।
For e.g. www.facebook.com, www.google.com, www.digitalazadi.com
यहां facebook.com, google.com, digitalazadi.com Domains हैं जिन तक पहुँचने के लिए Specific URLs का Use किया जाता है।
Domain Name Register करने के लिए बहुत से Registrar हैं जिनसे आप एक साल, दो साल या अपनी सुविधानुसार किसी भी Extension का Domain Register कर सकते हैं।
2. Hosting :
Hosting एक ऐसी Service होती है जो Website को Host करने या उसकी Files को Save & Manage करने के लिए Space Provide करती है।
साधारण शब्दों में कहें तो Hosting वो System होता है जो एक Website को Web Server पर Host करने के Space Provide करता है।
Website के जितने भी Elements होते हैं – जैसे HTML, CSS, Images, Videos, सभी को Online Server पर रखा जाता है।
एक Server का काम होता है अन्य Web Users को आपकी Website के साथ Connect करना। Web Hosting Providers के पास बहुत से Servers होते हैं जो दुनिया के अलग-अलग देशों में Located होते हैं।
Website को House करने के लिए Server पर कुछ Space Allocate करना पड़ता है जो Hosting के Type पर Depend करता है। सामान्यतः चार तरह की Hostings होती हैं जिनका अक्सर Use किया जाता है – Shared Hosting, VPS Hosting, Dedicated Hosting And Cloud Based Hosting.
3. Content Management System (CMS) :
CMS वो सिस्टम होता है जिस पर एक Website को Design किया जाता है, उसमे Content डाला जाता है, Images & Videos डाली जाती हैं और एक Professional Website को तैयार किया जाता है।
आज WordPress को एक बेहतरीन CMS के रूप में मान्यता मिल चुकी है जिसकी मदद से एक Basic To Advance Level की Website बनाना संभव हो पाया है।
Structure Of A Website :
Website Design करते वक्त अक्सर नए लोगों को समझ नहीं आता कि Website का Structure क्या रखा जाए, उस पर कौन-कौन से Pages Add किए जाएं, किस Type का Content Add किया जाए और Visitors को कैसे Engage करके रखा जाए।
एक Proper Structure को Follow करने से Visitors के लिए भी Relevant Information ढूंढना आसान हो जाता है और उन्हें अच्छा Experience मिलता है।
Website Structure बनाते समय इन Pages को Create करना न भूलें – Home Page, About Us Page, Product Or Service Page, Privacy Policy Page, Contact Us Page.
ये सभी Pages लगभग हर तरह की Websites के लिए Mandatory होते हैं जिन्हें केवल User ही नहीं बल्कि Search Engine (Google) भी देखता है।
इन सभी Pages को बनाने से Visitors आपकी Website को आसानी से Navigate कर पाता है और अपने ज़रूरत की Information तक पहुँच पाता है।
Home Page आपकी वेबसाइट का सबसे पहला पेज होता है जो Visitors को सबसे पहले दिखता है। इस Page पर आप अपने Business Relevant Information Share कर सकते हैं और अपने बिज़नेस की Mission & Vision Statement भी बता सकते हैं।
About Us Page पर आप खुद के बारे में और अपने बिज़नेस के बारे में लिखते हैं जिसे पढ़कर लोग आपको जान पाते हैं और आपके Goals समझ पाते हैं।
Product / Service Page पर सभी Products & Services को List किया जाता है और सभी का Proper Description लिखा जाता है। इस Page को बहुत ध्यान से Design करना चाहिए। क्योंकि यही वो Page होता है जो आपके पूरे Business को दर्शाता है और लोगों को बताता है कि आपके पास उनकी Problems के क्या Solutions उपलब्ध हैं।
Contact Us Page पर आप अपनी Contact Details & Email Id वगैरह Mention कर सकते हैं ताकि Users आपको Contact कर सकें और आपके Products या Services के बारे में Enquire कर सकें।
Privacy Policy Page पर उन सभी चीज़ों को Mention करना होता है जो बताती हैं कि आप अपने Visitors की Information या Data को कैसे Use करते हो।
Basic से लेकर सभी Advanced Level Websites लगभग इसी Structure पर बनती हैं। फर्क बस इतना सा होता है कि अगर आप ज़्यादा Products या Services Sell करते हैं तो आपकी Site पर Pages की संख्या ज़्यादा होगी और आपको उसे Well Optimized बनाना होगा और Appealing Look देना होगा।
Website का नाम सुनकर अक्सर एक नए शख्स के मन में बहुत से विचार घूमने लगते हैं, उसे लगने लगता है कि शायद ये उसके बिज़नेस के लिए नहीं है और वो केवल Just Dial, India Mart, Sulekha, Yellow Pages जैसी Directories पर अपने बिज़नेस की Information ड़ाल देगा और उसे Enquiries मिलने लगेंगी और लोग फ़ोन करके उसके Product के बारे में जानने लगेंगे।
लेकिन ये एक Myth या ग़लतफ़हमी के सिवाय और कुछ नहीं है। आज के समय में बिज़नेस को Online Grow करने और अधिक से अधिक Customers तक पहुँचने के लिए Website एक Primary Need बन चुकी है।
Student Interaction के दौरान मेरे सामने कई तरह के सवाल आते हैं जिन्हें सुनकर मुझे समझ आता है कि आज भी कई लोगों के मन में Website को लेकर कुछ Myths हैं जिन्हें Bust करना ज़रूरी है।
इन Myths की वजह से ही लोग अगला कदम नहीं उठा पाते और बीच में ही उलझ कर रह जाते हैं।
Some Myths Associated With Website
आज के डिजिटल युग में ऐसे कई Myths हैं जिन्हें ने लोग सच मानते हैं, लेकिन आज उन पर से पर्दा उठाना ज़रूरी है।
For e.g. कुछ समय पहले तक Facebook को एक Photo Sharing Application के रूप में देखा जाता था, जिस पर लोग अपनी Photos Upload करते थे, Like & Comments करते थे। धीरे-धीरे Facebook नए Features लाता गया और कुछ समय में ही उसने Facebook Marketplace लांच कर दिया जिस पर लोग अपने Products Sell कर सकते थे। लेकिन ये चीज़ कई सालों तक Myth ही बनी रही और लोगों को लगता रहा कि भला Facebook पर कोई कैसे अपने Products Sell कर सकता है या बिज़नेस कर सकता है।
इसी प्रकार से कुछ Myths Website के साथ भी Associated हैं जिन्हें Bust करना ज़रूरी है।
Myth #1 Only Online Businesses Need Website
कई लोगों का मानना है कि अगर आपका Business Online है और आप एक शहर से दूसरे शहर या एक देश से दूसरे देश में अपनी Services Provide कर रहे हो या Product Sell कर रहे हो तो केवल तभी आपको Website की Need होगी, अन्यथा नहीं।
उन्हें लगता है कि मेरा तो General Store है, मैं Offline Services Provider हूँ, Clinic है, कपड़ों की दुकान है, इसलिए मुझे Website नहीं चाहिए। पर शायद उन्हें नहीं पता होता कि लोग उन्हें Online ढूंढ रहे हैं और उनसे Contact करना चाहते हैं। लेकिन, उनकी Online Presence न होने की वजह से वो उन तक नहीं पहुँच पाते।
Website न होने से आप इन सभी लोगों को Customers बनाने का मौका गंवा देते हो और आपके पास केवल Limited Customers ही रह जाते हैं।
Website होने से आप केवल Local ही नहीं बल्कि अन्य शहर के लोगों तक भी पहुँच सकते हैं और उन्हें Blogs, Videos, Personal Consultation इत्यादि देकर पैसे कमा सकते हो।
Myth #2 Too Technical And Time Taking
Website को आज से पहले तक एक Technical Element के रूप में देखा जाता था और जब भी इसके बारे में चर्चा होती थी तो Coding का ज़िक्र ज़रूर होता था।
इस ‘Coding’ Word की वजह से ही उस ज़माने में लोगों ने Website Design को एक बहुत बड़ा काम मान लिया था और यही चीज़ आज भी कुछ लोगों के मन में है जो इसे बहुत ही Technical & Time Taking मानते हैं।
हालाँकि, आज Technological Advancements की वजह से WordPress, Joomla, Magneto जैसे CMS आ गए हैं जिन पर Website Design करना बहुत आसान हो गया है।
Zero Coding Knowledge होने के बाद भी एक Professional Website को कुछ Plugins & Pre Installed Themes लेकर कुछ ही समय में Design किया जा सकता है।
Myth #3 Don’t Have Online Products To Sell
कई लोगों को लगता है कि जब तक हमारे पास कोई ऐसा Product न हो जिसे हम ऑनलाइन बेच सकें तब तक वेबसाइट की कोई ज़रूरत नहीं है। उनके अनुसार, केवल Digital या Online बिकने वाले Products होने पर ही Website की Need होती है।
लेकिन मान लेते हैं कि Being A Small Business Owner, आपके पास कोई Online Product नहीं है जिसे आप बेच सकें, लेकिन आप Website Create करके अपनी Online Presence तो Create कर ही सकते हैं।
मैंने अपनी Hari Om Saree Depo के लिए भी ऐसा ही किया हुआ है। मेरे पास Online Products नहीं है लेकिन साड़ियां हैं जिन्हें मैं Wholesalers & Retailers को बेचता हूँ। मैंने अपनी Website Design की हुई है जिस पर मैं साड़ियां नहीं बेचता क्योंकि जितनी देर में मैं उन साड़ियों की Photos Click करके & Description लिखकर अपनी Website पर डालूं, तब तो मेरा माल बिक चुका होता है।
आप कब तक अपनी पहचान बनाने, Customers Attract करने और अपने Area में Famous होने के लिए Word Of Mouth या Traditional Marketing के भरोसे बैठे रहेंगे?
अगर आपका Offline Business भी है तो भी आप YouTube, Blogs, And Social Media के माध्यम से लोगों के साथ Connect हो सकते हैं जिससे आपके पास Multiple Income Sources Create करने की Opportunities भी बनने लगती हैं।
Myth #4 Its Expensive
आज से कुछ वर्ष पहले तक जब WordPress जैसे CMS को लोग कम जानते थे, Website Developers एक Basic Site Design करने के भी कई हज़ार रूपये Charge करते थे।
हालांकि, उस समय उनके अलावा कोई और Website Design कर भी नहीं सकता था, इसलिए उनके Charges बहुत ज़्यादा थे। लेकिन, आज कहीं न कहीं एक Basis Website, आठ से दस हज़ार में Design हो जाती है।
अगर आप एक Successful Business Run कर रहे हैं और आपके पास पर्याप्त Fund भी है तो इतना Amount तो आपको खर्च करना ही पड़ता है। अंततः आपको ये भी समझना चाहिए कि उस Website से आपके पास कितनी अधिक Business Opportunities आने वाली है।
Myth # 5 Everything Needs To Be There On Homepage
ये Myth अक्सर उन Business Owners के मन में होता है जो पहली बार Website Design कर रहे होते हैं या करा रहे होते हैं। उनके हिसाब से Visitors सबसे पहले Home Page पर ही Land होता है, इसलिए बिज़नेस की अधिक से अधिक Detail, Home Page पर ही होनी चाहिए।
हालांकि, इस बात में सच्चाई ज़रूर है कि लोग सबसे पहले आपके Home Page पर ही आते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वो आपके Other Pages को Checkout नहीं करते।
जब लोग आपकी Website पर आते हैं तो वो आपके बारे में जानना चाहते हैं, आपके बिज़नेस को समझना चाहते हैं और ये समझना चाहते हैं कि आपके Products & Services उनकी Problems को कैसे हल करेंगे।
ये सभी Information आप Home Page पर Add नहीं कर सकते, क्योंकि इससे Website Responsive & Optimized नहीं होगी और उस पर इतना अधिक Content हो जाएगा कि Reader उसे पढ़ने में भी आलस करने लगेगा और Website को Leave कर देगा।
इन सभी Myths से जितना जल्दी हो सके छुटकारा पा लेना चाहिए, अन्यथा ये लोगों के मन में बैठ जाते हैं और उन्हें अगला स्टेप लेने से रोकने लगते हैं।
“Google Is Our Modern Man’s God…We Trust Google More Than Any Entity In Our History”
– Scott Galloway
(Author, Professor, Public Speaker And Entrepreneur)
Google आज ज्ञान का भंडार है और इसलिए हम किसी भी चीज़ से ज़्यादा Google पर भरोसा करते हैं।
Internet के विस्तार से पहले लोग अपनी परेशानियों का हल खोजने और सलाह लेने के लिए Experienced लोगों के पास जाते थे और उनसे अपने Problems Discuss करते थे। लेकिन, आज दिमाग में कोई शंका हुई नहीं कि Internet On किया और Google पर सवाल Type करके जवाब पता कर लिया।
आज एक व्यक्ति, जो इस डिजिटल दुनिया में काम कर रहा है और इंटरनेट से जुड़ा हुआ है, किसी भी अन्य व्यक्ति से ज़्यादा Google पर अपना Time Spend करता है।
ऐसे में गूगल के इतना पॉपुलर होने की वजह से कई बार सवाल आता है कि क्या Google को भगवान कहा जा सकता है? अगर हाँ तो क्यों?
आज गूगल ने लोगों तक जानकारी पहुंचाना इतना आसान बना दिया है कि हम अपने Parents से ज़्यादा Google की बातों पर भरोसा करने लगे हैं और उसे भगवान का दर्जा देने लगे हैं।
Google आज हमारे लिए सब कुछ है – एक Father, Mother, Friend, Guru, Spiritual Coach, और तभी, लगभग 15% से ज़्यादा Queries बिलकुल नई होती है जिन्हें कभी भी सर्च नहीं किया गया होता।
कुछ समय पहले तक Google का Use केवल Technical Queries का हल जानने के लिए किया जाता था, आज लोग इस पर Life कैसे जिएं, वैवाहिक जीवन को सुखी कैसे बनाएं, अपना Goal या Purpose कैसे Find करें, जैसे सवाल पूछ रहे हैं, जिनका जवाब Google हमें दे भी रहा है।
ये सभी Facts & Figures ये साबित करने के लिए काफी हैं कि Google अब धीरे-धीरे God की जगह लेने लगा है जिसे इस दुनिया-संसार के बारे में सब मालूम है और वो इंसान को सुखद जीवन जीने का तरीका बता रहा है। लेकिन, इसकी शुरुआत कैसे हुई?
क्या Develop होने के बाद से ही Google को सब मालूम हो गया था?
इसे समझने के लिए इसके Growth Phase की चर्चा करनी ज़रूरी है।
How Did Google Develop Over Time – Its Growth Phase
Google की Journey वर्ष 1998 में शुरू हुई जहां दो Stanford Students – Larry Page And Sergey Brin ने इसे एक University Research Project की तरह शुरू किया।
उन्होंने अपने इस Engine का नाम Backrub रखा था क्योंकि उनके Program ने Web Backlinks को Analyze किया। इससे वो समझना चाहते थे कि एक Website खुद और जिससे Linked है उसके लिए कितनी Important होती है। हालांकि, बाद में नाम बदल कर Google रख दिया गया जो फिर कभी बदला नहीं गया है।
जैसे-जैसे ये Program सफल होता गया, कंपनी ने Grow करना शुरू कर दिया और सबसे बड़ी Growth इसकी हुई वर्ष 2004 में, जब Google अपना Initial Public Offering (IPO) लेकर आया। तब से अब तक, Google लगातार Grow ही कर रहा है और इसने Google News, Gmail, Google Maps, Google Chrome, जैसे कई Important Softwares & Tools लांच किए हैं।
आज Google की Valuation $1 Trillion से भी अधिक है और ये दुनिया की तीसरी सबसे ज़्यादा Valuation वाली Company है।
Google के एक और Interesting Fact की बात करें तो आज Google ने अपने Misspelt Words के Domain Names भी Acquire किए हुए हैं जैसे – gooogle.com, goolr.com, gogle.com.
Important Terms Associated With Google
जब भी Google की बारे में बातें होती हैं तो हमें अक्सर कुछ Common Terms सुनने को मिलते हैं। नीचे कुछ ऐसे ही Common Words को Define किया गया है।
1. Search :
इसका मतलब है ढूंढना। जब भी किसी व्यक्ति को कोई चीज़ ढूंढनी होती है, कहीं पहुँचने का रास्ता खोजना होता है, किसी Products का Price पता करना होता है तो वो सबसे पहले Google पर अपनी Query Type करता है और उसके सामने ढ़ेर सारे Results आ जाते हैं। Queries को Type करके इन Results तक पहुंचना ही Search कहलाता है।
2. Crawler :
Crawler उन Bots को कहा जाता है जो किसी Website के Webpage पर आकर उसके Content का Intention समझने का प्रयास करते हैं। ये Crawlers, Google द्वारा ही भेजे जाते हैं जिनका मकसद होता है Newly Uploaded Information को समझना। एक बार समझने के बाद Google उस Web Page को Index कर देता है।
3. Indexing :
इसका मतलब होता है Data को Organize & Store करके रखना ताकि ज़रूरत पड़ने पर User को सही डाटा Fraction Of Seconds में Provide किया जा सके। इसे आप एक Library की तरह भी समझ सकते हैं जिसमे Millions Of Books Available (Here Websites) होती हैं। जैसे ही User कोई Query सर्च करता है, Google Relevant Websites को User के सामने लेकर रख देता है और उसे अपनी Query का जवाब मिल जाता है।
4. SERP :
इसकी Full Form है – Search Engine Result Pages. जब भी कोई User अपनी Query सर्च करके Results (Websites) पर पहुँचता है तो उसे First Page पर कुछ Websites दिखती है, दूसरे Page पर भी कुछ Websites दिखती हैं, ऐसे ही हज़ारों Pages पर अलग-अलग Websites होती हैं जो उसकी Query का Relevant Solution बता रही होती हैं। इन सभी Pages को ही Search Engine Result Pages कहा जाता है।
5. Keywords :
Keywords उन Queries या सवालों को कहा जाता है जिन्हें User अक्सर Google से पूछता है। Keyword Single Word से लेकर कई Words तक के हो सकते हैं।
For e.g. Digital Marketing Course In Hindi एक कीवर्ड है, जो एक ऐसे User की Query है जो Digital Marketing को हिंदी में सीखना चाहता है।
6. Google Algorithms :
जब Google ने Grow करना शुरू किया तो लोगों को इसके बारे में पता लगने लगा और वो इस Software का Use करने लगे जिससे बहुत सारा Data Collect होना शुरू हो गया।
लेकिन इस डाटा में Useful & Non Useful, सभी की तरह की Information आने लगी जिससे यह समझ पाना मुश्किल हो गया कि किस Information को User को दिखाया जाए और किसे नहीं।
ऐसे में Google ने कुछ Optimized Systems बनाए, Strategies बनाई जिनके तहत Data को Optimized तरीके से रखा जाने लगा, Manage किया जाने लगा और User को Show किया जाने लगा।
इस पूरे Complex System को, जिसमे Searched Query को समझकर Indexed Websites में से Relevant Information को Users तक पहुँचाया जाता है, Algorithm कहते हैं।
जब कोई नई चीज़ Develop होती है तो शुरुआत में वो ज़्यादा Optimized नहीं होती और उसमे कई तरह के Problems आते हैं। Google के साथ भी ऐसा ही हुआ।
उसने Algorithms तो बना दिए, लेकिन उन्हें अलग-अलग तरह के Content के हिसाब से Optimize नहीं कर पाया। ऐसे में उसने अपने Algorithms में Changes करना शुरू किया। सबसे पहला Change वर्ष 2011 में किया गया जहां Google ने Low Quality Content को हटाना शुरू किया।
जिस भी Website पर Low Quality या Non Relevant Content होता था Google उस Site को Penalize कर देता था। ऐसे में वो सभी Sites बंद होती गईं जिन पर High Quality Content नहीं था।
इसी तरह अगले साल उसने अपने Algorithm में फिर कुछ Updates किए और अब गलत तरीके से Link बनाने वाली Websites को हटाने लगा।
इसी प्रकार से Google हर वर्ष खुद को और अधिक बेहतर बनाने और Users को Best Experience देने के लिए अपने Algorithms में Changes करता गया। अपने Algorithms में उसने High Quality Content, Mobile Friendliness, Local Search, इत्यादि को वरीयता दी और गलत तरीक़ों से Website को SERP में रैंक कराने वाली सभी Techniques को ख़त्म कर दिया।
आज Google की Algorithms काफी हद तक Optimized हैं जिनसे Users को बेहतर Experience मिल रहा है, परन्तु आज भी वह अपने Algorithms में Updates करता रहता है।
जब भी एक नई दुकान या नया स्टोर Open होता है तो उसकी Awareness बढ़ाने के लिए अक्सर Pamphlets Distribute किए जाते हैं, Posters & Banners लगाए जाते हैं या Hoardings का Use किया जाता है।
इसी तरह अपनी डिजिटल दुकान यानि Website को भी Promote करना आवश्यक होता है, उसकी Awareness Create करनी होती है और Interested Audience को उस पर लाना होता है।
ये सब कार्य Google जैसे Search Engines पर किया जाता है, जहां Google Algorithms को ध्यान में रखते हुए Website को Optimize किया जाता है। इस Process को Search Engine Optimization या SEO कहा जाता है।
एक ऐसी Strategy है जो एक Website को Google पर Rank करने और Ultimately आपके Business के जो भी Objectives होते हैं Viz. Brand Awareness, Traffic Generation, Influence Building And Selling, सभी में Help करती है।
SEO उन Strategies की तरह नहीं होता जिन्हें एक बार Use किया और बस Result का इंतज़ार करने लगे, इसे लगातार Implement करते रहना होता है। इसकी की मदद से वेबसाइट को रैंक करने में कुछ समय लगता है,
लेकिन जितने लोग भी आपकी Website पर Visit करते हैं वो आपके Products, Services & Content में Interested होते हैं। इसलिए, ये कहना गलत नहीं होगा कि इन लोगों को Customers में Convert करना थोड़ा आसान है।
Search Engine Optimization का Sole Purpose होता है जैसे ही कोई User आपके Content, Products या Services से जुडी कुछ भी Query Google से पूछे तो उसे सबसे पहले आपकी Website दिखाई दे और वो उसपर Visit कर सके।
User जब भी अपनी Query सर्च करता है तो उसके सामने एक Page खुलता है जिस पर कई सारी Websites होती हैं जो User की Query का जवाब दे रही होती हैं। इस Page को Search Engine Result Page कहते हैं। Google पर इस तरह के हज़ारों Pages होते हैं जो User’s के Query Relevant Results Provide कर रहे होते हैं।
लेकिन, जब भी Ranking की बात आती है तो हर Business Owner चाहता है कि उसकी Website भी Google के First Page पर Rank करें। Advanced Web Ranking के मुताबिक, लगभग 67% Clicks, Google पर Ranked पहले पांच Results पर आते हैं। इसलिए Organic Traffic के लिए SEO ज़रूरी हो जाता है।
अक्सर जब भी SEO की बात आती है तो एक Term का नाम बार-बार सुनने को मिलता है जो है – Keyword!
Keyword उस Query, Question या Group Of Words कहा जाता है जिसे अक्सर लोग Google पर Type करते हैं और अपनी Problems का समाधान ढूंढते हैं।
For e.g. Digital Marketing Benefits For Businessman, Best Gaming Laptop Under Rs. 50,000, Best Places To Visit In Kashmir, Etc.
लेकिन, कई बार कुछ ऐसे सवाल होते हैं जो आपको सोचने को मज़बूर कर देते हैं। ऐसा ही एक सवाल Live Interaction के दौरान मुझसे एक Student ने पूछा।
उन्होंने मुझे कहा कि ‘Sir, मैं एक Product Manufacturer हूँ और जो भी Products मैं Manufacture करता हूँ, उन सबको मैं अपनी Website पर ड़ाल देता हूँ। लेकिन, मुझे अपने वो Products जल्दी बेचने हैं ताकि पुराना Stock निकलता रहे और Factory में काम भी लगातार चलता रहे। ऐसे में क्या मुझे Organic Traffic की ज़रूरत होगी? क्या मुझे Website का SEO करना चाहिए?’
तो मैंने सोचा क्यों न इस पर Detail Discussion किया जाए और समझा जाए Organic Traffic की आखिर ज़रूरत ही क्यों होती है।
Why Is Organic Traffic Required If We Can Run Paid Ads?
SEO एक Never Ending Process होता है जिसमे हर दिन कुछ न कुछ करते रहना होता है। इसका मतलब कदापि ये नहीं है कि इसे आज Implement किया और एक-दो दिन में रिजल्ट दिखना शुरू हो गया। SEO का Positive Impact दिखने में दो से तीन महीने का समय लग जाता है, इसलिए इसे Implement करते वक्त Patience रखने की ज़रूरत होती है।
ऐसे में अक्सर लोगों के मन में एक सवाल उत्पन्न होता है कि SEO इतना Time Consuming Process है तो इसकी ज़रूरत ही क्यों है? हम Ads Run करके भी तो Traffic ला सकते हैं।
बात तो सही है, लेकिन शायद वो Organic Traffic या Google पर Ranked Website की अहमियत को नहीं जानते।
शुरुआत में आपके पास पैसे होते हैं, आप Invest करना चाहते हो और Paid Ads Use करके अपनी Website पर Traffic लाना चाहते हो, लेकिन कब तक? कब तक आप अपने Campaigns पर हज़ारों रूपये लगाते रहेंगे और कब तक उन Paid Ads पर Depend रहेंगे। एक न एक दिन तो आपको SEO Experts हो Hire करना ही पड़ेगा और उनकी Services लेनी ही पड़ेगी।
इसका सबसे अच्छा उदाहरण है Startups! आपको पता ही होगा कि Start-ups अपनी Journey में आगे बढ़ने के लिए, Marketing के माध्यम से लोगों तक पहुंचने के लिए, Awareness Create करने के लिए और Brand Building के लिए Money Raise करते हैं। Shark Tank India इसी पर आधारित था जहां Newly Launched Start-ups अपने Business को Grow करने के लिए Funding लेने आये थे।
इस Funding से मिले पैसों को वो अलग-अलग रूप में Utilize करते हैं और अपने Target Audience पहुँचते हैं। वो TV में Ads देते हैं, Radio में Ads देते हैं, बड़े-बड़े Hoardings लगवाते हैं, Google, YouTube, Facebook & Instagram जैसे बड़े-बड़े Platforms पर अपने Ads Run करते हैं।
यहां समझने वाली बात ये है कि उनके पास पैसों की तो कोई कमी नहीं है, परन्तु इसके बावजूद वो अपनी Website के लिए Best SEO Expert Hire करते हैं और Organic Traffic लेकर आते हैं।
Secondly, अक्सर ऐसा देखा गया है कि जो लोग Ads के माध्यम से Traffic Generate करते हैं वो अपनी Website को Optimize करने और उसे User Friendly बनाने में उतना समय नहीं देते। ऐसे में जो भी लोग उनका Ad देखकर उनकी Website पर Land करते हैं, उनमें से कई
तो Website का Structure ही नहीं समझ पाते, उन्हें समझ नहीं आता कि उनकी Problems का समाधान ढूंढने के लिए वो किस Page पर क्लिक करें, किस से पूछें या Contact करें।
Website का Navigation सही न होने की वजह से ये लोग कुछ ही Seconds में Website को Leave कर देते हैं और Ultimately Google Search करके ही अपनी Queries के Answers Find करते हैं।
इसलिए आज SEO Strategies को Implement करना बेहद ज़रूरी हो गया है। इससे Website केवल Rank ही नहीं करती बल्कि उसकी Authority & Credibility बनने लगती है जिससे वो अन्य Brands की नज़रों में आने लगती है।
इससे आपके पास पैसे कमाने के रास्ते खुलने लगते हैं। आप केवल Google AdSense ही नहीं बल्कि Brand Sponsorship से भी पैसे कमाते हैं, अन्य Websites के Content को अपनी Websites पर Publish करने के बदले में एक अच्छा खासा Amount Charge करते हैं।
एक Website को Google पर Rank करने के लिए बहुत से Factors का ध्यान रखना पड़ता है और अलग-अलग Strategies Follow करनी पड़ती है। इन Strategies को ही अलग-अलग Types Of SEO में बाँट दिया जाता है।
Finally हमारे पास चार अलग-अलग प्रकार की SEO Strategies होती हैं जिनकी मदद Website को Search Engine As Well As Users दोनों के लिए Optimize किया जाता है।
इनके नाम कुछ इस प्रकार हैं :
1. On-Page SEO :
एक Website, Multiple Pages का Collection होती है। उन Pages पर जो भी Content आप लिखते हैं उसे Google के Crawlers पढ़ते है समझते हैं और Ultimately Google उन Pages को Index करता है।
अब अगर आप चाहते हैं कि जो भी Content आपने अपनी Website के अंदर लिखा है उसके आधार पर आपकी Website SERP में रैंक करे तो उसके लिए Website के कुछ Internal Factors को Optimize करना होता है।
इन Factors में शामिल है – Title Tag, Meta Description, Keyword Density, Keyword Placement, Alt Text, Permalink, H2/H3 Headings, Etc.
a. Optimized Title Tag : Website पर Published Content का एक Proper Framework होता है जिसमे Title, Introduction, Subheadings, Conclusion शामिल होता है। एक Title Tag बताता है कि आपके Content में क्या लिखा है या ये किस बारे में है। इसलिए इसे Optimize करना ज़रूरी है, जिसके लिए Title में अपना Keyword और कुछ Powerful Words का Use कर सकते हैं।
b. Meta Description : ये आपके Content का एक छोटा सा Section होता है जो बताता है कि आपका Content किस बारे में है। जब भी आप Google के SERP पर Ranked Result देखते हैं तो आपको Title & Meta Description दोनों एक साथ दिखता है।
c. Keywords : Keywords उन Short & Long Tail Queries को कहा जाता है जिन्हें अक्सर लोग Google पर सर्च करते हैं और Expect करते हैं कि कोई Website उनकी Query को Solve कर सके।
Keywords को अक्सर दो भागों में Divide किया जाता है – Primary Keywords And Secondary Keywords
Primary Keywords में अक्सर ऐसे Keywords शामिल किए जाते हैं जिनकी Search Volume High (मतलब ज़्यादा लोग सर्च कर रहे हैं) And Competition कम होता है।
इसी तरह Secondary Keywords में उन Keywords को Select किया जाता है जो Primary Keywords के Relevant होते हैं, लेकिन इनकी Search Volume इतनी अधिक नहीं होती।
d. Keyword Density : Keyword Density बताता है कि एक Keyword को 1000 Words के Content में कितनी बार Use कर सकते हैं। इसे अक्सर Percentage (%) में Define किया जाता है।
For e.g. Keyword ‘Importance Of Website’ की Keyword Density 1% है तो इसका मतलब है कि आप प्रत्येक 1000 शब्दों में इसे 10 बार से अधिक Use नहीं कर सकते।
e. Keyword Placement : ये बताता है कि Content में Keywords की Placements किस तरह की जाए जिससे वो Google & User दोनों के लिए Optimize हो जाए। ध्यान रहे कि Keywords को कभी भी जबरदस्ती कहीं भी Use न करें। इससे User Experience पर Negative Impact पड़ता है।
f. Alt Text : किसी Content को High Quality बनाने के लिए अक्सर उसमे Relevant Images Use की जाती हैं, जिन्हें Google भी पढता है। ऐसे में Image का Alt Text लिखना ज़रूरी होता है जिसमे Keyword का Mention होना ज़रूरी है। ऐसे में जब भी कोई User एक Specific Keyword के लिए Image सर्च कर रहा होता है या अपने Queries का Solution Find करना चाहता है और उसे आपकी Image दिख जाती है तो वो उस पर क्लिक करके आपकी Website पर Land कर सकता है।
g. Permalink : Permalink किसी Page का एक Complete URL होता है जो अक्सर Search Bar में दिखाई देता है। इसी Permalink को अलग-अलग जगह Share करके आप लोगों को अपने Page पर ला सकते हैं और Organic Traffic Generate कर सकते हैं।
Permalink को Optimized बनाना ज़रूरी है जिसके लिए इसे Short रखना, Unnecessary Words का Elimination, Keyword का Use इत्यादि करना पड़ता है।
h. H2/H3 Subheadings : ये Subheadings आपके Content को Clear & Understandable बनाने में मदद करती हैं जिससे User को चीज़ें अच्छे से समझ आती हैं और उनका Experience अच्छा होता है।
कोशिश ये करनी चाहिए कि Subheadings में Keywords को ज़रूर Mention करें, क्योंकि Google के हिसाब से ये एक Plus Point होता है जो Website को Rank करने में मदद करता है।
ये सभी Internal Factors मिलकर On-Page SEO Strategy को सफल बनाते हैं और Website को Optimize करने में मदद करते हैं।
2. Off-Page SEO :
Website को Search Engine & Users के लिए Optimize करने के लिए Internal Factors Optimization की Need होती है लेकिन, अगर अन्य लोग आपकी Website को Recommend करने लगे और उसके बारे में Internet के अलग-अलग Platforms पर चर्चा होने लगे तो Google को लगता है कि Website पर ज़रूर High Quality Content मौजूद है जिससे लोगों की Problems Solve हो रही है।
Website को Externally Optimize करने के लिए जिस Process को Use किया जाता है उसे Off-Page SEO कहा जाता है।
Off-Page SEO Strategy की मदद से एक Website की Credibility & Authority को बढ़ाया जाता है जिससे Google के पास Positive Signal जाते हैं और वो इसे SERP में ऊपर Rank करने लगता है।
Off-Page SEO में सबसे ज़्यादा Importance होती है Link Building की, जिसके अंतर्गत High Authority & Relevant Websites से Backlinks लिए जाते हैं और अन्य Strategies Like Image Submission, Classified Submission, Social Media Bookmarking, Guest Posting, इत्यादि का भी Use किया जाता है।
Backlinks मिलने से उन Websites & Platforms का Link Juice (Traffic) आपकी Website पर भी आने लगता है और इस तरह आपकी Website पर भी Traffic आना शुरू हो जाता है और Site Google की नज़रों में आ जाती है।
Google को लगता है कि आपकी Website पर ज़रूर कोई High Quality Information है जो इतने लोग इस पर Land कर रहे हैं और हर तरफ इसी की चर्चा हो रही है।
Backlinks बनाते या लेते समय ध्यान रखने वाली बात ये होती है कि ये Do-Follow Attribute वाले होने चाहिए। Do-Follow से मेरा मतलब ऐसे Backlinks से है जो Search Engine Bots को Instruct करें कि आपकी Linked Website पर Link Juice पास हो सके और उस पर भी कुछ Traffic Divert हो सके।
Off-Page SEO में अक्सर एक Term बार-बार सुनने में आता है जिसका नाम है Domain Authority (DA). अक्सर ऐसा कहा जाता है कि Backlinks बनाने के लिए High Domain Authority Website को ही चुनना चाहिए।
Domain Authority एक Score है जो एक Highly Professional SEO Firm ‘Moz’ द्वारा Develop किया गया है। Website का High DA Signify करता है कि उस पर High Quality Content उपलब्ध है जो User Queries के Relevant है और उससे लोगों की Problems Solve हो रही है।
इन सभी Factors को उचित रूप से Optimize करने से आपकी Website की Authority बढ़ने लगती है और उसकी SERP Ranking में भी सुधार होने लगता है।
3. Technical SEO :
Website को Optimize करने के On-Page & Off-Page SEO Factors के अलावा भी कई ऐसे Factors होते हैं जो Website के Backend को मजबूत बनाने के लिए ज़रूरी होते हैं। इन्हीं Backend Factors को Optimize करने का Process Technical SEO कहलाता है।
कई बार ऐसा Observe किया गया है कि On & Off Page SEO Strategies Implement करने के बावजूद Website को Top Position पर Rank कराने में काफी समय लग जाता है या वो कभी Top पर आ ही नहीं पाती।
ऐसे Cases में अक्सर Technical SEO की अनदेखी की गई होती है और कुछ Common Technical SEO Factors को Check & Analyse नहीं किया जाता।
Technical SEO में शामिल Factors की बात करूँ तो इसमें Robots.Txt File, SSL Certificate, Schema Markup, Broken Links, Error 404 Page Not Found, जैसे Technical Elements शामिल होते हैं।
इन सभी Factors को Optimize करना, SSL Certificate का Use करके Website Secure करना, Broken Links Check करके उन्हें Eliminate करना, Website को Responsive बनाना, सब कुछ Technical SEO में शामिल होता है।
4. Local SEO :
एक Newly Established Local Small Business अक्सर अपने Products & Services बेचने के लिए अपने Local Area के Customers पर निर्भर रहता है।
For e.g. अगर आप Pest Control Service Provider हो या कोई Physical Store चलाते हो तो आप केवल उन लोगों को कस्टमर बनाने की सोचोगे जो आपके बिज़नेस लोकेशन के आसपास रहते हैं।
ऐसे में अगर कोई दूर का व्यक्ति आपके पास आना चाहे या आपकी Service, Charges, इत्यादि के बारे में जानना चाहे तो उसे बहुत मुश्किल होगी, क्योंकि आपकी Online Presence नहीं है।
Online Presence बनाने के लिए आपको अपने Business की Details को Google पर डालना पड़ता है और उसे Optimize करना होता है ताकि कोई भी व्यक्ति आपके बिज़नेस के बारे में जानना चाहे, आप तक पहुंचना चाहे या आपकी Service लेना चाहे तो Online Search करने पर उसे आपका Business Page दिख सके।
अपने Business की Detail Google पर डालना और उस Detail को Search Engine के हिसाब से Optimize करना ताकि आपका Business अपनी Category में सबसे ऊपर Rank करे, इस Complete Process को Local SEO कहा जाता है।
Local SEO में आपको अपने Business की Details को Google My Business (GMB) पर Submit करना होता है और इसके साथ ही Other Directories पर भी Business List करना होता है। Other Directories में अक्सर Justdial, Indiamart, Yellow Pages, Yelp को Prefer किया जाता है।
Search Engine के लिए Optimize करते समय आपको अपने Business का नाम, पता, Opening & Closing Hours, बिज़नेस की कुछ Pictures, Tags, Relevant Keywords इत्यादि डालने होते हैं जिससे आपका Local Business, Local Customers & Search Engine के लिए Optimize हो जाता है।
For e.g. आप अपने Area में Bakery Shop चलाते हो और Best Cakes के अलावा अन्य Bakery Items भी बनाते हो। जब भी आपके Area में किसी व्यक्ति को Birthday, Anniversary या किसी भी Function के लिए Cake लेना होगा तो वो Google पर सर्च करेगा ‘Best Cake Shop Near Me’. अब अगर आपका बिज़नेस Google My Business & Other Directories पर Listed होगा और उसका Local SEO सही से हो रखा होगा, तो वो Google SERP पर सबसे पहले दिखाई देगा और User उस पर Visit कर सकेगा।
यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि आपको अपने Customers से हमेशा Reviews & Ratings लेती रहनी चाहिए। जो भी नए लोग आपके Business Page पर Visit करते हैं वो सबसे पहले Reviews & Ratings को ही देखते हैं और उसी के बाद अपना Decision लेते हैं।
इस तरह आपके पास Local Search से भी Customers आने लगेंगे और आपका बिज़नेस प्रतिदिन ग्रो करता जाएगा।
Social Media, Social Media, Social Media – आज हर तरफ Social Media ही छाया हुआ है। आज शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसके Phone में Internet हो और वो Social Media का Use न करता हो।
आपको जानकार हैरानी होगी कि अपना देश भारत Social Media Platform ‘Facebook’ का सबसे बड़ा User बन गया है, जहां 32 करोड़ से भी ज़्यादा लोग Facebook Use कर रहे हैं। वहीं Total Social Media Users के मामले में भारत 2nd Position पर है।
आज सभी Social Media Platforms Billions Of Dollars का Revenue Generate कर रहे हैं जिसके पीछे Content Consumers का सबसे बड़ा हाथ है।
लेकिन, एक Social Media Content Consumer And Social Media Content Creator में काफी फर्क होता है।
Content Consumer का मुख्य उद्देश्य होता है अपना Time Spend करना और वो इसे Entertainment के Purpose से Use करता है। लेकिन, एक Content Creator का मकसद होता है Trending Content Create करना ताकि लोग उसे देखे और उससे कुछ सीखें जिससे Creator की कुछ आमदनी हो सके।
एक Business Owner के लिए अपने बिज़नेस को लोगों से Introduce कराना, अपने Products & Services के बारे में लोगों को बताना और Awareness Create करना बहुत ज़रूरी होता है। इसके लिए Website Create करना, Social Media पर Active होना और Paid Promotion करने की Need होती है।
इस अध्याय में हम Social Media के बारे में समझने वाले हैं और देखने वाले हैं कि कैसे अपने Social Media Platforms को Optimize करके अपनी Target Audience तक पहुंचा जाता है और उन्हें कस्टमर में Convert किया जाता है।
Social Media Optimization, जिसे Short में SMO भी कहते हैं, एक Process होता है जिसमे विभिन्न Social Platforms पर Profile Create की जाती है, उसे Optimize किया जाता है और Regular Posting या Content Create करके अपनी Reach बढ़ाई जाती है।
SMO Strategy Implement करने के कई Ways होते हैं जैसे Facebook & Instagram पर Consistently Relevant & Knowledgeable Content पोस्ट करना, Twitter पर Business Relevant Tips Share करना, YouTube पर Informative Videos बनाकर डालना, LinkedIn पर Knowledgeable & Fact Based Content Share करना इत्यादि।
SMO Implement करने के दौरान Consistency Maintain करना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि Consistently Posting करने से ही आप लोगों की नज़रों में आते हैं, उनका Attention Grab करते हैं और अगर आपके Content में दम होता है तो लोग आपकी Social Media Profiles को Follow & Subscribe कर लेते हैं और नया Content Publish होने का इंतज़ार करते हैं।
लेकिन, केवल Reach बढ़ाना और Attention Grab करना ही SMO का उद्देशय नहीं है, Website पर Traffic Divert करके Sales Conversion की इसके प्रमुख लक्ष्यों में से एक है।
SMO Strategy Implement करने से कई तरह के Benefits मिलते हैं, जिनमे से कुछ Most Important Benefits को मैंने यहां लिस्ट किया है।
Most Neglected Benefits Of SMO
1. Increases Online Presence :
आज इंटरनेट, स्मार्टफोन और कम्प्यूटर्स का युग है जिन पर लोगों की Dependency बहुत अधिक बढ़ गई है और लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में किसी भी बिज़नेस को Grow करने या Self Growth के लिए Digital Channels पर अपनी Presence बनानी अत्यंत ज़रूरी हो गई है।
ये एक ऐसी Opportunity है जहां Unlimited Potential है और हर तरह के लोग हैं, जिनमे कोई अपने सवालों के जवाब ढूंढ रहा है, कोई बस Entertainment के लिए है, किसी को Life में Grow करने के लिए सही Career की तलाश है वगैरह-वगैरह।
Social Media Optimization से ये सुविधा मिलती है कि आप अपने Various Social Profiles पर Content के ज़रिये अपनी Strong Presence बना सकते हैं। Online Presence बनाने से आप उन सभी Competitors से मीलों आगे निकल जाते हैं जिन्हें इस Technique का ज्ञान नहीं या इसे Implement करना ही नहीं चाहते।
2. Business Reach & Awareness Increases :
Online Presence बढ़ने से आप और आपका Business लोगों की नज़रों में आने लगता है या यूँ कहे कि सही लोगों की नज़रों में आने लगता है।
अब ये सही लोग कौन होते हैं? सही लोग होते हैं आपकी Target Audience जिनकी Problems का समाधान आपके पास है या जिनके Interest का Content, Product या Service आपके पास है।
इन्हें आप Hot Leads भी कह सकते हैं, जिसका मतलब होता है कि ये लोग आपके साथ Transact करने को तैयार तो हैं, लेकिन बस कुछ ऐसे Reasons ढूंढ रहे हैं जिनसे इन्हें Confirm हो जाए कि Yes, You Are The One Who Can Solve Their Problems.
जैसे-जैसे आपका Content सही लोगों तक पहुँचने लगता है, आपकी Reach बढ़ने लगती है और लोग आपको जानने लगते हैं, पहचानने लगते हैं।
इससे आपकी अपने Niche या Industry में Authority बनने लगती है और लोग Word Of Mouth Marketing से भी आपके पास आने लगते हैं।
3. Divert Traffic To Your Website :
SMO में एक सबसे महत्वपूर्ण स्टेप होता है Profile Description, जिसके तहत आपको अपने Business का एक Optimized & Professional Description लिखना होता है।
Description में आपको बताना होता है कि आपका बिज़नेस किस बारे में है, क्या बेचता है, आपकी कोई Achievement वगैरह-वगैरह। इसके साथ ही आप अपनी Website को लिंक करना न भूलें।
Profile में Website का Link होने से आपके Followers & Subscribers आपकी वेबसाइट पर भी Visit करने लगते हैं जिससे आपको Organic Traffic मिलने लगता है जिससे Website को एक Backlink भी मिल जाता है जो SERP में Rank करने के लिए ज़रूरी है।
4. Better Interaction With Leads And Customers :
“Positive Interaction Builds Trust And Trust Helps In Sales”
Interested लोगों (Leads) के साथ Positive Interaction करना Trust Building के लिए ज़रूरी है और Trust Build करने से Selling के Chances बहुत ज़्यादा बढ़ जाते हैं।
लेकिन, सिर्फ नए Customers बनाने के लिए ही Interaction नहीं करना होता, Existing Customers को Retain करने और उन्हें अपने अन्य Products बेचने के लिए Interaction ज़रूरी होता है।
जब आपके सभी Social Media Platforms Optimized होते हैं और आप उन पर Active होते हैं तो आपके Leads & Customers को अपने Doubts Solve करने में आसानी हो जाती है। उन्हें Quick Response मिलने लगता है जो उन्हें आपके साथ जोड़े रखता है।
5. Best For Sharing Updates Quickly :
अक्सर Business नए-नए Products लाकर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना चाहते हैं और अपना Customer Base बढ़ाना चाहते हैं। ऐसे में शुरुआत में Offers & Discounts वगैरह ऑफर किए जाते हैं जिसकी Quick & Fast Announcement करनी होती है।
इसके लिए Optimized Social Media Platforms Preferred Choice होते हैं, जहां आप Post, Story, Short Video, इत्यादि के माध्यम से अपनी Audience को नए Product Launch के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
Some Popular Social Media Platforms
पिछले कई सालों से लोगों में Social Media के प्रति Craze देखने को मिला है। यही कारण है कि आज सैंकड़ों Platforms ऑनलाइन मार्केट में मौजूद है, लेकिन उनमें से केवल कुछ ही Popular हैं जिन्हें समझना ज़रूरी है।
1. Facebook :
Facebook एक Most Popular Social Media Platform है जिसके 3 Billion या 300 करोड़ से भी ज़्यादा Users हैं। इस पर Users अपनी Basic Profile Create करने से लेकर, Photos/Videos Sharing, Creating Public & Private Facebook Groups, Creating Page, Selling, Running Ads, सब कुछ कर सकते हैं।
Facebook को विस्तार से जानने से पहले ये समझना ज़रूरी है कि इसकी शुरुआत कैसे हुई।
वर्ष 2003 में Mark Zuckerberg ने अपने Harvard University के साथियों के साथ मिलकर इस Platform को Invent किया था, जिसे उन्होंने Facemash नाम दिया था। Facemash के माध्यम से दो लोगों के Look & Attractiveness को Judge किया जाता था। लेकिन, University के कुछ Policy Violations की वजह से Facemash को कुछ ही दिनों में बंद करना पड़ा।
इसके बाद वर्ष 2004 में Mark Zuckerberg ने Thefacebook.Com के नाम से Domain Register किया और Code लिखना शुरू किया। Mark, The Facebook को एक ऐसी Service या Platform का रूप देना चाहते थे जिस पर Harvard के Students अपने Photographs, Personal Life Events, Class Notes Share कर सकें।
देखते ही देखते thefacebook.com अन्य Universities में भी Viral होने लगा और हज़ारों की संख्या में Students Register करने लगे।
अगले ही साल उन्होंने इसका नाम thefacebook.com से Facebook.Com रखा और तब से इसके नाम में कोई फेरबदल नहीं किया गया। हालांकि, वर्ष 2021 में इसका नाम Change करके Meta रख दिया गया है।
नाम बदलने के बाद Facebook में कई Changes किए गए और New Features Add किए गए जिससे लोगों को ये Platform Attractive लगने लगा और Time Spend करने का एक बेहद आसान और Interesting ज़रिया बन गया।
भारत में भी इंटरनेट के विस्तार के साथ-साथ लोगों ने Facebook को Use करना शुरू किया और अपने Photos & Videos Share करने शुरू किए और देखते ही देखते आज भारत फेसबुक का सबसे बड़ा User देश बन गया है।
Facebook की लोकप्रियता का अंदाज़ा लगाने के लिए इससे जुड़े कुछ Stats को जानना ज़रूरी है।
आज Young Audience (Age 25 – 34) सबसे ज़्यादा Facebook का Use करती हैं।
एक Average Facebook User इस Platform पर 33 Minutes Spend करता है।
Mobile पर Facebook Use करने वालो की संख्या में जबरदस्त इज़ाफ़ा देखा गया है। आज लगभग 98% Users Mobiles पर Facebook इस्तेमाल करते हैं।
सभी Social Media Platforms में से Facebook अधिकतर Marketers की पहली पसंद बना हुआ है। तभी लगभग 93% Marketers आज Facebook पर अपना Brand Promote करना पसंद करते हैं।
Facebook पर Advertisement करना आज Businesses के लिए Lead Generation का Primary Method बन चुका है। इसलिए Facebook Ads, Google Ads के बाद सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला Paid Promotion Method है।
Facebook के लोकप्रिय होने के बाद कई Programmers & Developers ने Facebook जैसे ही अन्य Platforms पर काम करना शुरू किया, लेकिन सफल केवल एक ही व्यक्ति हो पाया जिसका नाम था Kevin Systrom – The Inventor And Founder Of Instagram.
2. Instagram
Facebook को लोगों ने प्यार देना शुरू कर दिया था, लोग अपनी Personal Photos, Family Vacation Photos And Videos Share कर रहे थे और एक दूसरे की Photos & Videos को Like, Comment कर रहे थे।
इसके इतने लोकप्रिय होने की वजह से Stanford University Student ‘Kevin Systrom’ ने एक Photo Sharing Platform Build करने का सोचा जहां वो शुरुआत में केवल Mobile से Clicked Photos के लिए एक Social Sharing App बनाना चाहते थे।
वर्ष 2010 में उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया और First Prototype तैयार किया जिसे उन्होंने ‘Burbn’ नाम दिया। Burbn App में Users अपनी Photos Share कर सकते थे, किसी जगह पर Check In को Post कर सकते थे, अपने Plans Share कर सकते थे वगैरह-वगैरह।
कुछ Venture Capitalists को अपना Prototype दिखाने के बाद उन्हें कुछ Seed Funding मिली जिसकी मदद से उन्होंने Burbn में कुछ नए Features Add करने चाहे। उन्होंने इसके Program में Change करके Like & Comment जैसे Features Add कर दिए और App का नाम Burbn से बदलकर ‘Instagram’ कर दिया।
दरअसल, Instagram दो शब्दों से मिलकर बना है – Instant & Telegram, जिस पर Instant Photos Share की जा सकती थीं, Filters Use किए जा सकते थे और Comments किए जा सकते थे।
Develop होने के बाद उन्होंने October 2010 में इसे IOS Users के लिए Launch कर दिया। Launch करने के पहले ही महीने में Instagram को दस लाख से ज़्यादा बार Download किया गया।
वर्ष 2012 में Facebook ने इसे $1 Billion में खरीद लिया और इसके सभी Rights Facebook (Now Meta) के पास हैं। आज Instagram के 1.25 Billion से भी ज़्यादा Users हैं जो Total Internet Users का 28% है। अकेले India में ही इसके 230 Millions से ज़्यादा Users हैं जो इसकी Popularity को बयां करता है।
आज Facebook, YouTube And WhatsApp के बाद Instagram दुनिया का 4th Most Popular Platform है।
Instagram के 50 करोड़ Daily Active Users हैं।
Instagram Use करने वालों में सबसे ज़्यादा संख्या 25 – 34 वर्ष के नौजवानों की है जिसमे Male Users 50.7% हैं और बाकी Females हैं।
Instagram अपने Users को Earning Opportunity भी Provide करता है। एक Micro Influencer (Around 10k Followers) एक पोस्ट डालने के 5000 Rs. तक Charge कर सकता है बशर्ते उसकी Profile पर अच्छा Content हो और Engagement भी अच्छी हो।
Instagram पर किसी Brand का Ad देखने पर लगभग 50% लोग उस Brand में दिलचस्पी लेना शुरू कर देते हैं।
Hashtags की मदद से Instagram पर एक Wide Audience तक पहुंचा जा सकता है। Instagram पर Used Top Hashtag हैं ‘#Love’, इसे 200 करोड़ से भी ज़्यादा लोगों ने अपने Post Share करते वक्त Use किया है।
Photo Sharing Platforms ऑनलाइन मार्केट में आ गए थे लेकिन जो लोग Videos Share करना चाहते थे या Videos के माध्यम से लोगों के साथ Connect होना चाहते थे, उनके लिए सही Platform की कमी थी।
हालांकि, Facebook पर लोग अपनी Personal Videos Share कर सकते थे जिन पर Like & Comment करने की भी सुविधा थी, पर ज़्यादा लोगों के साथ जुड़ने के लिए और लोगों के साथ अपनी Knowledge Share करने के लिए Proper Platform नहीं था।
3. YouTube
YouTube की शुरुआत PayPal के तीन Ex-Employees – Chad Hurley, Steve Chan, And Jawed Karim ने वर्ष 2005 में की।
Project की शुरुआत एक Video Dating App के Concept के साथ हुई थी, लेकिन कुछ कारणों की वजह से Video Dating App का Idea Drop करना पड़ा और तीनो साथियों ने मिलकर YouTube के लिए Program बनाना शुरू किया।
Program Develop होने के कुछ समय बाद youtube.com को Public में लांच कर दिया गया और केवल कुछ ही महीने बाद YouTube पर Uploaded Videos पर प्रतिदिन 8 Million Views आने लगे।
अगले ही साल (2006) में Google ने YouTube को $1.65 Billion में खरीद लिया, जिसके बाद इसमें कई Features Add किए गए, Policies में Changes किए गए और Platform को और अधिक Optimize बनाया गया।
आज YouTube पर Video देखने से लेकर, Upload करना, Like/Share/Comment करना, Channel Subscribe करना, Videos को Playlist में Add करना, Channel को Google AdSense से Monetize करना इत्यादि की सुविधा बिलकुल मुफ्त में उपलब्ध है।
बल्कि, आज से कुछ समय पहले तक इस पर Long Videos का ही बोलबाला था और लोग उसी को अधिक पसंद करते थे, लेकिन पिछले कुछ समय से Short Videos (Aka Shorts) बहुत ज़्यादा Trend में चल रही है। आज लगभग हर Channel पर Short Videos आ रही हैं जो 15 से लेकर 60 Seconds के बीच होती है।
No. Of YouTube Users के मामले में भारत 467 Million Users के साथ प्रथम स्थान पर विराजमान है।
YouTube पर हर महीने 1.7 Billion Unique Monthly Visitors आते हैं जो Facebook, Instagram, Amazon, Wikipedia के Combined Users से भी ज़्यादा है।
Google के बाद YouTube दुनिया की सबसे ज़्यादा Visit करने वाली Website है जिस पर हर महीने 14 Billion से ज़्यादा Visitor Visit आते हैं और कम से कम 19 Minutes का Content Consume करते हैं। इसलिए इसे दूसरा सबसे बड़ा Search Engine भी कहा जाता है।
Short Video Platform Like Tiktok के Boom होने की वजह से YouTube ने भी वर्ष 2020 में Shorts Format को Launch किया। आज YouTube Shorts पर प्रति दिन 15 Billion से भी ज़्यादा Views आते हैं।
YouTube Ads की इतनी ज़्यादा Power है कि इसके Use से 250 करोड़ से भी ज़्यादा लोगों तक पहुंचा जा सकता है।
25 – 34 साल के पुरुष YouTube की सबसे बड़ी Advertising Audience है जिन्हें अधिकतर Businesses Target करते हैं।
Facebook & YouTube जैसे Photo & Video Sharing Platform आने से लोगों को Time Pass करने का और अपने मित्रों के साथ जुड़ने का मौका मिल गया था। अभी तक सभी Platforms का Focus Entertainment पर ज़्यादा था।
ऐसे में जो लोग Professionally Work कर रहे थे, Job Search कर रहे थे या Professional लोगों के साथ जुड़ना चाहते थे उनके लिए अभी तक कोई Platform उपलब्ध नहीं था।
ऐसे में वर्ष 2002 में Reid Hoffman ने एक Professional Networking Platform बनाने के लिए Program लिखना शुरू किया।
4. LinkedIn
LinkedIn की शुरुआत वर्ष 2002 में Reid Hoffman ने कर दी थी लेकिन इसे 2003 में Officially Launch किया गया।
LinkedIn को शुरू करने के पीछे इसके Founder का Vision यह था कि दुनिया में हर किसी व्यक्ति के लिए एक Economic Opportunity Create की जा सके। साथ ही वो चाहते थे कि LinkedIn का Use करके लोग सही लोगों के साथ Connect हो सकें और अपने Professional Network को बढ़ा सकें।
Launch करने के बाद से ही इसमें लगातार New Features को Integrate किया गया। पहली बड़ी कामयाबी तब मिली जब वर्ष 2005 में इसमें Job Feature & Subscription Paid Model Integrate किया गया। उसी वर्ष इस पर 5 Million से ज़्यादा Subscribers हो गए थे।
इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए कई बड़े Organisations ने इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखाई और Finally वर्ष 2016 में इसे Microsoft ने $26.2 Billion के Valuation पर खरीद लिया।
आज LinkedIn का Network इतना बढ़ चुका है कि इसने 200 Countries तक अपनी पहुंच बना ली है और इसके साथ 83 करोड़ Members जुड़े हुए हैं।
अगर आप एक Professional हैं, B2B Business Owner हैं, Job करते हैं या Freelancer हैं, अपने Clients तक पहुँचने के लिए LinkedIn से बेहतर Platform आपके लिए शायद ही कोई हो।
LinkedIn ने Professional Networking के एक बेहतरीन नमूना पेश किया है और आज LinkedIn के 44% Users सालाना 50 लाख से भी ज़्यादा कमा रहे हैं।
Studies Show करती हैं कि 80% B2B Leads LinkedIn से आती है और 94% B2B Marketers Content Distribution के लिए LinkedIn Use करते हैं।
आज LinkedIn को एक Primary Job Search Platform के रूप में Use किया जा रहा है जिस पर 5.8 करोड़ Companies Listed हैं और हर सप्ताह लगभग 5 करोड़ लोग इस पर Job Search करते हैं।
B2B Websites पर 46% Social Traffic LinkedIn से आता है इसलिए Content Marketers की ये पहली पसंद है और 94% Content Marketers, B2B Marketing & Lead Generation के लिए LinkedIn को Prefer करते हैं।
LinkedIn पर हर सेकंड 95 Job Applications Submit होती है जिनमे से हर मिनट 6 लोगों को Companies द्वारा Hire किया जाता है।
इन सभी Platforms के आने के बाद लोगों को Quality Time Spend करने और Professional Network बढ़ाने का मौका मिलने लगा। लेकिन, इस बीच लोगों को ये महसूस होने लगा कि कैसे Short & Crisp Messges की मदद से लोगों के साथ जुड़ा जाए और अपने Thoughts Share किया जाएं।
इस बीच Twitter का जन्म हुआ जिसे Founder Jack Dorsey ने अपने तीन साथियों Noah Glass, Biz Stones, And Evan Williams के साथ मिलकर वर्ष 2006 में Launch किया।
5. Twitter
Twitter एक Microblogging & Social Networking Platform है जिस पर लोग Messages (Aka Tweets) कर सकते हैं और एक मैसेज से ही हज़ारों-लाखों लोगों के साथ Interact कर सकते हैं।
Twitter की शुरुआत वर्ष 2006 में Jack Dorsey द्वारा की गई थी जो एक ऐसी SMS Service बनाना चाहते थे जिसकी मदद से एक Individual एक Small Group से Communicate कर सके या Interact कर सके, जिसके लिए उन्होंने अपने Project को ‘Twttr’ नाम दिया।
बाद में Twitter.com डोमेन खरीदा गया और इसे Officially July 2006 में Public के सामने Introduce कर दिया गया।
लोग Twitter Use करने लगे थे और हर दिन 20000 Tweets करने लगे थे। लेकिन जैसे-जैसे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई, Per Day Tweets की संख्या 10 करोड़, 20 करोड़ , 30 करोड़ तक पहुँच गई और Users की संख्या में भी बड़ी तेज़ी से इज़ाफ़ा होने लगा।
आज Twitter Users की संख्या 30 करोड़ से ज़्यादा पहुँच गई है और हर दिन 50 करोड़ Tweets किए जा रहे हैं।
Twitter पर सबसे ज़्यादा USA की Audience (77 Million) है जिसमे 18 – 29 साल के Users की Percentage 42% है।
Twitter पर Ads Run करके Target Audience तक पहुंचना भी थोड़ा आसान है क्योंकि इस पर अन्य Social Media Platforms की तुलना में लोग 26% अधिक Time Spend करते हैं।
लेकिन, सवाल आया कि इन सभी Social Media Networks के बीच क्या कुछ ऐसा Possible था जिस पर लोग Individually बात भी कर सकें और Group के साथ Interact भी कर सकें?
अब एक ऐसा SMS Or Messaging Platform बनाने की ज़रूरत महसूस हुई जिस पर Quickly एक Media File को कई सों लोगों के साथ Share किया जा सकता था, उनकी Profile के साथ उनके Status Show हो सकते थे और Interact करना Easy हो सकता था।
वर्ष 2009 में Yahoo के दो Ex-Employees ने मिलकर WhatsApp पर काम करना शुरू किया।
6. WhatsApp
Brian Acton And Jan Koum ने लोगों की Messaging Problems को दूर करने के लिए वर्ष 2009 में WhatsApp को Introduce किया।
शुरुआत में ये केवल IOS Users के लिए ही था जिस पर लोग अपने Status Change कर सकते थे और एक-दूसरे से Chat कर सकते थे।
क्योंकि, इसमें Regular SMS Operator Plan की बजाय Internet के Use से Messages भेज सकते थे, लोगों को ये नया Messaging Platform पसंद आने लगा।
Double Check Received Feature And Login Using Phone No. Only जैसे Features की वजह से इसकी तेज़ी से Growth होती गई।
Initially, WhatsApp एक Paid Model था जिसकी App Download करने के लिए कुछ Amount Pay करना पड़ता था। कुछ समय पश्चात इस Model की जगह Subscription Based Model लाया गया जिसके तहत पहले साल के लिए इसे फ्री रखा गया और Trial Period ख़त्म होने के बाद $1 Charge किया जाने लगा।
कुछ ही समय में इसने अन्य Messaging Application Giants Like iMessage, Wechat, Facebook Messenger, Snapchat, Line, Etc. को पीछे छोड़ दिया था।
Facebook ने वर्ष 2014 में WhatsApp को $19 Billion में Acquire कर लिया और अपना Competition काफी हद तक कम कर दिया।
कुछ ही सालों के बाद, वर्ष 2017 में WhatsApp को Encrypt कर दिया गया और इसे Windows & Mac PCs के लिए Launch कर दिया गया और WhatsApp For Business Feature भी Introduce कर दिया गया।
WhatsApp आज Most Popular Messaging Platform है जिसके 200 करोड़ से भी ज़्यादा Monthly Active Users हैं और भारत 39 करोड़ Users के साथ पहले स्थान पर है।
WhatsApp पर एक व्यक्ति हर महीने औसतन 18.6 घंटे बिताता है।
2020 के Third Quarter तक WhatsApp पर हर दिन दस हज़ार करोड़ Messages Send किए जा रहे थे।
WhatsApp 26-35 उम्र के लोगों के बीच बहुत पॉपुलर है।
इन सभी Platforms को आज एक Business की Growth के लिए Use किया जाता है जिसमे SMO Strategies का उपयोग करके इन्हें Optimize करना होता है और Organically अपना Influence बढ़ाते हुए Brand Build करनी होती है।
लेकिन, अक्सर ऐसा देखा जाता है कि Social Media Platforms Optimization के दौरान कुछ Common Mistakes को बार-बार दोहराया जाता है जो आपके Objective को पूरा करने में परेशानी खड़ी कर सकती हैं।
इन्हीं Mistakes को मैंने यहां Discuss किया है ताकि आप Social Media Optimization को अपनी Lead Generation, Brand Awareness, Brand Building Strategies के लिए Use कर पाएं।
Common Mistakes People Make While Optimizing Social Media:
Social Media के बारे में अक्सर बहुत लोग चर्चा करते हैं और इसकी Growth Potential के बारे में बातें करते हैं।
इन बातों को सुनकर और समझकर वो कई सारी Mistakes Commit करने लगते हैं जिनमे से कुछ Critical Mistakes को मैंने Mention किया है।
1. Profile Names & Description :
सभी Social Media Platforms पर Account Create करने के बाद अपने Business की एक Professional Profile बनानी होती है।
लेकिन, लोग यहाँ ये गलती करते हैं कि वो Profile को बड़े ही Casual Way में Create करते हैं। उनका Business किसी और नाम से होता है और Instagram या Facebook Profile किसी और नाम से।
ऐसे में Users & Search Engine को उनका Exact Business समझने में परेशानी होती है और उनकी जितनी Reach होनी चाहिए थी उतनी नहीं होती।
वहीं, कई बार Profile Description भी Optimized नहीं होता और उसमे भी Business Relevant Details की बजाय Personal या Non Relevant Details लिखी होती है जो User को Confuse कर देती है।
2. No Integrated Content :
Integrated Content का मतलब होता है एक ही तरह का Content जिसे अलग-अलग Platforms पर Share किया गया हो।
कई बार New Business Owners, YouTube पर Vlogging शुरू कर देते हैं, Instagram पर अपने Family की Photos & Videos Share करने लगते हैं और Facebook पर कुछ अलग ही चल रहा होता है।
इस Strategy से Target Audience Confuse हो जाती है, बल्कि आप अपनी Target Audience तक पहुँच ही नहीं पाते और कुछ दिन Use करने के बाद Inactive हो जाते हैं।
3. No Call To Action :
SMO Strategy, Content Creation का एक Important Component है।
Content Creation में Posts, Infographics, Carousels, Reels, Short Videos इत्यादि Create किए जाते हैं, लेकिन उस Content से आप क्या चाहते हैं ये भी बताना ज़रूरी है।
इसे Call To Action या CTA कहा जाता है, जिसके तहत Content के आखिर में Reader या Visitor के लिए एक Message दिया जाता है कि उन्हें अब आगे क्या करना है। क्या उन्हें आपकी Website पर पहुंचना है, क्या Direct Product Link पर क्लिक करके उसे खरीदना है या अन्य Social Profiles को Follow करना है।
एक Clear CTA देने से आपके Social Media Optimization का Impact हमेशा Positive होता है और ज़्यादा Customers बनने की Probability रहती है।
4. Irregular Posting :
इन्हीं सब Mistakes में शामिल है – Irregular Posting.
ध्यान रखिये कि सभी Platforms की आप पर नज़र होती है और उनके Algorithms समझते हैं कि आप कब और क्या Content Post कर रहे हैं।
Consistency के बिना या केवल कभी-कभार Content Post कर देने से Platforms की Algorithms भी आपको Serious नहीं Consider करती और आपके Posts को Boost नहीं करती।
जब Posts Boost नहीं होंगे तो वो आपके Target Audience तक भी नहीं पहुंचेंगे और आप अपने Objectives Meet नहीं कर पाएंगे।
5. Spending Lakhs Of Rupees On Fake Followers :
Millions Of Fans & Followers से ज़रूर आपकी Profile को Social Popularity मिल सकती है लेकिन, Fake Followers रखने से वो Engagement नहीं मिल पाती जो उस Popularity को Maintain करने के लिए ज़रूरी होती है।
बल्कि, कुछ समय पहले ही Instagram ने Updates निकाले थे जिसके तहत ऐसे कई Accounts को Ban कर दिया गया था जिन्होंने पैसे देकर Followers खरीदे थे। ऐसे में कई Celebrities के Followers भी एकदम से काफी कम हो गए थे।
Social Media Optimization Strategy को Successful बनाने के लिए आप अपने Genuine Customer Relationship पर फोकस करें और गलत तरीकों के इस्तेमाल से बचें।
6. Avoiding Social Interaction With Followers &
Fans :
Brand Growth Phase के दौरान Audience के साथ Continuous Interaction बनाए रखना ज़रूरी है, जिसके तहत उनके Queries को Quickly Answer करना होता है, Social Media पर Active रहना होता है और Engagement बनाए रखनी होती है।
उन्हें नहीं लगना चाहिए कि वो किसी Robot से बात कर रहे हैं और उनके सवालों का जवाब नहीं मिल पा रहा है।
Queries को Timely Respond करना, Positive Tone के साथ उनके Answers का जवाब देना, Correct Information देना ऐसे कई Factors हैं जो आपकी Relationship को मज़बूत बनाते हैं।
Digitization की वजह से Billboards, Newspapers, TV, Radio पर आने वाले Ads अब धीरे-धीरे Digital Mediums पर Shift होते जा रहे हैं। बढ़ते इंटरनेट के विस्तार से अब Large Group Of Audience तक पहुंचना आसान हो गया है।
Technology इतनी ज़्यादा विकसित हो चुकी है कि अब सभी लोगों की बजाय केवल Targeted People को ही Ads दिखाए जा सकते हैं जिससे Conversion के Chances बहुत अधिक बढ़ जाते हैं और Business कम समय में ही प्रगति करने लगता है।
Ads चलाकर लोगों तक पहुंचना और अपने Lead Generation, Brand Awareness, Selling जैसे Objectives Clear करना Paid Ad Marketing Strategy में शामिल होता है।
आज Digital World में दुनिया दो बड़े शब्दों के इर्द-गिर्द घूमती है – Search Engines (Like Google, Bing, Yahoo, Baidu), And Social Media (Like Facebook, Instagram, Twitter, LinkedIn, Quora, Pinterest)
Search Engine And Social Media, ये दोनों ही इस डिजिटल वर्ल्ड के वो Major Components हैं जो किसी भी Business को फर्श से अर्श तक ले जाने का दम रखते हैं।
Search Engine (यहां Google) की मदद से अपने Business पर Organic या Free Traffic लाने की कला, जिसे Search Engine Optimization कहा जाता है, जिसे हम पहले ही Chapter 7 में समझ चुके हैं।
इसी तरह हम Chapter 8 में देख चुके हैं कि किस तरह Social Media Optimization की मदद से Organic Traffic Gain किया जाता है और Brand Awareness Create की जाती है।
इस Chapter में हम Paid Methods के बारे में बात करेंगे जिनकी मदद से एक बिज़नेस के गोल को पूरा किया जाता है।
इसमें अक्सर दो Techniques शामिल होती है – Search Engine Marketing (SEM) And Social Media Marketing (SMM).
दोनों Strategy को Implement करने के Objectives लगभग एक से होते है, फर्क सिर्फ Platforms का होता है।
आइये सबसे पहले देखते हैं कि Paid Ads Run करने के क्या-क्या Objectives होते हैं।
Objectives Of Running Paid Ads
एक Company अपनी Digital Presence Create करने के लिए अक्सर Website & Social Media का सहारा लेती है। लेकिन, जब कंपनी अपने New Products या Services लेकर आती है या अपने Digital Or Physical Products Online Sell करती है तो Ads का Use करती हैं।
परन्तु ऐसा ज़रूरी नहीं कि हर कंपनी का Objective Selling ही हो, अलग-अलग Companies के अलग-अलग Objectives हो सकते हैं।
1. Brand Awareness :
कोई भी बिज़नेस जब अपने शुरूआती Phase में होता है, उसके पास इतने Clients नहीं होते, उसे ज़्यादा लोग नहीं जानते और Digital Presence के नाम पर केवल एक Website & Social Media ही होते हैं।
ऐसे में लोगों तक पहुँचने के लिए और अपने Products या Services की Awareness Create करने के लिए Brand Awareness Campaigns Run किए जाते हैं।
इन Brand Awareness Campaigns में Clicks की बजाय अधिक Impressions लाने पर फोकस किया जाता है।
अगर आपने कोई नया प्रोडक्ट लांच किया है, उसे अपनी वेबसाइट पर भी लिस्ट कर दिया है और अब लोगों को उसके बारे में बताना चाह रहे हैं तो Google & YouTube जैसे Search Engines पर Ads Run कर सकते हैं या Facebook & Instagram जिसे Social Media Platforms पर भी Ads Run करके Awareness Create कर सकते हैं।
2. Lead Generation :
Lead Generation Campaigns को अक्सर Target Audience की Contact Details लेने के लिए Use किया जाता है जिसके लिए उन्हें कुछ Products Offer किए जाते हैं, Newsletter के लिए Signup कराया जाता है, किसी Webinar पर Invite किया जाता है वगैरह-वगैरह।
Information Collect करने के लिए एक Form Use किया जाता है जिसे अक्सर Ad Copy के साथ ही Embed कर दिया जाता है।
Lead Generate करने के बाद आप उन्हें अपने Business के Next Stage पर ले जा सकते हैं और उन्हें Emails & Messages के द्वारा Valuable Knowledge Share करते हुए अपना Customer बना सकते हैं।
3. Sales :
अगर आपकी कोई E-Commerce Website है जिस पर Products Sell किए जाते हैं तो आपको अपने Ad Campaign का Objective Sale या Conversion Select करना होता है।
Sales Objective को पूरा करने के लिए आपको नए लोगों को Ad दिखानी होती है या आप उन लोगों को भी Ad दिखा सकते हैं जो आप से पहले भी Contact कर चुके हैं और अपना Buying Decision लेने के बहुत नज़दीक हैं।
सामान्यतः इन तीनो Objectives को ध्यान में रखकर ही एक Business के Marketing Ad Campaign Decide & Run किए जाते हैं।
आइये अब Search Engine Marketing And Social Media Marketing को थोड़ा Deep में समझते हैं और इनकी Importance को भी समझते हैं।
Understanding Search Engine Marketing :
Internet के विस्तार से कुछ समय पहले तक Traditional Media Marketing का बहुत ज़्यादा प्रचलन था। बड़ी-बड़ी कंपनियां TV & Radio में Ads देती थीं और Highways पर अपने बड़े-बड़े Hoardings लगाती थीं।
वहीं, Small Businesses के पास इतना बजट नहीं होता था कि वो भी TV या Radio पर या Hoardings लगाकर खुद को Advertise कर सके, ऐसे में वो अक्सर Newpaper और Magazines में अपना Ad देते थे, Pamphlets Distribute करते थे, अपने Area में Posters & Banners लगाते थे।
इन Advertisement Methods को Implement करने में खर्चा बहुत अधिक होता था और Efforts भी बहुत अधिक लगाने पड़ते थे।
लेकिन, जैसे-जैसे Internet की Growth होती गई, Marketing करने के तौर-तरीके बदलते चले गए। हालाँकि,आज भी बड़ी कंपनियां, Traditional Media Marketing Use कर रही हैं और लोगों को Attract कर रही हैं, लेकिन इसके साथ ही अब Paid Marketing Strategies की तरफ झुकाव भी बढ़ने लगा है।
Search Engine Marketing एक तरह की Paid Advertising Technique ही होती है जिसके अंतर्गत कुछ Keywords को Target करके Advertisement Campaigns Run किए जाते हैं।
इसे Inbound Marketing Strategy भी कहा जाता है जिसका मतलब है कि लोग सर्च करके खुद आपके पास आते हैं, आपकी Website पर पहुचंते हैं और अपने Problems के अनुसार Further Steps लेते हैं।
आइये इस Process को विस्तार से समझते हैं।
मान लेते हैं कि आपकी Stock Market में Expertise है और आप लोगों को सिखा सकते हैं कि Stock Market में कैसे Enter किया जाए, किन बातों का ध्यान रखा जाए, अपना First Stock कैसे Pick किया जाए, आदि। आपने अपना Digital Ecosystem भी Create किया हुआ है जहां आपकी एक Website है जिस पर आप Knowledgeable Blogs Publish कर रहे हैं, YouTube Channel पर Videos Post कर रहे हैं और Social Media पर Useful Content Post कर रहे हैं।
अब आप Stock Market पर एक Course बनाना चाहते हैं और लाखों लोगों को Stock Market का ज्ञान देने चाहते हैं। अब Course बनाने के बाद उन्हें Quickly Sell करना भी ज़रूरी है। आप ऐसा नहीं कर सकते कि Website पर Courses List कर दिए और Website का SEO करने में ही लगे रहे। आपके Efforts & Time दोनों ही बहुत कीमती है।
ऐसे में आप Keyword Research Tools की मदद से कुछ Best Performing Keywords Choose करते हैं, जैसे – ‘Best Stock Market Course In Hindi’, ‘Best Intraday Course In Delhi’, और उन्हें अपनी Website के Content में Use कर लेते हैं। ऐसे में आपकी Website उन Keywords के लिए Optimize हो जाती है।
अब आप Google पर अपने Ad Campaign Set करते हैं और अपने Keywords को Target करते हुए Campaign Run कर देते हैं।
जब भी कोई व्यक्ति Stock Market का कोर्स सर्च कर रहा होता है और आपके द्वारा Selected Keyword को Type करता है तो उसे आपकी Website सबसे पहले Page पर दिख जाती है और वो उस पर क्लिक करके Further Explore करता है। इसे Search Ad कहते हैं।
लेकिन Search Engine Marketing केवल Google तक ही सीमित नहीं है, आज YouTube भी दूसरा सबसे बड़ा सर्च इंजन बनकर उभरा है जिस पर Millions Of Queries हर रोज़ सर्च होती है।
ऐसे में जब भी आप Google Ads में जाकर अपने Ad Campaign Set करते हैं, आप YouTube के लिए भी Video Form में एक Ad Set Up कर सकते हैं और Target Audience तक पहुँच सकते हैं।
Search Engine Marketing में एक और Popular Ad Type होता है जिसे Display Ads कहा जाता है। आपने अक्सर देखा होगा कि जब भी आप किसी Website पर Visit करते हैं तो उस पर कुछ Ads Display हो रहे होते हैं जो आपके Interested Topics से Related होते हैं।
Display Ads की मदद से ज़्यादा ROI Generate करने के लिए अक्सर उन Leads को ये Ads दिखाए जाते हैं जो पहली बार में Convert नहीं होते। Display Ads Setup के दौरान आप उन Leads की Details Google को Provide करते हैं जिसके बाद Google सिर्फ उन्हें ही Ad दिखाता है वो भी हर उस Website पर जिस पर वो Visit करते हैं।
इस तरह Search Engine Marketing Technique Work करती है और आपके Business की Visibility बढ़ाने में मदद करती है।
Understanding Social Media Marketing :
Similarly, Social Media Marketing को भी हम Same Example से समझ सकते हैं, बस फर्क इतना होता है कि ये Campaigns, Facebook, Instagram, LinkedIn, Twitter जैसे Social Media Platforms पर Run किए जाते हैं।
Social Media Marketing को Outbound Marketing Strategy भी बोला जाता है जिसके अंतर्गत लोग आप तक नहीं पहुँचते, बल्कि आपको लोगों तक पहुंचना होता है।
इसमें किसी Keyword Research Tool की आवशयकता नहीं होती, सिर्फ अपने Ad Campaign Setup करते वक्त आपको Age, Gender, Interest, Profession, Geographical Location जैसे Factors के आधार पर Audience को Filter करना पड़ता है और Target Audience Select करनी पड़ती है।
Social Media Marketing में अक्सर Facebook And Instagram को ही Prefer किया जाता है। इसके पीछे का कारण है इन पर Present Audience. किसी भी Platform के मुकाबले आज लोग इन दोनों Platforms पर ही सबसे ज़्यादा Time Spend करते हैं। ऐसे में केवल इन दोनों Platforms पर Ad Run करने से भी आपका Purpose Fulfil हो जाता है।
एक बार Campaign Setup होने के बाद आपके Ads Facebook & Instagram Users को दिखाई देने लगते हैं। क्योंकि Facebook के पास अपने Billions Of Users का Data है, वो केवल आपके Target Audience को ही Ad दिखाता है जिससे Ad पर Clicks आने के Chances काफी बढ़ जाते हैं।
Search Engine Marketing And Social Media Marketing को PPC या Pay Per Click Advertising के नाम से भी जाना जाता है।
PPC का मतलब होता है कि आपको अपने Ad को Consistently Run करने के लिए प्रतिदिन का कुछ Budget Decide करना होता है जिसमें आप Google & Facebook को ये भी बताते हैं कि Per Click के लिए आप कितने पैसा दे सकते हैं।
जब भी कोई User आपके Ad पर क्लिक करता है केवल तभी आपका पैसा Deduct होता है जो PPC के बेहतरीन Benefits में से एक है और कम बजट वाले Business Owners को Attract करता है।
पर इन Ad Campaigns से Businesses को क्या फायदा मिलता है?
क्या Businesses Organically उतनी अच्छी Reach & Awareness नहीं Create कर सकते?
इस तरह के सवालों के जवाब जानने के लिए आइये Discuss करें Importance Of Paid Advertising.
Paid Advertisement एक ऐसा Marketing Method होता है जिससे अपनी Audience तक बहुत ही कम समय में पहुंचा जा सकता है। इसके निम्न Benefits हैं।
1. Targeted Reach :
किसी बिज़नेस को Grow करने का एक Basic Fundamental होता है उन लोगों तक पहुंचना जो आपको ही सर्च कर रहे हैं, जो Online कुछ ऐसे Queries सर्च कर रहे हैं जिनका जवाब शायद आपके पास है।
अगर सभी लोगों तक पहुँचने की बजाय केवल इन Interested लोगों तक पहुंचा जाए तो आपके Efforts & Time दोनों कम लगते हैं और आप अपने Products या Services को उनके सामने प्रस्तुत कर सकते हैं। इसे ही Targeted Reach कहा जाता है।
Ad Campaign Setup करने के दौरान आपको विभिन्न Options मिलते हैं जिनके तहत आप Age, Gender, Interest, Profession, Geographical Location, Financial Condition इत्यादि अनुसार Filters Use करके Interested Group Of Audience तक पहुँचते हैं।
For e.g. Digital Azadi के Ad Campaign Set Up करते समय मैं केवल North & Central Indian People को ही टारगेट करता हूँ, क्योंकि मुझे पता है कि मैं Hindi Domain में काम कर रहा हूँ और South India में हिंदी भाषी कम है।
यही नहीं, मैं केवल Small Business Owners, Self Employed People, Students, Teachers, Homemakers को Target करता हूँ और उन्हें Digitally अपनी Presence बढ़ाने और Income के Multiple Sources Create करने के बारे में बताता हूँ।
ये सभी Filters Apply करने से मैं अपने Target Audience तक आसानी से पहुँच पाता हूँ और उन्हें अपने Message के ज़रिये अच्छे से Convey कर पाता हूँ।
2. Lead Generation :
Lead Generation करना एक Business को Profitable Result लाकर देता है। Ads Show करके और अपने Call To Action के माध्यम से Visitors की Information लेने से आपके पास उनका Email Id And Phone No. Save हो जाता है जिसे आप उन्हें Nurture करने के लिए Use करते हैं।
Nurture करने से जिन Leads के Mind में थोड़ा सा भी Doubt है वो दूर हो जाता है और वो आपके Products या Service के लिए Sign Up कर देते हैं।
3. Increased Traffic On The Website :
Traffic किसे पसंद नहीं? एक बिज़नेस के लिए तो Traffic सबसे बड़ा Reason होता है ज़्यादा Customers के साथ जुड़ने का।
Paid Ad Campaign Implement करने से जो Traffic आता है उसे Inorganic या Paid Traffic कहा जाता है।
हालाँकि, इसके लिए आपको पैसे खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन जो भी लोग आपकी Website पर आते हैं वो Interested लोग होते हैं जिनकी कुछ Problems होती हैं और आप उन Problems को Solve कर रहे होते हो।
Website पर Traffic बढ़ने से आपकी Authority भी बढ़ने लगती है जिसका असर आपकी Organic Ranking पर भी दिखने लगता है।
4. High Conversion Rate :
Conversion Rate बताता है कि कितने लोग आपका Ad देखने या Details देने के बाद Customer में Convert हुए।
Paid Ads Run करके आप अपने Audience की Problems को Target करते हैं और उन्हें बताते हैं कि कैसे आपके साथ जुड़ने से उन्हें उनकी समस्याओं का समाधान मिल सकता है।
साथ ही Search Engine Marketing Technique Use करने से तो आपकी Website SERP पर First Page पर Rank कर रही होती है जिस पर कोई व्यक्ति जब सर्च करके पहुँचता है तो वो Buying Decision लेने से केवल एक कदम दूर होता है। ऐसे में आपकी Well Optimized Website पर पहुँचने के बाद उसके कस्टमर में तब्दील होने के Chances काफी बढ़ जाते हैं।
Factors To Keep In Mind While Executing Paid Ad Campaigns :
Paid Ad Campaigns की Power को समझने के बाद अक्सर लोग इसे अपने Business के लिए Implement करने का सोचते हैं। उन्हें ये जानकार ख़ुशी मिलती है कि इससे कम समय में ही Growth मिल सकती है।
लेकिन, जाने-अनजाने में कुछ ऐसी चीज़ों को भूल जाते हैं या दूसरों के कहे अनुसार कर देते हैं, जिससे उन्हें Expected Result नहीं मिल पाता।
1. You Should Have A Powerful Website :
अगर आप अपनी Website पर Targeted Traffic लाने के उद्देश्य से Ad Run कर रहे हैं तो आपको ये भी Ensure करना पड़ेगा कि आपकी Website Professionally Designed हो और उस पर आपकी Audience के लिए Relevant Information हो।
ऐसा न होने से आप Ads पर अपना पैसा ही बर्बाद करेंगे और कुछ नहीं।
Website से आप Trust Build करते हैं जो किसी भी बिज़नेस की Success के लिए ज़रूरी होता है। इसके लिए आपकी Website पर कुछ ऐसा Content, Testimonials, Achievement List इत्यादि होना चाहिए जिससे लोग आप पर विश्वास कर सकें।
आप उन्हें Direct Product Page पर नहीं भेज सकते जहां सिर्फ Products की Photo & Price के अलावा और कुछ नहीं है।
उन्हें कुछ Valuable Information दीजिये जिससे उन्हें आपके साथ जुड़ने का कोई बड़ा कारण मिल सके।
2. Have A Specific Budget :
क्या आपके पास इतना पैसा है कि उसे अंधाधुंध बिना कुछ सोचे समझे और Planning किए Ads में लगा सकें?
शायद नहीं, एक Small Business Owner अक्सर Budget Constraint होकर चलता है, लेकिन कई बार कुछ Hypes & Excitement की वजह से ज़्यादा Spend करने लगता है।
वहीं कुछ लोग इतना कम Spend करते हैं कि उन्हें Targeted Reach नहीं मिल पाती।
आपको प्रत्येक महीने का एक Budget Decide कर लेना चाहिए और उसे हर दिन के हिसाब से अपने अलग-अलग Ad Campaigns में Distribute कर देना चाहिए। इससे आपको भी अंदाजा रहेगा कि आप Over या Under Spend नहीं कर रहे हैं।
3. No Need To Boost Facebook Posts When You’re Running Ads :
अगर आपने Facebook Use किया है तो आपको पता होगा कि आप जब भी कोई Post करते हैं तो उसमे Boost का एक Option दिखाई देता है जिसमे Facebook आपसे आपका Post Boost करने के लिए कहता है।
Post Boost करने के लिए आपको कुछ पैसे देने पड़ते हैं जिसके बदले में आप अपने उस Post को हज़ारों लोगों को दिखा सकते हैं।
यहां एक Catch ये है कि Boost Feature केवल आपकी Awareness Create करता है और लोगों को आपका Post Show करता है। आपके पोस्ट में कोई Call To Action नहीं होता और न ही वो इतना Appealing होता जिससे लोग Persuade हो सकें और आपकी Website Visit कर सकें।
वहीं दूसरी ओर, Facebook Ad की मदद से सिर्फ Awareness ही नहीं बल्कि Lead Generation & Conversion जैसे Important Objectives को बड़ी ही कुशलता से हासिल किया जा सकता है।
इसलिए, आपको Post Boost Feature को बहुत कम Use करना चाहिए, बेशक आपका कोई भी Objective हो। इसके बजाय अधिक Powerful & Profitable ‘Facebook Ads’ को Use करना चाहिए।
4. Have A Creative Solution-Based Ad Copy :
Creativity, Paid Advertisement की Primary Need होती है। आप Audience को कुछ भी Show नहीं कर सकते, आपके Ad में Used Image, Video & Texts आपकी Audience के साथ Resonate करनी चाहिए और उन्हें लगना चाहिए कि आप शायद उनकी Help कर सकते हैं।
इसके लिए आप अच्छे Infographics Design करा सकते हैं, अपने Texts की एक Persuading Copy लिख सकते हैं, Video की Length को Tweak कर सकते हैं और वो सभी Creative Ideas लगा सकते हैं जिससे आपकी Ad Copy में Creativeness दिखे।
Business कई प्रकार के होते हैं जो अलग-अलग प्रकार के Audience को Cater करते हैं। ऐसा ही एक बिज़नेस है B2B.
इस Business में Multiple Companies के बीच लेनदेन होता है। कहने का मतलब है कि इसमें एक Company या Organization अपने Products & Services को दूसरी Company या Organization को बेचता है।
For e.g. Oil Refineries में लगने वाली मशीने, Two Wheeler & Four Wheeler में लगने वाले Spare Parts, Aviation Fuel, Indiamart पर Listed Businesses, Zoom, Etc.
B2B Business करने के लिए Experience बहुत ज़्यादा Matter करता है। आपको अपने Products & Services को Super High Quality Criteria में रखना होता है, तभी जाकर कोई दूसरा बिज़नेस उसमे अपना Interest दिखाता है।
B2B Industry में आपकी Reputation, Authority & Credibility भी मायने रखती है जो नए Businesses को आपके साथ जुड़ने में मदद करती है। ये सब कुछ तभी मुमकिन हो पाता है जब आपकी अच्छी
Online Presence होती है आपके पास Previous Clients होते हैं, उनके Testimonials होते हैं, कुछ Achievements होती हैं और Best Reviews & Ratings होते हैं।
Companies अपने लिए नए Vendors ढूंढने के लिए Google सर्च से शुरुआत करती है। हालांकि, अगर आपकी पहले से ही अच्छी Reputation होती है तो कई बार आपके पास Direct Enquiries भी भेज दी जाती हैं।
लेकिन, जब Company नई-नई Establish हुई होती है तब उसकी Digital Presence ही उसकी Reputation बनाने में मदद करती है। लेकिन, अक्सर देखा जाता है कि अधिकतर B2B Businesses केवल Website तक ही अपनी Presence बनाकर रह जाते हैं और उससे आगे नहीं बढ़ते।
कुछ समय पहले Google ने एक Agency के साथ मिलकर 3000 B2B Businesses पर Research करी, जिसमे कुछ Interesting Insights निकल कर आईं।
Research में सामने आया कि एक B2B Buyer किसी दूसरे Business की Website पर पहुँचने से पहले 12 Online Searches करता है, जिससे ये साबित होता है कि केवल Website बनाना ही काफी नहीं है, आपके Business की Presence Social Media Platforms पर भी होनी चाहिए और Ads के Through भी आप Buyers के सामने दिखने चाहिए।
Research में ये भी सामने आया कि इन 3000 B2B Business Owners में से 71% B2B Buyers अपने सर्च की शुरुआत Generic Query से करते हैं जिसमे वो Product के बारे में सर्च करते हैं, बिज़नेस के बारे में नहीं।
ऐसे में Website को Product Focused बनाना ज़रूरी है और उससे Relevant Content पोस्ट करना भी ज़रूरी है।
ये सब मुमकिन हो पाता है Company का Digital Ecosystem Create करके जिसे हमने अपने Chapter 4 में विस्तार पूर्वक समझ चुके हैं।
Digital Ecosystem के सभी Components बहुत Important हैं लेकिन B2B Industry में सब कुछ Professional Level पर होता है जहां एक Business दूसरे Business से High Quality Product & Service Expect करता है। ऐसे में Business की Strong Authority & Credibility होना एक Primary Need बन जाती है।
यहां Website & Social Media (Like LinkedIn & Twitter) Platforms पर Presence उस Primary Need को खत्म कर सकती है और Buyer को Best Decision लेने में मदद करती है।
तो आइये जानते हैं कि B2B Businesses के लिए Digital Ecosystem कैसे आपकी एक Professional Identity बनाने में मदद करता है जिससे Buyer आपके बिज़नेस के बारे में जान सके, समझ सके और आपके साथ एक New Professional Relationship Establish कर सके।
Advantages Of Digital Ecosystem In Your B2B Business
1. बिज़नेस का Professional Version Create करता है :
Digital Ecosystem का पहला Component ही है Website.
‘Website Tells Everything About Your Business’
Website आपके Business की वो सभी Details Mention कर देती है जो एक Buyer जानना चाहता है। ऐसे में कोई भी Business Owner नहीं चाहेगा कि उसकी Website Optimized न हो या उसमे Flaws हों।
Users के लिए Well Optimized Website बनाने का मतलब है निम्न Factors का होना :
2. आप Content Creation के ज़रिये अपने Target Customers को Attract कर पाते हैं :
“Content Creation Is A Key To Every Successful Business”
आज बढ़ते Digitization की वजह से Content Creation बहुत ज़रूरी हो गया है। ये Target Audience तक Organically पहुँचने का एक बेहतरीन माध्यम है। इसकी मदद से Brand Awareness, Reach, Traffic Generation जैसे Goals Achieve किए जाते हैं।
लोगों के Passion, Interest, Problems, Challenges इत्यादि को Address करके बनाया गया Content बहुत जल्द ही सही लोगों तक पहुंचता है, उन्हें Attract करता है और आपके Business तक लेकर आता है।
अपने B2B Business के लिए आमतौर पर तीन अलग-अलग तरह का Content Create करना होता है – Blogs For Website, Social Media Content And Long Form Videos On YouTube.
Website पर आप अपने Product Related Blogs लिख सकते हैं, Industry में क्या हो रहा है, कौन-कौन सी नई Inventions हो रही हैं, ये बता सकते हैं।
YouTube Videos पर भी आप अपने Products की Videos, Product Making Films, Industry Relevant Topics पर Videos और कई Similar Type की Videos Publish कर सकते हैं।
Social Media पर अपने Prospects तक पहुँचने के लिए आपको LinkedIn & Twitter जैसे Platforms पर Content Create करना होता है और Company को एक Trusted Brand के रूप में Showcase करना होता है।
B2B Business के लिए Social Media से आने वाली 80% B2B Leads LinkedIn से आती है। इसलिए इसे Business Owners के लिए एक Goldmine की तरह देखा जाता है जिस पर अधिकतर Businesses के Top Decision Makers Active होते हैं।
3. Clients’ Testimonials Show करना आसान हो जाता है :
Testimonials, Clients Reviews, Ratings, Results, Certificate Of Appreciation – ये सभी Components एक Business की Authority बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। Digital Ecosystem इन Components के बिना अधूरा है।
एक Professional Buyer, जो खुद भी अपना Business Run कर रहा है, जब आपकी Website पर Visit करता है तो ये देखना चाहता है कि पहले आपने किन-किन Clients के साथ काम किया हुआ है, आप कितने सालों से इस Industry में हैं, कितने Clients ने आपको Certificate Of Appreciation दिया है और आपकी Product Quality कैसी है।
ये सभी Trust Building Factors होते हैं जिन्हें Website पर Showcase करना बेहद ज़रूरी है। इससे आपके Products की Quality और आपके काम करने का तरीका पता चलता है।
4. अपने Track Record से Trust Build कर पाते हैं :
आपके Digital Ecosystem में शामिल वेबसाइट को लोग सबसे पहले देखना पसंद करते हैं।
Website पर एक About Us Page लगाकर आपके लिए बताना आसान हो जाता है कि Company कब शुरू हुई, किस वर्ष कौन-कौन से Products Develop किए गए, कितने Clients को Serve कर चुके हैं, कितनी बड़ी टीम है, इत्यादि।
यदि आप यह भी बता देते हैं कि बिज़नेस की Local & Global Presence कितनी है, आपके Office कहां-कहां हैं, कितनी Manufacturing या Production Units हैं, Manpower कितनी हैं, तो Website Visitor का Trust Gain करना और भी आसान हो जाता है।
Track Record Mention करने से लोग आपकी Company की Strength को जान पाते हैं और अंदाजा लगा पाते हैं कि क्या आपके साथ बिज़नेस करना उनके लिए सही रहेगा या क्या आप उनकी ज़रूरतों को समय पर पूरा कर सकेंगे।
5. आपका एक Online Enquiry System बन जाता है :
एक B2B Business की Website पर Enquiry System & Contact Details होने से आपको Contact करना आसान हो जाता है।
Buyers अक्सर अपने लिए सही Vendor ढूंढने के लिए अलग-अलग Companies की Websites Checkout करते हैं और उनके Products को समझने का प्रयास करते हैं।
इस बीच अगर उन्हें Product के बारे में Detail लेनी होती है या अपने बिज़नेस के लिए ज़रूरी Products चाहिए होते हैं तो वे Enquiry Raise कर देते हैं।
ऐसे में आपकी वेबसाइट पर लगा Enquiry Form लोगों को आपसे Contact करने में आसानी प्रदान करता है। उस Form में आप Call Back Request भी Mention कर सकते हैं जिसके लिए User का Email Id & Contact No. चाहिए होता है।
6. आप Newsletter शुरू कर सकते हैं :
Business Professionals अक्सर Email पर बहुत Active रहते हैं और अपने Clients, Vendors, Employees से Email के ज़रिये ही मुखातिब होते हैं।
ये आपके लिए एक ऐसी Opportunity होती है जिसकी मदद से आप अपने Business को अपने Potential Buyers से Introduce करा सकते हैं।
Form के माध्यम से उनका Email लेकर इन Leads को आप कई तरह से Nurture कर सकते हैं।
Emails भेजकर आप उन्हें अपने Products, Services, Clientele, Experience And Other Relevant Details से रूबरू करा सकते हैं।
उन्हें आप अपना Newsletter Subscribe करा सकते हैं और Industry Related Topics पर, आपकी Achievements पर, Newly Developed Products के बारे में और Newly Added Services के बारे में अपने Email में Mention कर सकते हैं।
इसके अलावा अगर आप उनके Interest या उनकी Companies के Challenges Related Topics पर Emails लिखेंगे और उसमे Mention करेंगे कि आपके Products कैसे उन्हें Quality Solution Provide कर सकते हैं, तो ये एक Added Advantage होगा और आप अपनी Industry के Expert के रूप में पहचाने जाने लगेंगे।
ये तभी Possible होगा जब आपके पास Testimonials होंगे, Certificates होंगे और और बेहतर Results होंगे। तभी अन्य Business Owners आपकी बातों को सुनेंगे और आपकी Company को Seriously लेंगे।
B2C Business – Business To Consumer, जहां Companies अपने Products Directly Consumers या End Users को Sell करती हैं।
B2C के अंतर्गत अक्सर Traditional Businesses को Consider किया जाता है।
For e.g. Eating Out At A Restaurant, Shopping In A Mall, Paying For Movies, Buying Something From An Offline Shop, Etc.
लेकिन, इंटरनेट के विस्तार से आज B2C Business ऑनलाइन पहुँच गया है और इसने E-Commerce के नाम से अपनी पहचान बना ली है। आज B2C Companies अपनी Website बनाकर या Amazon, Flipkart जैसे Platforms के माध्यम से लोगों को अपने Products Sell कर रही हैं।
परन्तु, आज भी कई ऐसे Businesses हैं जो B2C Space में Enter कर तो गए हैं, लेकिन उनकी Sales में बढ़ोत्तरी देखने को नहीं मिल रही है। उन्होंने Website ज़रूर बना ली है लेकिन Traffic उतना नहीं मिल रहा है और Products उतने नहीं बिक रहे हैं।
इसका एक बड़ा कारण है – Digital Ecosystem !
Digital Ecosystem Creation को हम Chapter 4 में Detail से समझ चुके हैं, अब हम समझेंगे कि Digital Ecosystem Create करने से एक B2C Business को क्या-क्या Advantages मिलती हैं, लेकिन उससे पहले कुछ B2C Business Stats को समझना ज़रूरी है।
46% Consumers कोई भी Products खरीदते समय सबसे पहले उसे Google पर सर्च करते हैं, जो ये Prove करता है कि आपको अपना Business ऑनलाइन लेकर जाना ही होगा।
83% B2C Companies अपनी Website पर Informative Content Post करने के लिए Blogs का सहारा लेती हैं।
97% B2C Marketers अपने Products की Information Share करने और Customers से Interact करने के लिए Facebook को Prefer करते हैं।
पिछले कुछ सालों में B2C Marketers ने Instagram & YouTube पर भी अपनी Presence बढ़ानी शुरू कर दी है।
इन सभी Stats को देखकर यही समझ आता है कि B2C Business में Growth Achieve करने के लिए Digital Ecosystem पर काम करना ज़रूरी है और समझना ज़रूरी है कि ये Consistently Function करता रहे।
Advantages Of Creating Digital Ecosystem For B2C Businesses
जिस तरह बिज़नेस में कस्टमर एक पहुंचना ज़रूरी होता है उतना ही ज़रूरी होता है उस कस्टमर को Retain करने ताकि वो दोबारा आपके पास ही आए और आपका एक Regular Customer बन जाए।
आज से कुछ वर्ष पहले तक (Before Internet) बिज़नेस पर कस्टमर तभी Return करता था जब उसे अच्छी Quality का Product सस्ते दाम पर मिल जाता था। परन्तु आज Internet के आने से सब कुछ Fingertips पर उपलब्ध होने लगा है।
आज Online Reviews, Ratings, Reputation देखकर लोग सही Businesses का चयन करते हैं, Products Compare करते हैं और तब जाकर कहीं जेब से पैसे निकालते हैं।
Customer Conversion Rate को बढ़ाना आज B2C Businesses के लिए Primary Need बन चुकी है, जिसे अपना Influence Create करके, Brand Build करके और Reputation बढ़ाकर Improve किया जा सकता है।
1. Helps You Create An Online Presence :
आज लोगों का रुझान Offline की बजाय Online Business की तरफ ज़्यादा हो गया है। लोग कुछ भी खरीदने से पहले Online ज़रूर सर्च करते हैं। 46% Consumers आज कोई भी Product खरीदते समय उसे Google पर सर्च करते हैं। ये आंकड़ा दर्शाता है कि आज के समय में Online Presence होना कितना ज़रूरी है।
Online Presence Create करने के मुख्यतः दो तरीके होते हैं – अपना Digital Ecosystem Create करना और उसे Grow करना And Amazon, Flipkart, Meesho जैसे E-Commerce Platforms पर अपने Products बेचना।
आज क्योंकि Consumers अपना अधिकतर समय Online Spend कर रहे हैं, उन तक पहुँचने के लिए Digitally Grow करना ज़रूरी है।
2. Becomes Easier To Gain Peoples’ Trust :
विश्वास पर ही ज़िंदगी चलती है – लोगों द्वारा ये शब्द कई बार Use किए जाते हैं। बिना विश्वास के लोगों के साथ जुड़ना असंभव है।
Digitally Present रहने से लोगों तक पहुंचना इसलिए भी आसान हो जाता है क्योंकि लोग आपको जानने लगते हैं, पहचानने लगते हैं।
विश्वास जीतने के लिए High Quality Product, Service & Support Provide करनी ज़रूरी है। Offline Selling Business में ये मुमकिन नहीं है क्योंकि नए Customers को नहीं पता कि आपकी Quality Of Service या Product कैसी है।
But Online Transform करने के बाद Reviews & Ratings के ज़रिये इन Details का पता लगाया जा सकता है।
3. Increases Your Business Visibility :
किसी भी B2C Business को Grow करने के लिए उसका Expansion ज़रूरी होता है। केवल एक Restricted Area में Business Run करने से उतना Revenue Generate नहीं हो पाता।
Digital Ecosystem Create करना ही इसका एकमात्र Solution है। हालांकि, आपका Physical Store भी हो सकता है और उसकी Digital Presence भी हो सकती है।
Digital Presence होने से आपकी Reach कई गुना तक बढ़ जाती है। जो Product या Service पहले आप केवल 5 – 10 Km के दायरे में रहकर बेच रहे थे, आज आपके पास कोई Restrictions नहीं रहती और हज़ारों किलोमीटर बैठा व्यक्ति भी आपसे Product खरीद सकता है।
बल्कि, Business Website, Optimized Social Media Profiles, And Google My Business जैसे Platforms के होने से Customers भी आपको आसानी से Find कर लेते हैं।
4. Makes It Easy For Future Upgrades :
क्या आपका Business Pandemic Proof है? क्या आपका बिज़नेस उन सभी Situations को Handle कर सकता है जो Customer Acquisition को Impact करती हैं?
अगर ऐसा नहीं है तो Digitally Grow करना ही आपके लिए एक Preferred Option होना चाहिए। Covid – 19 जैसे Pandemic का किसी को नहीं पता था, इसने न जाने कितने ही लोगों की जान ले ली, कितनो की नौकरियां छीन ली और कितने ही Businesses पर ताले लगवा दिए।
लेकिन,जो इस Pandemic में भी टिके रहे उन्होंने Intelligently अपने Products Online Sell करना शुरू कर दिए थे, Services Online देनी शुरू कर दी और Profit भी Earn कर रहे थे।
Future में Covid-19 जैसे Pandemics न आये, इसकी हर कोई दुआ करता है लेकिन अगर आपको ये दुआ करनी है कि आपका Business Smoothly Run करता रहे, तो Ecosystem Creation Is The Only Option.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, Pandemic के दौरान, 46% B2C Companies ने अपनी Promotion Strategy को ही पूरी तरह से बदल कर रख दिया था और 80% से ज़्यादा B2C Marketers ने अपने Customers तक पहुँचने के लिए Social Media पर Content Distribute करना शुरू कर दिया था।
5. Customer Relationship Management :
एक बिज़नेस को Successfully Run करने के लिए Customers के साथ Better Relationship Build करना अत्यंत आवश्यक है।
Customer को अक्सर भगवान का रूप माना जाता है जिनकी वजह से Company का Revenue बढ़ता है और लोगों में Awareness बढ़ती है।
Digital Mediums का Use करने से आप अपने Customers के साथ Regularly Engage हो पाते हैं, उनके साथ Interact कर पाते हैं और उनके Doubts को Instantly Solve कर सकते हैं।
6. Tribe Building :
कुछ Business इतने अच्छे से Operate करते हैं कि एक बार जो उनका कस्टमर बन गया वो ज़िंदगी भर उनके साथ जुड़ा रहता है। जुड़ने के साथ ही वो अन्य लोगों को भी इस Business के बारे में बताता है और उन्हें प्रेरित करता है कि वो भी इसी Company के Products या Services Avail करें। इसे मार्केटिंग की भाषा में Word Of Mouth Or Referral Marketing कहते हैं।
अगर Company के Products अच्छे हैं और Consumers को अच्छी Support मिल रही है तो सम्भावना है कि Digital Mediums के ज़रिये Consumers आने के साथ-साथ Word Of Mouth Marketing से भी Consumers आएंगे। जैसे-जैसे Customers बढ़ते जायेंगे, बिज़नेस की एक Tribe या Community बनती जाएगी जिनकी बदौलत और अधिक लोग जुड़ते जाएंगे और बिज़नेस का नाम ऊंचा होता जाएगा।
बढ़ते Internet के विस्तार के कारण, सरकार द्वारा चलाए जा रहे Digital Learning Programs और Covid – 19 जैसे Pandemics ने लोगों को Digital Channels Use करने के लिए काफी प्रेरित किया है।
आज लोग हर छोटी से बड़ी Query का जवाब जानने के लिए सबसे पहले Google या YouTube को Open करते हैं और सबसे ज़्यादा विश्वास भी इन्ही पर करते हैं।
ऐसे में कई नई-नई Companies ने Market में अपनी दस्तक देनी शुरू कर दी है। ये Companies लोगों की कोई न कोई Problem Solve कर रही है, फर्क बस इतना है कि कोई Problem छोटी है और कोई बहुत बड़ी।
कई बार लोगों को पता तक नहीं होता कि उनकी Problems क्या हैं, उन्हें Awareness नहीं होती और बस उन Problems के साथ जीते रहते हैं बिना उसे अधिक महत्व दिए।
ऐसे में जो भी नई कंपनीज़ आ रही हैं वो Root Level पर लोगों की Problems को समझकर उन्हें उनकी Problems से Aware करा रही हैं और साथ में Solution भी Provide कर रही हैं। इन Companies को आजकल Start-ups के नाम से जाना जाता है।
आपने भी पिछले कुछ वर्षों में कई New Start-ups के बारे में जाना होगा जो अलग-अलग Sectors में काम कर रहे हैं और अलग-अलग Target Audience को Cater कर रहे हैं।
ये सभी Start-ups लगभग हर Digital Platform पर Active होते हैं, Content Create करते हैं, Customers के साथ Deal करते हैं, Best Customer Relationship Management Provide करते हैं और Ecosystem को लगातार Active बनाए रखते हैं।
इसके साथ ही इन्हे कई Added Advantages भी मिलते हैं :
Added Advantages Of Creating A Digital Ecosystem For Start – Ups :
1. Brand Awareness & Visibility :
लोगों को Problems से Aware कराने और Solution बताने के लिए उन तक पहुंचना ज़रूरी है। Digital Channels के माध्यम से ये सब आसानी से हो पा रहा है।
जब लोगों की समस्याओं का समाधान निकलने लगता है तो Company के ऊपर उनका Trust बनने लगता है, वो कंपनी के Products & Services को और गहराई से समझने लगते हैं, Company की Website Visit करते हैं, Social Media पर Follow करते हैं और सही समय पर सही Offer आने के बाद Transact करते हैं।
इस प्रकार एक Optimized Digital Network होने से Company की Visibility बढ़ने लगती है और साथ ही Awareness बढ़ती है और लोग उसे एक Problem Solver के रूप में देखने लगते हैं।
2. Traffic Generation :
Quality Traffic Generation एक ऐसा Factor है जो Companies की कई Problems को Solve कर देता है। Quality Traffic आने से Customer Conversion Rate में भी काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है।
जैसे-जैसे लोगों को Company के बारे में पता लगने लगता है वो Company की Website & Social Media Channels पर Visit करने लगते हैं।
कई Companies, Organic Strategies के साथ-साथ Paid Ads भी Run करती हैं और वहीं कुछ अच्छे Budget वाले Start-ups TV & Newspaper में भी Ad दिखाने लगते हैं।
3. Test In Low Budgets :
Product को मार्केट में उतारने से पहले उसे Market Condition के हिसाब से Test कर लेना ज़रूरी होता है। कई बार Stats & Data को Side में रखकर खुद Practical Experience करना होता है कि Audience आपके Product को लेकर कैसा Behave कर रही है, उनकी क्या Feedback हैं, और आपको क्या Changes Incorporate करने की ज़रूरत है।
Digital Marketing का Use करके एक Specific Target Audience को Select करके Campaigns चलाए जाते हैं और New Products को Fully Launch करने से पहले उसकी Testing की जाती है।
4. Improved Customer Engagement :
Start-ups अपने Target Audience तक पहुँचने के लिए Powerful Marketing Strategies Use करते हैं और यही कारण है कि आज एक Startup को Successful होने में पहले की तुलना में कम समय लगता है।
इसमें Customer के साथ Engagement एक बड़ा Role Play करती है। नए लोगों तक पहुंचना, उनके Problems & Challenges को समझना, फिर अपनी Company के Products & Services के बारे में बताना और कस्टमर बन जाने के बाद बेहतरीन Support Provide करना ही Good Interaction & Customer Engagement की निशानी है।
5. Automations To Run Business Successfully :
Automation एक ऐसा शास्त्र है जो एक Company, एक टीम, एक Business Owner के काम को कई गुना आसान बना देता है।
Digital Ecosystem Create करने के पश्चात जो भी Leads Generate होती हैं उन्हें Customer में Convert करने के लिए अक्सर Nurture करने की आवश्यकता होती है और बताना होता है कि आपका Product या Service उनके Problems Solve करने के लिए ही Design किया गया है।
ज़्यादातर Start-ups, Nurturing के लिए Email Marketing Use करते हैं जिसके अंतर्गत वो अपने Leads को Free Guides Provide करते हैं और Highly Valuable Information बिलकुल मुफ्त में देते हैं।
ये सब कुछ Lead Generation से लेकर Nurturing And Then Conversion Process Automation पर चलता है जिसके लिए कुछ Lead Generation & Automation Systems Setup करने होते हैं जो बिना Digital Marketing Implement किए संभव नहीं।
6. Tribe Building :
जैसे-जैसे आपका Startup Grow होता जाता है लोग इसे जानने लगते हैं और इसके बारे में और अधिक जानकारी एकत्र करना शुरू कर देते हैं।
धीरे-धीरे आपकी एक Community या Tribe बनने लगती है जिसमे आपके वो सभी Customers होते हैं जो आपके साथ काफी समय से जुड़े होते हैं और Loyal होते हैं।
एक Tribe या Community होने से आपके Startup की Word Of Mouth Marketing भी होती रहती है जिसे अक्सर Startup Growth Phase की एक अहम कड़ी माना जाता है।
Professional Service Providers की केटेगरी में अक्सर वो लोग होते हैं जो एक Specific Area में अपनी Professional Services Provide करते हैं और लोगों की Problems को दूर करते हैं। लेकिन, यहां ध्यान देने वाली बात है कि Services Providers का दायरा अपने Local Area तक ही सीमित रहता है और वो अक्सर अपने Local Area में रहने वाले लोगों को ही Attract करते हैं और Service Provide करते हैं।
एक Doctor, CA, Real Estate Agent, Financial Advisor के Clinic या Office में कोई बहुत दूर से व्यक्ति नहीं आ सकता, उनका Influence केवल एक सीमित Distance तक होता है।
परन्तु, Digital Marketing Use करने से और Digital Mediums को बेहतर Utilise करने से Geographical Restriction को खत्म किया जा सकता है और आप जिस भी शहर में चाहे उस शहर में अपनी Services दे सकते हैं।
बल्कि, अब तो Video Calls का ज़माना है जहां Zoom & Google Meet जैसे Video Platforms का Use करके लोगों को Consult किया जा रहा है और उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।
Digital Ecosystem Create करके अपने Content के ज़रिए लोगों को आकर्षित करने से कई Advantages मिलते हैं।
जब आप लोगों तक पहुँचते हैं तो वे आपकी Service को एक बार Try ज़रुर करना चाहते हैं। इसके बाद ही ये Decide किया जाता है कि उन्हें आपके साथ आगे Continue करना है या नहीं।
अगर आपकी Services लेने से उनके Problems Solve हो रहे होंगे और परेशानियां कम हो रही होंगी तो आपके पास दोबारा ज़रूर आएंगे और अन्य लोगों को भी आपके बारे में बताएंगे।
अपनी Identity बनाने और Reach बढ़ाने के लिए आप Digital Ecosystem के Components का Use करते हैं जिसमे खुद को Google My Business पर Register करना, Website & Social Media पर Consistent Content Creation And SMS Marketing शामिल होता है।
इन सभी Elements को देखकर आपके Target Customers को आप पर Trust होने लगता है और वो आपको एक Expert के रूप में देखने लगते हैं। इसके साथ ही आपको अन्य कई तरह की Advantages मिलती हैं।
Benefits Of A Digital Ecosystem For Professional Service Providers:
1. Showcases Your Expertise :
एक Expert से ये उम्मीद की जाती है कि वो लोगों की समस्याओं का समाधान निकाल सकता है और उनके कष्ट दूर कर सकता है।
कोई व्यक्ति नहीं चाहेगा कि कोई Unexperienced Doctor उसका इलाज करे, कोई New Lawyer उसका Case Solve करे, या कोई नौसिखिया उन्हें पैसे Invest करने की सलाह दे – हर कोई Expert की राय लेना चाहता है।
Ecosystem Create करने से आप अपनी Expertise को Showcase करते हैं और अपनी Audience को बताते हैं कि आपको कितने वर्षों का अनुभव है, कितना ज्ञान है और आपकी Service लेकर लोगों को क्या फायदा मिला है।
2. Create Influence :
Ecosystem आपको अपना Influence Create करने में मदद करता है। आज ऐसे कई Service Providers हैं जो Digital Mediums का Use नहीं कर रहे हैं। वो अपनी Offline Presence से खुश हैं और जितना मिल रहा है उतने में ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
दूसरी ओर, आपको Digital Marketing का ज्ञान है जिसकी मदद से आप Social Media पर Content Create कर रहे हो, Informative Blog Posts लिख रहे हो और लोगों को Paid Ad Campaigns के माध्यम से अपने बारे में बता रहे हो।
ये सभी Factors Influence बढ़ाने में कारगर होते हैं और आपकी एक Unique Identity बनाते हैं।
3. Generate Quality Leads :
Quality Leads में अक्सर ऐसे लोग होते हैं जिन्हें आपकी Service में Interest होता है पर किसी कारणवश अभी तक आपके Customer नहीं बने होते।
For e.g. अगर आप एक Financial Provider हैं और Stocks, Mutual Funds, Bonds, FDs, Investment इत्यादि से जुड़ी Service Provide करते हैं तो आपके पास ऐसे लोग आएंगे जिन्हे इन सब Financial Instruments में दिलचस्पी है और आपसे सलाह लेना चाहते हैं। आपके पास उनके Contact Details हैं, Email Ids हैं परन्तु कुछ कारणों की वजह से वो अभी भी आपके Top Part Of Funnel में हैं।
ये सभी आपके Quality Leads होते हैं जिन्हें Funnel के Top से Medium Part में लाने और Customer में Convert करने के लिए Nurturing की ज़रूरत होती है।
4. Increases Your Reach :
Digital Ecosystem बनाने का मतलब है कि Search Engine, Website, Social Media & Paid Advertisement के माध्यम से Organic & Inorganically Traffic लेकर आना और अपने Business की Reach बढ़ाना।
अगर आपका गोल है एक अगले एक साल में केवल अपने शहर में Service Based Business को Expand करना तो आप अक्सर अपने शहर में रहने वाले लोगों से शुरुआत करते हैं और सबसे पहले उन्हें ही Target करते हैं।
धीरे-धीरे आपकी Reach बढ़ती जाती है, लोग आपको एक Expert के रूप में जानने लगते हैं और आपका नाम बनने लगता है।
5. Self Branding :
Self Branding आपको अपनी Field का King बनाती है। Traditional Methods से Self Branding Achieve करने में कई वर्ष लग जाते हैं और उसमे आपका दायरा भी थोड़ा बहुत ही बढ़ता है।
Ecosystem बनाने से लोगों के दिल और दिमाग तक पहुँचना आसान होता है और लोग आपको आपके नाम और आपकी Quality Of Service से जानने लगते हैं।
Dr. Lal Path Lab के बारे में शायद आपने सुना ही होगा। वर्ष 1949 में Major S.K Lal ने Blood Bank बनाने और Pathology Services देना शुरू किया था जो केवल एक Small Area तक ही सीमित था।
आज भारत में इनके 214 से ज़्यादा Clinical Laboratories हैं और 3000 से ज़्यादा Patient Service Centers हैं। यही नहीं, आज भारत के अलावा ये Company Bangladesh & Kenya जैसे देशों में भी अपनी Services दे रही है।
इनका Digital Ecosystem इतना Powerful & Active है कि आज जब भी किसी Body Test की बात आती है तो Dr. Lal Path Labs का नाम सबसे ऊपर आता है। इनका नाम अब लोगों की ज़ुबान पर चढ़ गया है। इसी तरह की Self Branding आपको भी चाहिए होती है जो Digital Marketing के अलावा शायद ही कोई अन्य Technique आपको दे पाए।
6. You Become The Ultimate Choice :
हर Service Provider से ये उम्मीद की जाती है कि वो अपने Area में Best Service Provide करे, सही से लोगों का इलाज करे, बेहतर Investment Advice दे, Best Policy Plans बताये, और लोगों को Legal Issues से बाहर निकाले।
ये Expectations उन लोगों को भी होती है जिन्होंने आपका Content देखा होता है, आपकी Website Visit की होती है, उस पर आपका Track Record, Case Studies & Results देखे होते हैं, Blogs पढ़े होते हैं या Ads देखे होते हैं। इन लोगों की सख्या भी बहुत अधिक होती है।
ये सब देखने के बाद कई लोगों को आप पर Trust होने लगता है और जब वो लोग आपकी Services लेते हैं, उन्हें अच्छे Results मिलते हैं और उनके अनुसार चीज़ें होती हैं, वो आपको Respect करने लगते हैं, आपका नाम Recommend करने लगते हैं और Future Problems के लिए आप ही उनकी Ultimate Choice बन जाते हैं।
Freelancing Industry में Pandemic के बाद से काफी बढ़ोत्तरी देखी गई है। Pandemic के दौरान जब Companies अचानक Standstill पर आ गई थीं, Remote Workers की अचानक Demand काफी बढ़ने लगी और Companies को अपने Work को Online शिफ्ट करना पड़ा।
उस 2019-20 के Covid Pandemic में Philippines के बाद भारत में सबसे ज़्यादा Freelancers की Demand देखी गई जो लगातार बढ़ती ही जा रही है। कुछ Reports के मुताबिक, India की Freelancing Industry वर्ष 2025 तक $20 से $30 Billion के आसपास पहुँच जाएगी।
अगर इस आंकड़े को Globally समझने का प्रयास करें तो कुछ Reports बताती हैं कि Freelance Marketplace वर्ष 2025 तक Global GDP में $2.7 Trillion Add कर सकती है।
आज दुनिया की 3.2 Billion Workforce में 1.1 Billion तो Freelancers ही हैं। वहीं, Fortune 500 Companies में 30% Companies, Freelancing Platform Like Upwork से Hire करना Prefer करती हैं।
इतनी ज़्यादा Demand & Growth को देखते हुए आज नौकरी करने वाला शख्स भी Side By Side कुछ अपना शुरु करने के बारे में सोच रहा है।
Freelancing Career के इतने Lucrative होने के पीछे अनेक कारण हैं जैसे – Work Life Balance, No Boss, Time Independent, Flexible Hours, Etc.
आज एक Freelancer अलग-अलग तरीकों से अपनी Journey शुरू करता है और Domestic & International Clients के साथ काम करता है।
ऐसा देखा गया है कि अधिकतर Freelancers आज भी Upwork, Fiverr, Freelancer जैसे Platforms के भरोसे हैं और यहीं अपने Clients सर्च करते हैं।
लेकिन, क्या केवल इन Platforms पर ही निर्भर रहना सही है? क्या होगा अगर कुछ Policies या अन्य किसी कारणवश ये Platforms बंद हो गए?
शायद Freelancers को New Clients नहीं मिलेंगे, वो अपने रोज़मर्रा के खर्चे नहीं निकाल पाएंगे और उनका Career पर संकट के बादल छाने लगेंगे।
ऐसे में Freelancers के लिए इस तरह की Situations से निपटने का सिर्फ एक ही उपाय है, जिसका नाम है Self Branding.
Self Branding को Achieve करने के लिए ज़रूरी है Freelancers अपना Digital Ecosystem Create करें।
जैसा कि Section 4 में बताया गया है, Ecosystem Create करना कोई बड़ी बात नहीं है, पर उसे लगातार Active रखना, उसके विभिन्न Components पर लगातार काम करते रहना महत्वपूर्ण है।
लेकिन, अपना Ecosystem Create करते वक्त भी Freelancers को कुछ महत्वपूर्ण Points को ध्यान रखना होता है।
Factors Important For A Freelancers’ Digital Ecosystem
1. Professional Website :
हम कई बार सुनते हैं कि Professional Website केवल Products & Services को List करने के लिए होती है। लेकिन, Freelancers के लिए ये उससे भी कहीं ज़्यादा बढ़कर होती है जिसे आप एक Portfolio के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
Freelancing Industry में तीन चीज़ें बहुत Matter करती हैं – आपकी Skill, आपका Client और आपका Portfolio.
Skill Develop करने के बाद ही आप एक Freelancer की तरह काम कर सकते हैं और Client Search पर निकल सकते हैं।
लेकिन, आपको समझने की ज़रूरत है कि कोई भी Client किसी नए Freelancer को यूँ ही काम नहीं सौंप देता, वो उसकी Expertise Check करता है, Projects Check करता है, Portfolio देखता है और कभी-कभी तो Free Sample Task भी Perform कराता है।
ऐसी Situation में आपकी Personal Website बहुत Help कर सकती है। Website पर अपने Previous Projects डालकर आप उसे एक Portfolio के रूप में Present कर सकते हैं जो Client का Trust जीतने के लिए काफी होता है।
2. Contact Me Page :
एक बेहतरीन Portfolio Website देखकर Client आपकी Service लेने के लिए Attract ज़रुर हो जाता है लेकिन वो आपको Contact कैसे करेगा, कैसे आपका Interview लेगा, कैसे आपको अपनी Team से Introduce कराएगा और Project को आपके साथ आगे बढ़ाएगा?
इसके लिए अपनी Website पर Contact Me Page Add करना न भूलें। इस Page पर आपके वो सभी Contacts & Links होने चाहिए जिससे Client आपसे Contact कर सके और आपको जान सके।
Contact No., Email Id, Social Media Like LinkedIn, Instagram, Skype Profiles Link – ये सब आपको Website पर Mention करना चाहिए।
3. Testimonials On The Website :
किसी भी Business में Trust Factor बहुत मायने रखता है। अगर आप किसी व्यक्ति को विश्वास दिला देते हो कि उसकी Problems आप Solve कर सकते हैं और इस दावे को अपने Previous Results से Prove कर देते हैं तो वो व्यक्ति आप पर Trust & Believe करने लगेगा और आपका Customer बन जाएगा।
परन्तु, यहां सवाल आता है कि Freelancers अपने Prospects का Trust जीतने के लिए क्या करें या कौन-सी Technique का इस्तेमाल करें ताकि Prospects आपके Customers में Convert हो सकें?
इसके लिए अक्सर Testimonials का Use किया जाता है और Awards & Certificates को अपनी Website पर Show किया जाता है।
Testimonials, Award & Certifications, Recognitions, Reviews & Ratings से Freelancer की Authority बनती है जो Client के मन में एक विश्वास पैदा करती है।
4. Projects Executed :
किसी नए व्यक्ति को आप कैसे बताएंगे कि आप जो भी Freelancing Service Provide कर रहे हैं उसमें आपकी Expertise है, आपने पहले कई Clients के साथ काम किया हुआ है और आप एक Authoritative Person हैं?
इसके लिए ज़रूरी है Website पर कुछ Samples Upload करना। Samples से मेरा मतलब उन Projects से है जो आपने पहले Successfully Execute किए हुए हैं।
For e.g. आप Graphic Designer हैं तो Website पर एक Separate Page बनाकर अपने कुछ बेहतरीन Graphics Upload कर सकते हैं Like Posters, Logo, Banners, Thumbnails, Etc.
Similarly, अगर आप Content Writer हैं तो अपने Content (Viz. Blogs, Articles, Website Content, Email Copy, Social Media Content, Etc.) को Category Wise अपनी वेबसाइट पर एक Page बनाकर Upload कर सकते हैं।
इसके साथ ही ज़रूरी है कि आप अपने सभी Domestic & International Projects के Name & Logo को Showcase करें, जिनके लिए आपने Graphics Design किए थे या Content लिखा था। ये Upcoming Clients का भरोसा जीतने के लिए ज़रूरी हैं।
5. Presence On LinkedIn And Instagram :
अब बात करते हैं Freelancers के लिए Most Important Freelance Platforms की जो Inbound Lead Generation के लिए बहुत ज़रूरी है।
इसमें सबसे पहला नाम आता है LinkedIn का।
LinkedIn आज केवल Job Search करने मात्र का Platform नहीं रह गया है, आज इस पर Content Creation भी होने लगा है।
LinkedIn, Professionals का Platform है जहां Job Searchers के अलावा ऐसे लोग भी हैं जो विभिन्न कंपनियों में अच्छी Position पर कार्यरत हैं और Decision Makers की सूची में आते हैं।
ऐसे लोगों को Company के हित में कई फैसले लेने पड़ते हैं और New Candidates की Recruitment करनी होती है।
ऐसे में आप LinkedIn पर Content Creation के माध्यम से इन लोगों तक पहुँच सकते हैं और इन्हें Attract कर सकते हैं।
ध्यान रखिये कि आपका Content आपकी Services के Around होना चाहिए जहां आप बता रहे हों कि कैसे आपकी Services लेकर Business Owners अपनी परेशानियों को कम कर सकते हैं।
Similarly, Instagram पर भी आज Freelancers काफी Active हो गए हैं और Informational Posts, Case Studies, Reels, Videos के ज़रिये खुद की एक Strong Presence बना रहे हैं।
Quality Content Create करने की वजह से आज या कल उनका Content उनके Target Clients तक पहुँच ही जाता है।
अगर Target Clients को Freelancer का Content और उसमे दी गई Information पसंद आती है तो वह उस Freelancer को Meeting या Call के लिए Invite करते हैं।
Benefits Of Creating An Ecosystem For Freelancers
1. You’ll Have A Strong Portfolio :
एक Strong Portfolio आपकी Credibility, Authority, Trust बढ़ाने में मददगार होता है और Client को आपको Hire करने के लिए ज़्यादा सोचना नहीं पड़ता।
Portfolio केवल Websites पर ही नहीं बल्कि अपने Social Media पर भी Showcase किया जा सकता है जहां आप अपने कुछ Projects के बारे में Necessary Details Post कर सकते हैं।
इसके अलावा आप Google Drive पर भी अपने कुछ Samples (As Portfolio) रख सकते हैं और Clients के साथ Link Share कर सकते हैं।
2. Proven Expertise & Skillset :
हर Business Owner चाहता है कि उसकी Company में केवल काम करने वाले लोग ही रहें जो उसके Goals को Achieve करने में उसकी मदद करें।
लेकिन, क्योंकि Remote Workers पर Business Managers का ज़्यादा Control नहीं रहता, वो Experts को Hire करना बेहतर समझते हैं।
Digital Ecosystem बनाकर आप अपने Skillset Show करते हैं जिससे Clients को पता लगता है कि आपकी किन-किन Skills में Expertise है।
3. Gain Credibility And Trust :
Testimonials, Reviews, Ratings, Certifications, Awards, सब आपकी एक Separate Identity बना देते हैं जो आपको अन्य Freelancers से अलग करती है।
ये सभी Factors, Clients का विश्वास जीतने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और Clients अन्य Freelancers की बजाय आपके संपर्क करना उचित समझते हैं।
4. Project Your Professionalism :
एक Professional Business Owner चाहता है कि उसे भी किसी नौसिखिये की बजाय Professional Freelancer मिले जो उसकी Problems & Goals को समझ सके और सही Strategy बनाकर उसका गोल Achieve करने में उसकी मदद कर सके।
इसलिए, आपने भी देखा होगा कि Business Owners अक्सर Upwork, Fiverr, Freelancer जैसे Platforms पर ज़्यादा Ratings वाले Freelancers को ही Prefer करते हैं।
हालांकि, Low Rated Freelancers को भी मौका मिलता है लेकिन शुरुआत में उन्हें अपनी Authority बनाने के लिए कम पैसों में काम करना पड़ता है।
इसलिए, जितना ज़्यादा आपके अंदर Professionalism होगा, अच्छे Ratings होंगे, Best Samples होंगे, उतने ही ज़्यादा आप Professional Freelancers की Category में Count किए जाएंगे और आपको High Paying Clients मिलते रहेंगे।
5. Self Branding :
Self Branding उस Company की तरह होती है जिसके CEO, Founder And Managing Director आप ही होते हैं और Industry में आपका अच्छा खासा नाम होता है।
Self Brand बनाने का सबसे बेहतरीन ज़रिया है Creating Digital Ecosystem. ये न सिर्फ Clients को आप तक पहुंचाता है बल्कि आप भी Clients तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
Website पर अपने Samples डालकर, Social Media पर Attractive & Engaging Content Create करके, अपनी Services के लिए Paid Ad Campaigns चलाकर, हर तरह से आप अपने Freelancing Business के लिए New Clients ला सकते हैं और अपने Income Sources को बढ़ा सकते हैं।
इस प्रकार बतौर Freelancer आप अपना Digital Ecosystem Create करके सिर्फ इंटरनेट और कंप्यूटर की मदद से Multiple Clients को अपनी Services दे सकते हैं।